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प्रकृति के बीच अपने शरीर की गर्मी को कैसे कम करेंBy: Nimba - June 14, 2022 वातावरण में परिवर्तन के कारण हम रेकॉर्ड ब्रेक गर्मी का सामना कर रहे है। सूरज की तेज धूप का इतनी बढ़ जाती है कि घर से बाहर कदम रखते ही ऐसा एहसास होता है, कि कहीं कहीं हमारा पूरा शरीर जल न जाए। बाहर की इस तीव्र गर्मी का असर हमारे शरीर के अंदर के हिस्सों में भी होता है। ज्यादा धूप में घूमने से कई लोगों को हीट स्ट्रोक भी लगता है। तो अब सवाल यह है की हम कैसे जान सकते है की हमारे शरीर में गर्मी का प्रभाव बढ़ा है या नहीं । यहॉं हम कुछ कारणों का उल्लेख कर रहे है जिनसे आप जान सकते है कि आपके शरीर में गर्मी का प्रभाव बढ़ा है। कैसे जाने के शरीर में बढ़ा है गरमी का प्रकोपसामान्य: स्थिति में मनुष्य के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस पानी की 98.5 फेरेनहीट जीतना होता है। ज़्यादा गर्मी और कुछ अन्य कारणों से भी हमारे शरीर का तापमान बढ़ता है। तो जानिए क्या है वह लक्षण क्या है :
गर्मियों में बाहर के तापमान की वज़ह से तो शरीर का तापमान बढ़ता है साथ ही कुछ अन्य कारण भी है जिससे शरीर का तापमान बढ़ता है। आइए जानते है क्या है वह अन्य कारण वातावरण के अलावा भी इन कारणों से शरीर में बढ़ती है गर्मी
शरीर की गर्मी को दूर करने के उपायऐसी परिस्थिति में यह बेहद महत्वपूर्ण होता है की अपने शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए हम प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करें । जिनमें खाने – पीने की आदतें, कपड़े पहनने की आदतें, व्यायाम जैसी कई आदतों का समावेश होता है। तो आइए हम शरीर की गर्मी को दूर करने के उपाय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करते हैं : ज़्यादा पानी पीनाअक्सर गर्मियों में लोगों के शरीर में पानी की कमी देखी जाती है, जिसके कारण कई लोग डिहाइड्रेट हो के बेहोश भी हो जाते है। इस लिए गर्मियों में ज्यादा पानी पीने की नसीहत दी जाती है । गर्मियों में थोड़ा सा शारीरिक श्रम करने से भी शरीर में पानी की कमी देखी जाती है इस लिए विशेषज्ञ यह भी सलाह देते है की एक वयस्क व्यक्ति को गर्मियों के दिनों में 4 से 5 लिटर पानी पीना चाहिए और हो सके तो पानी में थोड़ी सी चीनी और नमक भी डालें, यह दोनों पदार्थ प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स है। गर्मियों की आदत डालेंकई लोग गर्मियों में सिर्फ ए.सी. में रहना पसंद करते जो की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्योंकि इससे हमारे शरीर को गर्मी सहने की आदत ही नहीं रहती है। कभी कभी हम थोड़ी सी गर्मी में भी बाहर निकलते है तो हम बीमार हो जाते है। इस लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम हमारे शरीर को हर वातावरण के अनुकूल बनाए । कपड़ों की पसंदगी में रखें ध्यानगर्मियों में हंमेशा हल्के रंग के और ढीले परिधान पसंद करे। विज्ञान के नियमों के अनुसार गहेरे रंग सूर्य की किरणों को ज्यादा प्रमाण में सोखता है जबकी हल्के रंग सूर्य की किरणों को कम मात्रा में सोखते है। इस के कारण यदि हम सफेद, क्रीम या हल्के पीले इत्यादि रंग के कपड़े पहनते है तो हमें प्रमाण में कम गर्मी लगती है साथ ही ढीले कपड़ों के कारण हमें सांस लेने में परेशानी नहीं होती। पानी का प्रभाव ज्यादा हो वैसे पदार्थो का उपयोगकई खाद्य पदार्थ ऐसे होते है जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे ककड़ी, पत्ता गोभी, तरबूच। गर्मी में ऐसे पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है और शरीर का तापमान भी कम रहता है। इस के अलावा यह ऐसे खाद्य पदार्थ है जो सरलता से पाच्य भी है। पेय पदार्थो का ज्यादा प्रयोगगर्मियों में हो सके वहॉं तक ठोस खाद्य पदार्थों से ज़्यादा पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिससे शरीर में पानी की मात्रा बरकरार रहे। इन पेय पदार्थों में अनार, तरबूज, आम, नारियल पानी जैसे फलों का