गाँधीजी कौन सा आश्रम बना रहे थे? - gaandheejee kaun sa aashram bana rahe the?

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NCERT Solutions for Class 6 Hindi Vasant Chapter 15 नौकर

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

निबंध से

प्रश्न 1.
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने कौन सा काम करवाया और क्यों?
उत्तर
आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गांधी जी ने गेहूँ बीनने का काम करवाया क्योंकि वे उनके दर्प को चूर-चूर करना चाहते थे।

प्रश्न 2.
‘आश्रम में गांधी कई ऐसा काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।
उत्तर
आश्रम में गांधी कई ऐसे काम किया करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। ये कार्य हैं

  1. वे आश्रमवासियों के लिए रोज सुबह चक्की पर आटा पीसा करते थे। कभी-कभी वह चक्की ठीक करने के लिए घंटों मेहनत करते थे।
  2. सुबह की प्रार्थना के बाद गांधी जी रसोई में जाकर सब्जियाँ छीला करते थे।
  3. एक दिन तो वह रसोई में कालिख लगे बड़े-बड़े पतीले चमकाने बैठ गए।
  4. आश्रम के लिए गेहूं बीनने का काम भी गांधी जी किया करते थे।

प्रश्न 3.
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधीजी ने क्या किया?
उत्तर
लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गांधीजी दिन रहते ही पहुँच गए और तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ करने तथा अन्य छोटे-मोटे काम करने में मेजबानों की मदद करने लगे।

प्रश्न 4.
गांधीजी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया?
उत्तर
गांधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। देर रात तक थके-माँदे वह जब भी घर लौटते बच्चे को श्रीमती पोलक के बिस्तर पर से उठा कर अपने बिस्तर पर लिटा लेते। अपनी चारपाई के पास बरतन में वह पानी भर कर रख लेते ताकि बच्चे के रोने पर उसे पिला सकें लेकिन बच्चो कभी नहीं रोता था और रात में आराम से सोया रहता। एक पखवाड़े तक माँ से अलग सोने के बाद बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया।

प्रश्न 5.
आश्रम में काम करने या करवाने का कौन सा तरीका गांधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।
उत्तर
आश्रम में गांधी जी स्वयं हर तरह के काम किया करते थे तथा दूसरों से काम करवाने में सख्ती बरतते थे। लेकिन अपना काम दूसरों से करवाना उन्हें पसंद नहीं था। किसी के पूछने पर वह तुरंत उसे कोई न कोई काम बता देते थे। गांधीजी को स्वयं काम करता देखकर कोई उन्हें कुछ कह भी नहीं पाता था।

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
गांधीजी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने के क्या लाभ हैं? लिखो।
उत्तर
गांधी जी अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पैदल चलते थे। पैदल चलने से हमारे फेफड़ों के अंदर तक हवा पहुँचती है। शरीर में अनावश्यक चर्बी नहीं बढ़ती। इससे शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है तथा दूसरों के ऊपर आश्रित भी नहीं रहना पड़ता। पैदल चलने से लाभ-ही-लाभ हैं। इसके अलावे पैर की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। पैरों में ताकत आती है।

प्रश्न 2.
अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन-कौन से सदस्य अकसर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो

गाँधीजी कौन सा आश्रम बना रहे थे? - gaandheejee kaun sa aashram bana rahe the?

• अब यह देखो कि कौन सबसे ज्यादा काम करता है और कौन सबसे कम? कामों का बराबर बँटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर कक्षा में बताओ।
उत्तर
सबसे ज्यादा काम माँ करती है और सबसे कम मैं, पिता जी, भाई और चाचा करते हैं। कामों का बँटवारा करने के लिए सबको बराबर कामों की ज़िम्मेदारी दी जानी चाहिए।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
गांधी जी अपने साथियों की ज़रूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों? सोचो और अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तर
गांधी जी साथियों की मदद करते थे और उनका काम भी स्वयं कर देते थे, पर वे अपनी कामे दूसरों से करवाना पसंद नहीं करते थे। उनका मानना था कि सेवा के हकदार बीमार, बूढे और बच्चे होते हैं। हमें अपना कार्य स्वयं करना चाहिए तभी आत्मनिर्भरता आती है।

प्रश्न 2.
‘नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गांधीजी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ।।
उत्तर
गांधी के अनुसार, नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर नहीं अपने भाई के समान समझना चाहिए। गांधी जी ऐसा इसलिए कहते होंगे क्योंकि इससे नौकर अपने आपको हीन नहीं समझेंगे। वे भी हमारे परिवार के अंग हैं। गांधी जी उन्हें सम्मान दिलाना चाहते थे। भाई मानने पर वे अधिक लगन के साथ काम करेंगे। इसलिए हमें उनके प्रति सहृदय बनना चाहिए।

प्रश्न 3.
गांधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज हैं। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गांधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गांधी जी का एक दिन कैसे गुज़रता होगा, इस पर अपनी कल्पना से लिखो।
उत्तर
घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि कार्य निबटाने के बाद गांधी जी रात के समय बैठकर लिखते होंगे। गांधी जी में काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। उनका पूरा दिन व्यस्त गुजरता था। खाली बैठना वह नहीं जानते थे और थकान उन्हें कभी नहीं होती थी। सुबह उठकर प्रातः भ्रमण के लिए जाते होंगे। इसके बाद वे थोड़ा-बहुत खाकर लिखने पढ़ने की कार्य करते होंगे। इसके बाद वे आने वाले से मुलाकात करते होंगे। रात्रि को सोने से पहले वे दिनभर के पत्रों का जवाब देते होंगे।

