दाब बढ़ाने पर गलनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है? - daab badhaane par galanaank par kya prabhaav padata hai?

हेलो फ्रेंड्स हमारे क्वेश्चन है दाब बढ़ाने पर किसी पदार्थ का जो गलनांक होता चार ऑप्शन कि मैंने कम हो जाता है बढ़ जाता अपरिवर्तित रहता है पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है एक्चुअली जब हम यहां पर दाग बढ़ाते हैं जब हम यहां पर प्रेशर दाग को इनक्रीस करते हैं क्या होता है अगर कोई सब्सटेंस है कोई है कोई भी अगर हम पधार कर शेयर करें तो पदार्थ अगर कोई कशीदाकारी कोई पदार्थ है इसके अंदर जो हमारे मॉलिक्यूल सोते हैं इसके अंदर जो हमारे छोटे छोटे होते हैं यह और भी पास आ जाते जैसे हम यहां पर जो है प्रेशर अप्लाई करते हैं इसके चारों तरफ अगर हम यहां पर जो है प्रेशर अप्लाई करते हैं तो फिर क्या होता है कि हमारे जो मटेरियल होता जो भी पदार्थ होता हमारा और हार्ड हो जाता और कठोर हो जाता है इसके अंदर के मालिकों से क्या होता है यह और ज्यादा पास आ जाते हैं एक दूसरे के तो और ज्यादा इनके औरों के बीच में और ज्यादा जो है अंतरण लग जाता है और ज्यादा हमारी यह मटेरियल क्या हो जाते हैं हार्ड हो जाते और ज्यादा कठोर हो जाते हैं प्रेशर बढ़ाने की वजह से मटेरियल क्या हो जाता हमारा कठोर हो जाता है और पास आने की वजह से इनका वॉल्यूम भी कहीं ना कहीं इनका वजन भी कनेक्ट होता थोड़ा बहुत बहुत ही -

फोटो की किस हॉलिडे तो बहुत मायने नहीं सकता है लेकिन कम हो जाता है थोड़ा बहुत तो प्रेशर इनक्रीस करने से क्या होता है कि यह हमारा मटेरियल कोई भी पदार्थ होता तो क्या होता है वह और ज्यादा जो हार्ड हो जाता और कठोर हो जाता है और गलनांक हमारे क्या होता गलनांक होता है कि जब हमारा जो है ठोस पदार्थ जो है ब्रो में चेंज होता गलनाक हमारे क्या होता है वह पॉइंट होता है जब हमारा ठोस वह किस में कन्वर्ट हो रहा होता दरों में जब खुश हमारा दिनों में यहां पर कन्वर्ट हो रहा है तो मींस इसका आयतन क्या हो रहा है इनक्रीस हो रहा है आजकल क्या हो रहा है इनक्रीस हो रहा है ठोस का द्रव में कन्वर्ट हो रहा स्थान इनक्रीस रहा है तुम्ही से किया जा रहा है तू तो जा रहे हैं जब हम यहां पर प्रेशर अप्लाई करते हैं तो क्या होता है कि हमारा जो इनके आसपास पास आ जाते अंतरंग बल बढ़ जाने की वजह से फिर जब हम इनको गलाने की कोशिश करते हैं तो यह आसानी से दूर नहीं जाते इन का आयतन आसानी से इनक्रीस नहीं होता है तो इसकी वजह से जो हमारे इस वजह से जो हमारा गलनांक पॉइंट होता जो हमारे मेल्टिंग प्वाइंट गलनांक होता क्या होता हमारा इनक्रीस हो जाता है क्योंकि दबाव की वजह से जो दबाव बढ़ने की वजह से मारा

