गुरु का विलोम शब्द क्या होगा संस्कृत में? - guru ka vilom shabd kya hoga sanskrt mein?

December 25, 2018

(A) अवगुण
(B) दोष,
(C) लघु
(D) उथला

Answer : लघु

गुरु (Guru) का विलोम शब्द लघु है। किसी शब्द का विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले शब्द को विलोम शब्द कहते हैं। सरल भाषा में कहा जाए तो एक-दूसरे के विपरीत या उल्टा अर्थ देने वाले विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहलाते हैं। विपरीतार्थक शब्दों को प्रतिलोमार्थक, विपर्यायवाची और विलोम शब्द भी कहते हैं। विलोम शब्दों की रचना कभी पूर्णतया कोई भिन्न शब्द विपरीत अर्थ में प्रयुक्त होती है और कभी मूल शब्द में ही उपसर्ग लगाकर विरोधी अर्थ देने वाले शब्द बना लिए जाते हैं।....अगला सवाल पढ़े

Tags : विलोम शब्द

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Guru Ka Vilom Shabd in Hindi – आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे के Guru Ka Vilom Shabd क्या है. और साथ ही में कुछ और भी गुरु का विपरीत शब्द के बारे में भी जानेंगे।

लेकिन उससे पहले जानते हैं के विलोम शब्द होता क्या है? विलोम शब्द का मतलब होता है उल्टा या फिर विपरीत। गुरु भाषा में कहे तो किसी भी शब्द, भाषा के विपरीत शब्द कों विलोम या विपरीतार्थक शब्द कहते हैं। 

चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं Guru Ka Vilom Shabd के बारे में। 

अगर आप भी स्कूल में पढ़ते हैं या फिर किसी सरकारी जॉब की तैयारी कर रहें हैं तो आपके exam में विलोम शब्द जरूर पूछे जाते होंगे और ऐसा ही एक विलोम शब्द पूछता जाता होगा guru Ka Vilom Shabd

अगर आपके भी Exam में ये सवाल आता है के गुरु का विलोम शब्द बताओ या फिर आपसे कोई पूछे के गुरु का विलोम शब्द क्या होता है. तो आपको उसका ये उत्तर देना है.

Question – Guru Ka Vilom Shabd Kya Hai ?

Ans – शिष्य  ।

गुरु का विलोम शब्द वाक्य में प्रयोग करके बताएं।

गुरु – हमें अपने गुरु का सदा आदर कारना चाहिए।  

शिष्य –  शिष्य को अपने गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए।  

आज हमने जाना के गुरु का विलोम शब्द क्या होता है. साथ ही गुरु के विलोम शब्द को वाक्य में प्रयोग करके भी बताया।

Guru Ka Vilom Shabd से जुड़े FAQs

Q. गुरु का विलोम शब्द क्या है?

Ans. गुरु का विलोम शब्द शिष्य  है।

Q. गुरु का अर्थ क्या है?

Ans. गुरु का अर्थ शिक्षक होता है, अर्थात जो हमें ज्ञान देता है । 

Q. शिष्य का अर्थ क्या है?

Ans. शिष्य का अर्थ है – विद्यार्थी , अर्थात सीखने वाला । 

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गुरु का विलोम शब्द या गुरु का विलोम , गुरु का उल्टा क्या होता है ? Guru ka vilom shabd

शब्द विलोम शब्द
गुरु लघु, शिष्य
Guru Laghu, Shishy

‌‌‌गुरू का विलोम शब्द और अर्थ

गुरु का विलोम शब्द क्या होगा संस्कृत में? - guru ka vilom shabd kya hoga sanskrt mein?