प्रश्न 4.
पाठ में बताया गया है कि गांधीजी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर और स्कूल के छात्रावास से गाँधी जी का आश्रम किस तरह अलग था? कुछ वाक्यों में लिखो।
उत्तर
आश्रम वह स्थान होता है जहाँ घर-गृहस्थी की चिंताएँ छोड़कर व्यक्ति सामूहिक रूप से रहते हैं। यहाँ देश, समाज सेवा एवं धर्म के काम किए जाते हैं, परंतु गांधी जी के आश्रम में स्वतंत्रता सेनानी देश तथा समाज के सेवक और उनके परिवार के कुछ सदस्य रहा करते थे। आश्रम में ही उनका जीवनयापन था और आटा पीसने से लेकर सब्ज़ियाँ उगाने तक का काम वे आश्रम में किया करते थे। साथ ही आश्रम में रहकर वह देश की राजनीतिक हलचल पर भी ध्यान रखते थे। स्कूल के छात्रावास में केवल छात्र रहते हैं वहीं रहकर अध्ययन करते हैं। वहाँ उनका रहने का उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन होता है, उन्हें अन्य किसी कार्य को करने की चिंता नहीं रहती है।

प्रश्न 5.
ऐसे कामों की सूची बनाओ जिन्हें तुम हर रोज़ खुद कर सकते हो?
उत्तर
निम्नलिखित कार्य ऐसे हैं जिन्हें हम खुद कर सकते हैं; जैसे-
सब्जी लाना, सब्ज़ी काटना, अपने कमरे की सफ़ाई करना, चीज़ों को उनकी व्यवस्थित जगह पर रखना। अपने बरतन धोना, अपने जूते पालिस करना, दूध लाना, माँ के काम में मदद करना, बाजार से सामान लाने का काम।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
(क) ‘पिसाई’ संज्ञा है। पीसना शब्द में ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। ‘पीस’ धातु में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है, जैसे ढोना से दुलाई, बोना से बुआई।
मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं। नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं?
रोपाई ………………
कटाई ……………
सिंचाई …………………
सिलाई ………………..
कताई …………………
रँगाई …………………
उत्तर
रोपाई  –  रोपना
कटाई  –  काटना
सिंचाई  –  सींचना
सिलाई  –  सिलना
कताई  –  कातना
रँगाई  –  आँगना
(ख) हर काम  –  धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार भी होते हैं। पिछले पृष्ठ पर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग – अलग कामों से है। पहचानो
कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से हैं?
उत्तर
रोपाई, सिंचाई और कटाई का संबंध कृषि कार्य से है।
सिलाई, कताई तथा रँगाई का संबंध कपड़ों की बुनाई से है।

प्रश्न 2.
(क) तुमने कपड़ों को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। आस-पास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।

गाँधीजी कौन सा आश्रम बना रहे थे? - gaandheejee kaun sa aashram bana rahe the?

उत्तर
तुरपाई  –  हाथ से सिलाई करने को तुरपाई कहते हैं।
बखिया  –  मशीन से जो सिलाई होती है, वह बखिया कहलाती है।
कच्ची सिलाई  –  वह सिलाई जो पक्की सिलाई करने के बाद हटा दी जाए।
चोर सिलाई  –  वह सिलाई जो बाहर से दिखाई न दे, चोर सिलाई कहलाती है।
(ख) नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग।
गाँधीजी कौन सा आश्रम बना रहे थे? - gaandheejee kaun sa aashram bana rahe the?

उत्तर
कालिख  –  स्त्रीलिंग
रोशनी  –  स्त्रीलिंग
भराई  –  स्त्रीलिंग
सेवा  –  स्त्रीलिंग
चक्की  –  स्त्रीलिंग
पतीला  –  पुल्लिग

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गांधीजी कौन सा आश्रम बना रहे थे?

गांधीजी ने स्वतंत्रता और साथ ही साथ समाज के उत्थान की सभी प्रमुख गतिविधियों का संचालन इसी आश्रम से किया, जोकि विख्यात रूप से साबरमती आश्रम के रूप में जाना जाता था।

गांधी जी द्वारा स्थापित पहला आश्रम का नाम क्या है?

कोचरब आश्रम, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता मोहनदास गांधी द्वारा स्थापित भारत में पहला आश्रम था, जोकि उनके दोस्त बैरिस्टर जीवनलाल देसाई ने उन्हें उपहार में दिया था। 25 मई 1915 को स्थापित, गांधी का कोचरब आश्रम गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर के पास स्थित था।

गांधी जी के आश्रम का उद्देश्य क्या था?

गांधीजी ने साबरमती आश्रम से नमक सत्याग्रह का नेतृत्व किया, जिसे दांडी मार्च भी कहा जाता है। इसे सत्याग्रह आश्रम, साबरमती आश्रम भी कहा जाता है। साबरमती आश्रम को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर इस मार्च के महत्वपूर्ण प्रभाव की पहचान के लिए भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्रीय स्मारक नामित किया गया है।

साबरमती आश्रम की क्या विशेषता थी?

साबरमती आश्रम में रहते हुए गांधीजी ने 1930 तक स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन लड़ा था। वैसे तो यह स्थान का ऐतिहासिक एव पौराणिक महत्व है। अंग्रेजो ने भारत में नमक क़ानून शुरू किया तब महात्मा गांधी ने यहाँ से 78 व्यक्तियों के साथ 12 मार्च 1930 के दिन दांडी मार्च (दांडी यात्रा) की शुरुआत की थी