फिर क्या हो जाओ ज्यादा हॉट हो जाता है और ज्यादा कठोर हो जाता है इन के अणुओं के बीच अंतराल में और ज्यादा लगने लगता है जब इनको ठोस से द्रव में परिवर्तित करना पड़ता तो आज हमें इनक्रीस करना पड़ेगा क्योंकि द्रव का आयतन जो है कंप्लीट हो सके कंपैरिजन में ज्यादा होता है तो इसलिए क्या होता है कि हमें जो है ज्यादा टेंपरेचर बढ़ाने की रिक्वायरमेंट पड़ती है ज्यादा उसमें उर्जा देना पड़ता तब जाके करना स्टार्ट होता है तो इसलिए हमारे का गलनांक बढ़ जाता है जो हमारा आंसर होगा सेकंड ऑप्शन हमारे करेक्ट ऑप्शन होगा तो लेकिन यह हमारा जो एक हमारे स्पेशल केस होता आईस का केस होता बर्फ के केस में ऐसा नहीं होता है अगर हम वर्ष की बात करें तो वर्ष के में क्या होता है कि जब हम यहां पर दाब बढ़ाते हैं बस में जब हम गांव इनक्रीस करते हैं तो उसका क्या होता है कि गलनांक हमारा उसका क्या हो जाता है बर्फ का कम हो जाता है ऐसा क्यों होता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जो बर्फ होता है जो मरा बर्फ होता है और जब उस अवस्था में होता है तो उसका घनत्व क्या होता है उसका जो आयतन क्या होता है जरा उससे भी ज्यादा होता है ओके जब हमारा बर्फ ठोस अवस्था में होता है तो उसका क्या होता है घनत्व

उठाओ राजस्थान इसका क्या होता द्रव के आयतन से ज्यादा होता है क्योंकि यह क्या बनाते हैं खटमल की संरचना बनाते हैं तो इसका आयतन क्या होता है ज्यादा होता है किससे इसका आयतन जो है बरस का आयतन जो है हमारे क्या होता ज्यादा होता द्रव के आयतन से द्रव के आइटम से बर्फ का आयतन हमारा दरों के आइटम से ज्यादा होता है तो जब हम यहां पर दाब बढ़ाते हैं तो बर्फ का आयतन कम होता है और उधर ओके और पास आता है तो दे ओके और पाद रहा है तुम दोनों के और पास आता है तो इसलिए दाम बढ़ाने से गलनांक क्या हो जाता है बर्फ का कम हो जाता है तो वैसे नॉर्मल ही कोई पदार्थ है अगर आप बढ़ाते हैं तो गलनांक हमारा इनक्रीस होता लेकिन बर्फ के केस में जस्ट ऑपोजिट होता दाब बढ़ाने पर गलनांक क्या होता है मरा डिक्रीज होता है कम होता है यहां समर क्वेश्चन कंप्लीट हो जाता है ओके थैंक यू

दाब क्या है? द्रवों में दाब का क्या नियम है? गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का क्या प्रभाव पड़ता है. जानने के लिए पढ़ते हैं दाब.

दाब (pessure): किसी सतह के एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं यानी कि
दाब(P) = F/A = पृष्ठ के लंबवत बल/पृष्ठ का क्षेत्रफल
दाब का S.I. मात्रक N / m^2 होता है, जिसे पास्कल (Pa) भी कहते हैं. दाब एक अदिश राशि है.

वायुमंडलीय दाब (atmospheric pressure): सामान्यता वायुमंडलीय दाब वह दाब होता है, जो पारे के 76 सेमी. लंबे कॉलम के भार के बराबर होता है. वायुमंडलीय दाब का S.I. मात्रक बार (bar) होता है.
1 बार = 10^5 N/m^2
वायुमंडलीय दाब 10^5 न्यूटन / मीटर^2 यानी कि एक बार के बराबर होता है.
पृथ्वी की सतह से ऊपर जाने पर वायुमंडलीय दाब कम होता जाता है, जिसके कारण
(i) पहाड़ों पर खाना बनाने में कठिनाई होती है.
(ii) वायुयान में बैठे यात्री के फाउंटेन पेन से स्याही रिस जाती है.

