गांव में अक्सर विकास कार्यों की अनियमियता के कारण गांव प्रधान को लोग जिम्मेदार मानते हैं. आइए हम आपको बताते है कि गांव के प्रधान के खिलाफ शिकायत कैसे करते है. Gram pradhan ki shikayat kaise kare: गांव में अक्सर विकास कार्यों की अनियमियता के कारण गांव प्रधान को लोग जिम्मेदार मानते हैं. आइए हम आपको बताते है कि गांव के प्रधान के खिलाफ शिकायत कैसे करते है. इसके बारे में पता नहीं होता इस कारण से लोग उनके खिलाफ शिकायत नहीं कर पाते पर यह बहुत ही आसान प्रक्रिया होती है. जिससे की आप आसानी से किसी भी ग्राम प्रधान की शिकायत कर सकते है. ग्राम प्रधान की शिकायत कैसे करें? Gram pradhan ki shikayat kaise kareयह जानने से पूर्व यह जानना अति आवश्यक है कि ग्राम प्रधान कौन होता है. भारत के संविधान में अनुच्छेद 243 के तहत पंचायती राज की व्यवस्था दी गई है. इसी के तहत ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत गठित की जाती हैं. प्रत्येक ग्राम का एक मुखिया होता है, जो ग्राम प्रधान अथवा सरपंच कहलाता है. सामान्य रूप से संपूर्ण गांव के विकास की जिम्मेदारी इसी ग्राम प्रधान के कंधों पर होती है. अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं और आपको शिकायत है कि आपका ग्राम प्रधान भी वित्तीय गबन में शामिल है, विकास कार्यों में धांधली कर रहा है अथवा उसका आचरण भ्रष्टाचारपूर्ण है तो आप उसकी शिकायत घर बैठे एक टोल फ्री नंबर (toll free number) के जरिए डायरेक्ट कर सकते हैं. यह नंबर है- 1076. आपसे आपका ब्योरा लेकर आपकी शिकायत को दर्ज कर लिया जाएगा. यहां से शिकायत संबंधित विभाग को भेजी जाती है. आप यह जरूर सोच रहे होंगे कि शिकायत करने के लिए आपको पर्याप्त साक्ष्य की आवश्यकता होगी, वह कहां से जुटा सकते हैं. आपको जानकारी दे दें कि ग्राम पंचायत को भेजे गए पैसे एवं इस्तेमाल हुए पैसे का पूरा ब्योरा इन दिनों आनलाइन भी उपलब्ध है. http://egramswaraj.gov.in पर जाकर पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त यदि आप चाहें तो आरटीआई के अंतर्गत भी गांव में होने वाले विकास कार्यों (development works) एवं इन पर खर्च की गई राशि की पूरी जानकारी ग्राम प्रधान से लिखित में हासिल कर सकते हैं. RTI दायर करें?आप RTI के माध्यम से सरपंच से डायरेक्ट पूछ सकते हैं कि बीते साल में सरकार द्वारा कितनी धनराशि मिली और इस धन को गांव के किन-किन विकास कार्य में खर्च किया गया है. इस पर प्रधान की तरफ से लिखित रूप से विवरण दिया जाएगा जो कि आपके पास एक लिखित प्रमाण होगा और इस प्रमाण के आधार पर आप अपने जिले के जिलाधिकारी से शिकायत कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले आप तहसीलदार, जिला पंचायत राज अधिकारी (सीईओ) से लिखित शिकायत कर सकते हैं. ये भी पढ़ें: President Election: शिवपाल और राजभर ने अखिलेश को चौंकाया, द्रौपदी मुर्मू के लिए योगी के डिनर में पहुंचे सेवा में, विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन। महोदय, 1. वर्ष.............के मध्य..................ग्राम पंचायत को किन-किन मदों/याजनाओं के तहत कितनी राशि आंवटित की गई? आवंटन का वर्षवारा ब्यौरा दें। 2. उपरोक्त ग्राम पंचायत द्वारा
इस दौरान कराए गए सभी कार्यो से सम्बंधित निम्नलिखित विवरण दें: 3. उपरोक्त ग्राम पंचायत में वर्ष........के दौरान कार्यो/योजनाओं पर होने वाले खर्चो की जानकारी निम्न विवरणों के साथ दें: मैं आवेदन फीस के
रूप में 10रू अलग से जमा कर रहा /रही हूं। यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयाविध् के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें। भवदीय नाम: संलग्नक: |