· फल विक्रेता : नमस्ते ,बताइये में आपकी कैसे मदद करु ? Show महिला : "पहले ज़माने में तो मैं सौ रूपये में दो किलो फल खरीदता था। अब उतने पैसों में एक किलो भी नहीं मिलता है।" फलवाला : "जी, ये सच है।" फल विक्रेता और महिला के बीच संवादफल विक्रेता : नमस्ते ,बताइये में आपकी कैसे मदद करु ? महिला : मुझे आम खरीदने है। फल विक्रेता : जी बिलकुल, हमारे यहाँ आम कि कई किसमे हैं आप कोनसा आम लेना चाहेंगे? महिला : अरे! आप मुझे ये सिन्दूरी आम दिखाइए, क्या भाव है इसका? फल विक्रेता : यह 60 रुपए किलो है। महिला : अच्छा यह सफेद आम का क्या भाव है? फल विक्रेता : यह 50 रुपए किलो है। महिला : ठीक है अप मुझे दोनों 1 – 1 किलो दे दीजिए, पर मैं 100 रु० ही दूँगी । फल विक्रेता : ठीक है आप ले लीजिए, धन्यवाद ! फिर आइएगा । फल विक्रेता और ग्राहक के बीच संवादग्राहक :- अरे भाई, ये आम के क्या भाव हैं ? विक्रेता :- साहब ! ये दशहरी आम 50 रुपये प्रति किलो और ये देशी आम 40 रुपये प्रति किलो हैं। ग्राहक :- 50 रुपये किलो ? इतना महँगा ? विक्रेता :- साहब ! इस महँगाई के ज़माने में सस्ता है ही क्या ? जब से कोरोना महामारी आयी है सभी वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं। ग्राहक :- हां भाई वो बात तो है, लेकिन ये दाम तो ज्यादा है। विक्रेता :- साहब ! मुझे ही ये आम मंडी से 40 और 35 रुपये के भाव से मिले हैं। किराया भाड़ा निकालने के बाद 5 रुपये प्रति किलो तो बचने ही चाहिए। मेरे भी बाल बच्चे और परिवार है ? ग्राहक :- ठीक है भाई ! लेकिन कुछ तो कम करो मैं 5 किलो आम लूँगा। विक्रेता : ठीक है साहब ! 45 रुपये प्रति किलो का दाम लगा दूँगा। ग्राहक :- ठीक है , 5 किलो निकाल दो। और ये संतरे क्या भाव हैं ? विक्रेता :- साहब ! संतरे 60 रुपये प्रति किलो हैं। ग्राहक :- अब इतने फल ले रहें है तो संतरो के दाम भी कुछ कम करो भाई विक्रेता :- ठीक है साहब ! संतरे 55 रुपये के लग जाएंगे। ग्राहक :- अच्छी बात है, 2 किलो संतरे भी तौल दीजिये विक्रेता :- जी साहब ! ग्राहक :- भाई आम प्राकृतिक रूप से पके हैं या कैमिकल से ? विक्रेता :- साहब ये आम पकने के बाद सीधे डाल से तोड़े जाते है। इसमें किसी प्रकार का कैमिकल इस्तेमाल नही होता। फल विक्रेता और ग्राहक के बीच संवादग्राहक : ( फल विक्रेता से ) संतरे किस भाव हैं। ग्राहक : ( फल देखकर) अठ्ठारह रूपए प्रति दर्जन लगाओ तो एक दर्जन दे दो। फल विक्रेता : ले लीजिये। गिनकर एक दर्जन संतरे ग्राहक हो देता है। ग्राहक : और ये सेब किस भाव दिए ? फल विक्रेता : ये सेब 50 रूपए प्रति किग्रा हैं और वे दूसरे वाले ४० रूपए किग्रा हैं। ग्राहक : ये 50 रूपए वाले सेब 40 रूपए के भाव लगा लो। फल विक्रेता : कितने सेब लोगे ? ग्राहक : दो किलो ले लेंगे। फल विक्रेता : 45 रूपए प्रति किग्रा का भाव लग जाएगा। ग्राहक : ठीक हैं दे दो। (फिर ग्राहक संतरे और सेब के पैसे देकर अपने घर चला जाता है।) विक्रेता :- साहब ! इस महँगाई के ज़माने में सस्ता है ही क्या ? जब से कोरोना महामारी आयी है सभी वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं।ग्राहक :- हां भाई वो बात तो है, लेकिन ये दाम तो ज्यादा है। विक्रेता :- साहब ! मुझे ही ये आम मंडी से 40 और 35 रुपये के भाव से मिले हैं। किराया भाड़ा निकालने के बाद 5 रुपये प्रति किलो तो बचने ही चाहिए। मेरे भी बाल बच्चे और परिवार है ? ग्राहक :- ठीक है भाई ! लेकिन कुछ तो कम करो मैं 5 किलो आम लूँगा। विक्रेता : ठीक है साहब ! 45 रुपये प्रति किलो का दाम लगा दूँगा। ग्राहक :- ठीक है , 5 किलो निकाल दो। और ये संतरे क्या भाव हैं ? विक्रेता :- साहब ! संतरे 60 रुपये प्रति किलो हैं। ग्राहक :- अब इतने फल ले रहें है तो संतरो के दाम भी कुछ कम करो भाई विक्रेता :- ठीक है साहब ! संतरे 55 रुपये के लग जाएंगे। ग्राहक :- अच्छी बात है, 2 किलो संतरे भी तौल दीजिये विक्रेता :- जी साहब ! ग्राहक :- भाई आम प्राकृतिक रूप से पके हैं या कैमिकल से ? विक्रेता :- साहब ये आम पकने के बाद सीधे डाल से तोड़े जाते है। इसमें किसी प्रकार का कैमिकल इस्तेमाल नही होता। ग्राहक :- फिर तो ठीक है। (ग्राहक पैसे देकर फल लेता है और घर चला जाता है।) यह भी पढ़ें :- दो मित्रों के बीच संवाद यह भी पढ़ें :- महात्मा गांधी पर निबंध यह भी पढ़ें :- वसंत ऋतु पर निबंध यह भी पढ़ें :- शरद ऋतु पर निबंध आज आपने जानाहां तो दोस्तों आशा करते हैं कि आपको हमारी आज की यह पोस्ट Fal vikreta se samvaad पसंद आई होगी। आज की इस पोस्ट में हमने "फल विक्रेता और ग्राहक के बीच बातचीत संवाद" ग्राहक और दुकानदार के बीच संवाद कैसे लिखें?साहब यहाँ की किसी भी दुकान में जाओ, इसी दाम में मिलेगा। ग्राहक: पाँच किलो चाहिए, कुछ तो कम कर दो।
संवाद कैसे लिखा जाता है?अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ –
(1) संवाद में प्रवाह, क्रम और तर्कसम्मत (अर्थपूर्ण) विचार होना चाहिए। (2) संवाद देश, काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए। (3) संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए। (4) संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
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