वायुमंडलीय दाब को बैरोमीटर से मापा जाता है. इसकी सहायता से मौसम संबंधी पूर्वानुमान भी लगाया जा सकता है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब एकाएक नीचे गिरता है, तो आंधी आने की संभावना होती है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे गिरता है, तो वर्षा होने की संभावना होती है.
बैरोमीटर का पाठ्यांक जब धीरे-धीरे नीचे-ऊपर चढ़ता है, तो दिन साफ होने की संभावना होती है.

द्रव में दाब (pressure in liquid): द्रव के अणुओं के द्वारा बर्तन की दीवार अथवा तली के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को द्रव का दाब कहते हैं. द्रव के अंदर किसी बिंदु पर द्रव के कारण दाब द्रव की सतह से उस बिंदु की गहराई (h) द्रव के घनत्व (d) तथा गुरुत्वीय त्वरण (g) के गुणनफल के बराबर होती है.
यानी कि p(दाब) = h x d x g

द्रव्यों में दाब के नियम:
(i) स्थिर द्रव में एक ही क्षैतिज तल में स्थित सभी बिन्दुओं पर दाब समान होता है.
(ii) स्थिर द्रव के भीतर किसी बिंदु पर दाब प्रत्येक दिशा में बराबर होता है.
(iii) द्रव के भीतर किसी बिंदु पर दाब स्वतंत्र तल से बिंदु की गहराई के अनुक्रमानुपाती होता है.
(iv) किसी बिंदु पर द्रव का दाब द्रव के घनत्व पर निर्भर करता है. घनत्व अधिक होने पर दाब भी अधिक होता है.

द्रवों में दाब के नियम:

पास्कल के नियम का प्रथम कथन:- यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाए तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिंदु पर दबाव समान होता है.
पास्कल के नियम का द्वितीय कथन:- किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल, द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण में संचरित कर दिया जाता है.

पास्कल के नियम पर आधारित कुछ यंत्र हैं: हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि.
द्रव का दाब उस पात्र के आकार या आकृती पर निर्भर नहीं करता जिसमें द्रव रखा जाता है.

गलनांक तथा क्वथनांक पर दाब का प्रभाव (effect of pressure on melting point and boiling point):
गलनांक पर प्रभाव:
(i) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन बढ़ता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी बढ़ जाता है: जैसे- मोम, घी आदि.
(ii) गर्म करने पर जिन पदार्थों का आयतन घट जाता है, दाब बढ़ाने पर उनका गलनांक भी कम हो जाता है: जैसे- बर्फ

क्वथनांक पर प्रभाव: सभी द्रवों का क्वथनांक बढ़ाने पर दाब बढ़ जाता है.

दाब बढ़ाने से गलनांक क्या होता है?

दबाव बढ़ने पर बर्फ का गलनांक कम हो जाता है क्योंकि दाब बढ़ने पर आयतन कम हो जाता है और पानी की मात्रा बर्फ से कम हो जाती है।

दाब बढ़ाने पर जल का क्वथनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है?

Solution : दाब के बढ़ने से क्वथनांक का मान बढ़ जाता है और दाब घटने से क्वथनांक का मान घट जाता है। पारे के 76 mm दाब पर शुद्ध पानी `100^@C` पर उबलता है, अर्थात उसका क्वथनांक `100^@C` होता है। पारे के 26.8 mm दाब बढ़ने या घटने से पानी का क्वथनांक `1^@C` से बढ़ता है या घटता है

ताप बढ़ाने पर बर्फ का गलनांक में क्या परिवर्तन होता है?

किसी ठोस पदार्थ का गलनांक (या द्रवणांक (melting point) वह तापमान होता है जिस पर वह अपनी ठोस अवस्था से पिघलकर द्रव अवस्था में पहुँच जाता है। गलनांक पर ठोस और द्रव प्रावस्था साम्यावथा में होती हैं।

दाब का नियम क्या है?

द्रव (तरल) दाब के नियम किसी द्रव के भीतर एक ही क्षेत्रफल में स्थित सभी बिंदुओं पर दाब समान होता है। किसी द्रव का दाब उस द्रव के घनत्व के समानुपाती होता है।