रस, नींबू पानी, एलोवेरा ज्यूस, छाछ जैसे पदार्थो का समावेश होता है। इन पेय पदार्थों का प्रभाव शरीर पर तो पड़ता है साथ ही यह पदार्थ हमारी सुंदरता निखारती है। सत्तू का सेवन करेंचने से तैयार होने वाला सत्तू हमारे शरीर को ठंडा रखता है। गर्मी में खाने में सत्तू का सेवन ज्यादा करना चाहिए। सबसे आसान तरीका यह है की पानी में सत्तू, नींबू, नमक घोल के पीएं। अगर हम बात करते है शरीर की गर्मी कम करने के उपाय की तो यह एक श्रेष्ठ पेय पदार्थ है। प्राणायाम करेंवैसे तो गर्मियों में ज्यादा शारीरिक श्रम हमारे शरीर में ऊर्जा का प्रमाण बढ़ा सकता है पर कुछ प्राणायाम जैसे शीतली और शीतकारी प्राणायाम करने से शरीर में गर्मी कम होती है। गर्मियों से बचने के लिए आए प्रकृति कि गोद मेंनिंंबा नेचर क्यॉरविलेज एक ऐसी जगह है जहॉं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से व्यक्ति का इलाज किया जाता है। शहेर के बीच यह एक ऐसी जगह है जहॉं आपको प्रकृति का एहसास मिलता है । यहॉं आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए प्राकृतिक थेरेपीस दी जाती है। इन गर्मियों में यहॉं का प्राकृतिक वातावरण ही आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। साथ ही यहॉं कई होलिस्टिक थेरेपीस और योगा सेशन्सहोते है जो आपके शरीर की गर्मी को दूर करने के उपाय में से बहुत ज्यादा फायदेमंद माने जाते है। तो आज ही गर्मियों से बचने के लिए प्रकृति कि गोद में आए और यहॉं की ट्रीटमेन्ट्स का लाभ उठाएं । FAQsQ) पेट की गर्मी के लक्षणशरीर में और उसमें भी ख़ास करके पेट में गर्मी बढ़ने के कुछ लक्षण इस प्रकार से है।
Q) शरीर गर्म रहने के कारण और उपाय शरीर गर्म रहने के कुछ कारण इस प्रकार से होते है :
Q) शरीर की गर्मी को कम करने के उपायशरीर की गर्मी को कम करने के लिए इस प्रकार के कुछ प्राकृतिक तरीकें अपना सकते है
Q) पेट की गर्मी दूर करने के उपाय पेट में कई कारणों से गर्मी बढ़ती है पर उसे कम करने के कुछ घरेलु नुस्खे है, जिससे हम बढ़ती हुई गर्मी को कम कर सकते है।
शरीर के अंदर की गर्मी कैसे निकाले?सत्तू का सेवन करें
चने से तैयार होने वाला सत्तू हमारे शरीर को ठंडा रखता है। गर्मी में खाने में सत्तू का सेवन ज्यादा करना चाहिए। सबसे आसान तरीका यह है की पानी में सत्तू, नींबू, नमक घोल के पीएं। अगर हम बात करते है शरीर की गर्मी कम करने के उपाय की तो यह एक श्रेष्ठ पेय पदार्थ है।
शरीर में ज्यादा गर्मी होने से क्या होता है?ये है धड़कन बढ़ा देने वाली गर्मी की समस्या
Heating exhaustion की स्थिति तब पैदा होती है जब आप लंबे समय तक बहुत अधिक गर्मी में रहते हैं। यह एक चेतावनी है कि आपका शरीर अब खुद को ठंडा नहीं रख सकता है। ऐसे में आपको बहुत पसीना आ सकता है। शरीर का तापमान सामान्य रह सकता है, लेकिन आपकी त्वचा ठंडी और चिपचिपी लग सकती है।
शरीर की गर्मी दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?इतु साथ तरबूज, खरबूज, इन्फ्यूज्ड वाटर, छाछ, दही और खीरे जैसी चीजों को खाने की सलाह देती हैं। इन खाद्य पदार्थों में पानी की अच्छी मात्रा होती है जो आपके शरीर को डिहाइड्रेट होने नहीं देते हैं। यह गर्मी में होने वाली पेट की समस्याओं जैसे ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी, आदि में भी राहत पहुंचाते हैं।
शरीर के लिए ठंडी चीज कौन सी है?गर्मियों के लिए दही सबसे फायदेमंद आहार है। इसकी तासीर ठंडी होती है और स्वाद भी लाजवाब होता है। इसे चीनी, नमक या रायते के रुप में भी खाया जा सकता है। इसमें कूलिंग एजेंट होता है जो गर्मियों में लू को दूर रखता है।
शरीर में गर्मी क्यों लगती है?जब हमारे शरीर का तापमान वातावरण के तापमान से कम हो जाता है, तो हमें गर्मी लगती है। उस तरह का तापमान जो हमारे शरीर के तापमान से अधिक हो जाए, यह भारत के संदर्भ में ग्रीष्म ऋतु में होता है। इसलिए हम ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी महसूस करते हैं।
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