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भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को पूरा देश राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाता है. ब्रिटेन के प्रोफेसर हार्डी, रामानुजन को दुनिया का सबसे महान गणितज्ञ मानते थे.TV9 Bharatvarsh | Edited By: Updated on: Dec 22, 2021, 10:28 AM IST
भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्मदिन को पूरा देश राष्ट्रीय गणित दिवस (National Mathematics Day) के रूप में मनाता है. रामानुजन का उनके जीवनकाल में गणित के विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान रहा है. अपने समय के अनेक दिग्गजों को पीछे छोड़ने वाले श्रीनिवास रामानुजन को गणित का जादूगर कहा जाता था. उनके महान गणितज्ञ बनने का सफर सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. 1 / 6 श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के ईरोड गांव में हुआ था. रामानुजन के पिता साड़ी की दुकान पर एक क्लर्क थे और उनकी मां हाउस वाइफ थी. रामानुजन पैदा होने के बाद करीब तीन साल तक बोले नहीं थे, घरवाले इन्हें गूंगा समझते थे. 1889 में चेचक की गिरफ्त में आने से उनके सभी भाई बहनों की मृत्यु हो गई थी, लेकिन रामानुजन ठीक हो गए थे. 2 / 6 स्कूल के दिनों में उनका कोई दोस्त नहीं था क्योंकि उनके साथी उनको समझ नहीं पाए. घर का खर्च निकालने के लिए रामानुजन ट्यूशन पढ़ाते थे. कहा जाता है कि, वह 7वीं कक्षा में बीए के छात्रों को ट्यूशन पढ़ाया करते थे. वहीं सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने एडवांस ट्रिग्नोमेट्री को रट लिया था और खुद की थियोरम बनाना शुरू कर दिया था. 3 / 6 विशेषज्ञ बताते हैं कि, जब रामानुजन 16 साल के थे तो उनके एक दोस्त ने उन्हें लाइब्रेरी से जी.एस की लिखी हुई किताब दी, जिसमें 5000 से ज्यादा थियोरम थे. इस किताब को पढ़ने के बाद रामानुजन साहब के मैथ जीनियस बनने का सफर शुरू हुआ. गणित में विशेषज्ञ होने के कारण रामानुजन को सरकारी आर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई करने का मौका मिला और स्कॉलरशिप मिलने लगा. 4 / 6 ब्रिटेन के प्रोफेसर हार्डी, रामानुजन को दुनिया का सबसे महान गणितज्ञ मानते थे. प्रोफेसर हार्डी ने दुनिया के प्रतिभावान व्यक्तियों को 100 नंबर पर आंका था और इस लिस्ट में खुद को सौ में से तीस नंबर दिए थे, लेकिन रामानुजन को 100 में से 100 नंबर दिए थे. हार्डी ने ही साल 1913 में रामानुजन को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए आमंत्रित किया. 5 / 6 भारत लौटने के बाद वह टीबी जैसी भयावह बीमारी से ग्रस्त हो गए और 26 अप्रैल 1920 में मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. श्रीनिवास रामानुजन के सम्मान में साल 2005 से रामानुजन पुरस्कार की शुरूआत हुई, इसे इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरिटिकल फिजिक्स रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है. 6 / 6
Most Read Storiesदुनिया का सबसे बड़ा गणितज्ञ कौन है?श्रीनिवास रामानुजन् इयंगर (तमिल ஸ்ரீனிவாஸ ராமானுஜன் ஐயங்கார்) (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान भारतीय गणितज्ञ थे। इन्हें आधुनिक काल के महानतम् गणित विचारकों में गिना जाता है।
दुनिया का पहला गणितज्ञ कौन है?मिलेटस निवासी थेल्स को ही सबसे पहला गणितज्ञ माना जाता है। थेल्स यूनान का महान दार्शनिक थे।
भारत के सबसे महान गणितज्ञ कौन थे?आर्यभट्ट और वराहमिहिर भारत के दो महान गणितज्ञ थे।
प्रसिद्ध गणितज्ञ कौन है?गणित में पाई के अध्ययन का तरीका उनका बहुत बड़ा योगदान है। इनके अलावा आधुनिक भारत के बहुत से गणितज्ञ हैं जिन्होंने इस क्षेत्र में योगदान दिया है। जैसे तिरुक्कनपुरम विजयराघवन (1902-1955), हरीश चंद्र (1920-1983), 1932 में जन्में एमएस नरसिम्हन, वी एन भट (1938-2009), 1978 में जन्में अमित गर्ग, एल महादेवन आदि।
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