गले में भारीपन का कारण Show गले में भारीपन दूर करने का घरेलू
उपाय 2. शहद का करें सेवन 3. हल्दी है लाभकारी 4. लहसुन है लाभकारी 5. सेब का सिरका गले में भारीपन की परेशानी को कम करने के लिए आप सेब के सिरके का इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, सेब के सिरके में विटामिन सी पाया जाता है, जो गले में मौजूद संक्रमण की समस्या को कम करता है। गले में भारीपन होने पर आप 1 गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच नमक और सेब का सिरका मिक्स करके पिएं। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा। गले में भारीपन की समस्या कई कारणों से हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए आप घरेलू नुस्खों को आजमा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपको लंबे समय तक गले में भारीपन महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। हल्के में न लें गले का भारीपनAuthor: JagranPublish Date: Thu, 15 Jun 2017 06:26 PM (IST)Updated Date: Thu, 15 Jun 2017 06:26 PM (IST) जागरण संवाददाता, कासगंज: गले में अधिक दिनों तक भारीपन रहना बड़ी बीमारी का आमंत्रण है। इसे हल्के से न जागरण संवाददाता, कासगंज: गले में अधिक दिनों तक भारीपन रहना बड़ी बीमारी का आमंत्रण है। इसे हल्के से न लें और चिकित्सकों की सलाह ले उपचार कराएं। तमाम तरह के नशीले पदार्थो का सेवन गले की बीमारियों का जन्मदाता है। युवा पीढ़ी इसके मकड़जाल में जकड़ती जा रही है। जिससे कैंसर, लीवर इंफेक्शन, टीवी जैसी जानलेवा बीमारियां पनप रही हैं। चिकित्सक बताते हैं कि गले में तीन सप्ताह से अधिक भारीपन रहना लैरिंजियल कैंसर बीमारी का संकेत है। युवा पीढ़ी नशीले पदार्थो की ओर आकर्षित हो रही है। उनमें नशे की लत बढ़ती जा रही है। तंबाकू, अल्कोहल , सिगरेट, गुटखा आदि का सेवन युवाओं का शौक बनता जा रहा है। अल्कोहल के सेवन से जहां लीवर इंफेक्शन की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं वहीं तंबाकू और सिगरेट के सेवन से स्वरतांत्रिक कैंसर जैसी भयंकर बीमारी जन्म ले रही है। नशे के चलते लोगों के गले में इन्फेक्शन की शिकायत बढ़ने लगती है और गले में भारीपन रहता है। यह गले का भारीपन कैंसर जैसी बीमारी का संकेत है। चिकित्सक बताते हैं कि तीन सप्ताह से अधिक गले में भारीपन रहना लैरिंजियल कैंसर को जन्म दे सकता है। यह बीमारी पुरुषों में तो अधिकांश पाई जाती है, बल्कि धूमपान की आदी महिलाएं भी इसका शिकार हो रही हैं। यह बीमारी जैनेटिक होती है, इसका असर पीढ़ी दर पीढ़ी रहता है। नगर के चिकित्सक डॉ. सीएल यादव का कहना है कि धूमपान की लत से 25 से 40 वर्ष के युवाओं में यह बीमारी होने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि सिगरेट में पैजोपारिम, हाइड्रोजन कार्बन पाए जाते हैं जो कैंसर की बीमारी को आसानी से जन्म देते हैं। उन्होंने सलाह दी है कि धूमपान आदि का सेवन न करें। स्वरतांत्रिक कैंसर के लक्षण लैरिंजियल (स्वरतांत्रिक) कैंसर होने की दशा में रोगी की सांस फूलने लगती है। आवाज भरभराने लगती है, मुंह से खून आना, बदबू आना इसकी मुख्य पहचान है। चिकित्सक बताते हैं कि इस बीमारी से शरीर ढलने लगता है। गले में सूजन आ जाती है और दर्द भी रहता है। कैंसर से बचाव चिकित्सक डॉ. नवीन गौड़ बताते हैं कि यदि स्वरतांत्रिक कैंसर की जानकारी हो जाए तो प्राथमिक स्तर पर ही इसका आपरेशन करा देना चाहिए। बीमारी बढ़ने की स्थिति में रेडियोथैरेपी, कीयोथैरेपी के जरिए इसका उपचार किया जा सकता है। विशेष ध्यान रखें कि गले में भारीपन हो तो तत्काल चिकित्सक की राय लें। Edited By: Jagran गले में भारीपन महसूस हो तो क्या करें?नई दिल्ली : धूल-मिट्टी बढ़ता प्रदूषण अधिक धूम्रपान का सेवन वायरस और बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से आपको गले में भारीपन महसूस हो सकता है।. अदरक गले में भारीपन की समस्या को दूर करने के लिए आप अदरक का सेवन कर सकते हैं। ... . शहद का करें सेवन ... . हल्दी है लाभकारी ... . लहसुन है लाभकारी ... . सेब का सिरका. गले में इन्फेक्शन के क्या लक्षण होते हैं?गले में इंफेक्शन (संक्रमण) के लक्षण (Symptoms of Throat Infection in Hindi). गले में दर्द और खराश. खानपान की चीजों को निगलने में दर्द और कठिनाई. टॉन्सिल में दर्द और सूजन. आवाज कर्कश होना. कुछ मामलों में बुखार और खांसी. गले का सूखना. जबड़े और गर्दन में दर्द. सिर में दर्द. गले में कौन कौन सी बीमारी हो सकती है?गले के रोग वायरस इंफेक्शन के कारण उत्पन्न होता है. इस रोग को गंभीर लैरिंगोट्रेकाइटिस, स्पैस्मोडिक क्रुप, लैरेन्जियल डिफ्थीरिया, बैक्टीरियल ट्रैन्काइटिस, लैरियेंगोट्राकियोब्रॉन्काइटिस और लैरियेंगोट्रैकोब्रॉन्कोन्यूमोनाइटिस के नाम से भी जानते हैं. इसके पहली दो स्थितियां वायरस से संबंधित है और लक्षण भी मामूली होते हैं.
गले का इन्फेक्शन कितने दिन तक रहता है?संक्रमण के लक्षण आमतौर पर 1 से 3 दिनों में दिखाई देने लग जाते हैं और हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। संक्रमण के समय गले में सूजन दिखाई देती है और खाना खाने में काफी कठिनाई महसूस होती है। गले में किसी प्रकार का दर्द, खराश, कांटे जैसे चुभना आदि गले के संक्रमण के लक्षण हैं।
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