दोस्तों गुरू का विलोम शब्द शिष्य होता है। गुरू का मतलब होता है जो आपको किसी भी प्रकार का ज्ञान देता है वह गुरू ही होता है। इस वजह से पहले गुरू माता पिता ही होते हैं। क्योंकि जन्म के साथ ही माता पिता बच्चे को ज्ञान देने लगते हैं। और वे उसे खाना पीना और ‌‌‌संस्कार देते हैं।यदि माता पिता बच्चे को अच्छे संस्कार देते हैं तो बच्चा आगे चलकर अच्छा इंसान बनता है। और यदि माता पिता अपने बच्चे को अच्छे संस्कार नहीं देते हैं तो बच्चा आगे चलकर गलत रस्तों पर जा सकता है। इसलिए माता पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे को अच्छे संस्कार दें । आजकल ‌‌‌पहले गुरू का स्वरूप भी बदल चुका है। अब पहला गुरू माता पिता नहीं होते हैं वरन घर मे रहने वाली नौकरानी होती है। वही बच्चे को संस्कार देती है। ऐसी स्थिति मे यह निर्भर करता है कि नौकरानी कैसी है ? यदि वह अच्छी नहीं है तो बच्चे के मन पर भी इसका गलत असर पड़ेगा ।

‌‌‌इन सबके अलावा पहले शिक्षा देने के लिए जंगल मे आक्ष्रम बने होते थे उनके अंदर योग्य गुरू शिक्षा देते थे जो सभी विषयों के ज्ञाता हुआ करते थे । लेकिन आज ऐसा नहीं है। आज गुरू का मतलब है। आपको पैसा कमाने का तरीका बताने वाला इंसान । जो आपको अच्छा पैसा कमाने का तरीका बतादेता है। वही आपको सच्चा ‌‌‌गुरू बन सकता है।और सिर्फ इतना ही नहीं है। कलयुगी लोग गुरू और शिष्य के रिश्तों को ही कलंकित कर चुके है। आपके समाज मे पूरी तरह से कचरा परोशा जाता है और आपके बच्चे उस कचरे को दिमाग मे ठूंसते हैं जिससे बड़े होने के बाद गुरू नहीं लवर नजर आता है।

‌‌‌अक्सर आपने ऐसी अनेक फिल्मे देखी होगी जिसके अंदर कि बच्चे को शिक्षक से प्यार हो जाता है और उसके बाद दोनो शादी कर लेते हैं। और भी न जाने अनाप शनाप । तो आप समझ सकते हैं कि अब वो बात नहीं रही है। गुरू शब्द को ही कलयुगी लोगों ने बदनाम कर डाला है।

‌‌‌खैर जैसी लोगों की मानसिकता होती है उससे वैसी ही चीजे निकलती हैं।यदि कोई इंसान गुरू के बारे मे कुछ अच्छा सोचता है तो फिर वह गुरू के खिलाप बुरी चीजें क्यों बोलेगा। सिर्फ इतना ही नहीं है। कुछ लोग तो गुरू शब्द को बदनाम करने मे लगे हैं।

‌‌‌वे गुरू शब्द से ही चिढ़ जाते हैं और यह कहने लग जाते हैं कि गुरू जैसी कोई भी चीज नहीं होती है। सब बकवास है। हाल ही मे एक सज्जन बस मे बैठे चिल्ला रहे थे कि अरे बीमारी भयंकर है मास्क पहन लो । ‌‌‌मैंने कहा अरे भाई तुम इतना डरते क्यों हो भौतिकवादी मालूम होते हो ।और बात उसके सीने पर लग गई । लेकिन हकीकत यही है कि हम इतने भौतिकवादी हो चुके हैं कि हमारी शिक्षा हमे बकवास चीजें सीखा रही है। वह नहीं सीखा रही जो सबसे अधिक जरूरी है।

‌‌‌शिष्य का मतलब

दोस्तों शिष्य का मतलब होता है जो शिक्षा ग्रहण करने के योग्य होता है वही शिष्य होता है। पहले जमाने मे आज की तरह के गुरू नहीं थे । शिक्षा देने का तरीका बेहतरीन हुआ करता था। और हर गुरू हर किसी को शिष्य भी नहीं बनाता था। आजकल अनेक तरह के शिष्य भी हो चुके हैं।‌‌‌कुछ दिनों पहले एक गुरू के शिष्य ने हमे आकर ज्ञान दिया कि हमारा गुरू ऐसा है वैसा है ? और उसके बाद तर्क करने लगा । लेकिन असल मे इस प्रकार के शिष्यों को तर्क करना ही नहीं आता है। हां वे कुतर्क अवश्य ही कर सकते हैं। कारण यह है कि इनको यह सब अच्छे से करना आता है।

‌‌‌आजकल गुरू शिष्य का मतलब बदल चुका है।खैर आजकल जो उम्र मे बड़ा हो जाता है वह ज्ञानी बने घूमता है और शिष्य कोई बनना ही नहीं चाहता है। 3 साल का बच्चा भी ज्ञान पेलता है। भले ही वह खुद पर उसे लागू करता ही ना हो । इसलिए एक शिष्य की खोज करना बहुत ही कठिन कार्य है।‌‌‌इस प्रकार से शिष्य वह होता है जो ज्ञान पेलने का इच्छुक नहीं वरन ग्रहण करने का इच्छुक हो ।

‌‌‌योग्य शिष्य की तलास

दोस्तों प्राचीन काल की बात है।गुरू माधव हुआ करते थे । वैसे तो उनके पास बहुत सारे शिष्य थे लेकिन उनको एक ऐसे शिष्य की तलास थी जो उनके समस्त ज्ञान को ग्रहण करने की काबिलियत रखता हो । इसके लिए उन्होंने बहुत जगह पर छान मारी लेकिन उन्हें ऐसा कोई शिष्य नहीं मिला ।

‌‌‌उसके बाद एक दिन माधव अपने शिष्यों के साथ जा रहे थे तो बीच रस्ते मे उनको प्यास लगी वे एक बालक के पास पानी पीने के लिए गए । बालक ने उनको पानी दिया और पूछा ……आप जानते हैं कि भगवान कैसे मिलता है ?

माधव ने मजाक मे ही कह दिया …..उस मंदिर मे बैठकर भगवान का गुणगान करने से । और उसके बाद ‌‌‌वे चले गए । बालक ने इस बात पर यकीन कर लिया और उसने सारे कार्यों को छोड़ दिया और उसी मंदिर मे डेरा डालकर भगवान का गुणगान करने लगा । उसके माता पिता उसे तलासते आए लेकिन उसने जाने से मना कर दिया । उसके बाद वे उसे वहीं पर खाना दे जाते ।

गुरु का विलोम शब्द क्या होगा संस्कृत में? - guru ka vilom shabd kya hoga sanskrt mein?

‌‌‌बालक को नहाने की भी फूर्सत नहीं थी । वह बस भगवान का नाम का जाप करता । उसे यकीन हो गया कि उसे भगवान यहीं पर मिलेंगे ।उसकी इस प्रकार की हालत को देखकर लोग उसे धीरे धीरे पागल समझने लगे ।

‌‌‌बालक के माता पिता ने भी उससे दूरी बना ली ।उसके बाद क्या था लगभग 30 साल बाद माधव उसी रस्ते से गुजरे जब मंदिर के पास गए तो देखा कि एक व्यक्ति पागलों की तरह भगवान का नाम ले रहा है ।उसने माधव को नहीं देखा था।‌‌‌सब शिष्य उस बालक को पागल बता रहे थे माधव उस पागल को ध्यान से देख रहा था। उसे समझ आया कि यह पागल नहीं है। यह सही मायेने मे एक योगी है वे उसके पास गए और बोले ……तुम यह क्या कर रहे हो ?

…..आप यहां आपने ही तो कहा था कि भगवान इस मंदिर मे बैठ कर गुणगान करने से मिलता है मैं तो यही पीछले 30 ‌‌‌सालों से कर रहा हूं ।

‌‌‌माधव की आंखों मे आंसू आ गए । वे बोले …..सच मुच तुम महान इंसान हो । ऐसा इंसान मिलना ही दुर्लभ है। अब तुम्हें कुछ अधिक करने की जरूरत नहीं है। भगवान से मैं तुझे मिलाउंगा । जिसकी तलास मुझे थी वह तुमही हो ।

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संस्कृत में गुरु का विलोम शब्द क्या है?

दोस्तों गुरू का विलोम शब्द शिष्य होता है। गुरू का मतलब होता है जो आपको किसी भी प्रकार का ज्ञान देता है वह गुरू ही होता है।

गुणवान का विलोम शब्द क्या होता है?

गुणवान का विलोम शब्द दोषवान है।

विलोम शब्द संस्कृत में क्या कहते हैं?

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संस्कृत में गच्छति का विलोम शब्द क्या है?

अतः इसका विलोम शब्द होगा 'जाता है'। श्लोकांश में इसके लिए गच्छति शब्द प्रयुक्त है। मन्दः - धीमा।