डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज क्या है - dipreshan ka aayurvedik ilaaj kya hai

डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज : थेरिपी

निदान परिवर्जना (Nidana parivarjana)

आयुर्वेद में अवसाद का इलाज करने के लिए, ट्रामा, स्टेरॉयड का उपयोग, दर्द निवारक दवाएं जैसे कारकों से बचना होता है। यदि कोई पुरानी बीमारी है तो पहले इससे ही निपटना चाहिए और अकेले रहने से बचना चाहिए।

शोधन चिकित्सा (बायो-क्लिनिंग थेरिपी) के बाद समन चिकित्सा (Palliative therapy) की जा सकती है। डिप्रेशन से बाहर निकलने का उपाय शोधन प्रक्रिया के अंतर्गत शामिल हैं :

स्नेपना (internal oleation)

आयुर्वेद में डिप्रेशन के इलाज के लिए स्नेपना की सलाह दी जाती है।

विरेचन (Purgation)

विरेचन में जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार रेचक को अवसाद पीड़ित को दिया जाता है जिससे शरीर के विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।

नास्य कर्म

पुराने गाय के घी या अनु तेल (Anu taila) या पंचगव्य घी को सात दिनों तक नोस्ट्रिल्स में 8-8 बूँद डालकर अवसाद को ठीक किया जाता है।

शिरो वस्ति

इस विधि से आयुर्वेद में अवसाद के इलाज के लिए सात दिन तक रोजाना 45 मिनट तक सिर पर मालिश की जाती है।

अभ्यंगम

इसमें औषधीय हर्बल तेलों के साथ पूरे शरीर की मालिश की जाती है। अभ्यंगम चिकित्सा से शरीर से अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद मिलती है। यह शरीर के महत्पूर्ण प्रेशर पॉइंट्स को उत्तेजित करता है, जिससे तनाव, चिंता और अवसाद में कमी होती है।

शिरोधारा

इस उपचार में एक निश्चित समय के लिए पेंडुलम गति के साथ माथे पर लगातार तेल डाला जाता है। माथे पर लगातार तेल डालने से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। 0 से 60 मिनट तक यह आयुर्वेदिक प्रक्रिया की जाती है। हाई ब्लड प्रेशर और अनिद्रा के इलाज के लिए यह प्रभावी होता है।

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डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज : जड़ी-बूटियां

अश्वगंधा

अश्वगंधा में स्टेरॉइडल लैक्टोन, सैपोनिन, एल्कलॉइड्स और विथेनाओलाइड्स जैसे सक्रिय यौगिक होते हैं। इससे तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। इसके लिए अश्वगंधा चूर्ण या अर्क का सेवन किया जा सकता है।

ब्राह्मी

ब्राह्मी तनाव को ठीक करने की एक पुरानी जड़ी-बूटी है। ब्राह्मी एडाप्टोजेन के रूप में कार्य करता है, जिसका मतलब है कि यह शरीर को नई या तनावपूर्ण स्थितियों के अनुकूल बनाने में मदद करता है। इसके सेवन से मस्तिष्क में सेरोटोनिन का स्तर बढ़ता है जो मन को शांत रखने में मदद करता है और चिंता और घबराहट में राहत देता है।

जटामांसी (स्पाइकेनार्ड)

जटामांसी अनिद्रा और अन्य नींद संबंधी विकारों को ठीक करने में मदद करती है। यह अपने अवसाद-रोधी, तनाव-रोधी और थकान-रोधी गुणों के लिए जानी जाती है। मूड स्विंग और तनाव विकारों के लिए यह बहुत ही प्रभावकारी है।

अवसाद का इलाज आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से करने के लिए वच, शतावरी, मुलेठी, गुडुची (Guduchi), कपिकछु (बेनसिसा हेस्पिडा) आदि भी सहायक होती हैं।

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डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवा

  • ब्राह्मी वटी : 250-500 मि.ग्रा को शहद के साथ 15 दिनों तक लेने से अवसाद से राहत मिलती है।
  • महाकल्याणक घृत की 6 ग्राम मात्रा को गुनगुने पानी के साथ 15 दिनों तक लेना डिप्रेशन के उपचार में मददगार साबित होता है।
  • सारस्वतारिष्ट (Sarasvatarishta) की 10-20ml मात्रा को पानी के साथ15 दिन तक लेने से अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को आराम मिलता है।
  • 10 ग्राम ब्रह्म रसायन को दूध के साथ लेने की सलाह दी जाती है इससे अवसाद के लक्षण कम होते हैं।

ऊपर बताई गई दवाओं के अलावा अश्वगंधारिष्ठ (Ashvagandharishta), कल्याण घृत आदि को भी डिप्रेशन की आयुर्वेदिक दवा के रूप में डॉक्टर द्वारा दी जाती है। डिप्रेशन का होम्योपैथिक इलाज हो या आयुर्वेदिक किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी जरूरी है। उपचार की अवधि हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होती है।

डिप्रेशन के लिए योग

निम्नलिखित योगाभ्यास डिप्रेशन में फायदेमंद हैं; हालाँकि, ये केवल योग एक्सपर्ट के मार्गदर्शन में किए जाने चाहिए।

  • पद्मासन, शवासन, सूर्यनमस्कार, भुजंगासन, पस्चीमोत्तानासन, सर्वांगासन
  • प्राणायाम (कपालभाति, भस्त्रिका, अनलोम-विलोम)
  • मेडिटेशन (ध्यान)

क्या डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज प्रभावी है?

सबसे आम मानसिक विकार अवसाद, चिंता और नशे की लत है। अवसाद के लिए उपचार में एंटीडिप्रेसेंट दवा शामिल है जिसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। अवसादग्रस्तता विकार के उपचार के लिए एक हर्बल और शिरोधारा थेरिपी की प्रभावशीलता बहुत ही कारगर है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार हर्बल और शिरोधारा का उपयोग अवसाद के इलाज में किया जा सकता है। यह बहुत ही प्रभावी होता है और इसके कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं दिखाई दिए।

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आयुर्वेद में डिप्रेशन की दवा क्या है?

आयुर्वेदाचार्य आर. पी. पाराशर के अनुसार आयुर्वेद में डिप्रेशन के इलाज के लिए रसायन औषधि खाने की सलाह दी जाती है। अक्सर ये रसायन आंवला, ब्राह्मी घृत, शंखपुष्पी, बृहती, कंठकारी, हरड़, सोनाक, कंभारी, पृषपर्णी, बला सालपर्णी, जीवंती, मूदपड़नी, शतावड़ी, मेधा, महामेधा, वृष्भक, मुक्ता, पिपली से बनाए जाते हैं।

डिप्रेशन की सबसे बढ़िया दवा कौन सी है?

दुनिया में सबसे प्रसिद्ध एंटी डिप्रेसेंट है प्रौजैक प्रौजैक डिप्रेशन दूर करने की सबसे आम दवा मानी जाती है । यह 1988 में अमेरिका में आई थी, इसके एक साल बाद इसेब्रिटेन आई । बॉन इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी के अनुसार 2010 में यूरोप का हर 10 में से एक यह दवा लेता था।

डिप्रेशन से बाहर कैसे निकाला जाए?

कैसे करें अपना डिप्रेशन दूर?.
सबसे पहले डिप्रेशन दूर करने के लिए आठ घंटे की नींद लें। नींद पूरी होगी तो दिमाग तरोताजा होगा और नकारात्मक भाव मन में कम आएंगे।.
प्रतिदिन सूरज की रोशनी में कुछ देर जरूर रहें। इससे अवसाद जल्दी हटेगा।.
बाहर टहलने जाएं। ... .
अपने काम का पूरा हिसाब रखें। ... .
ध्यान व योग को दिनचर्या में शामिल करें।.

क्या depression हमेशा के लिए ठीक हो सकता है?

डिप्रेशन एक बहुत ही आम लेकिन गंभीर समस्या है जिससे बाहर आने के लिए व्यक्ति को चिकित्सकीय सहायता की ज़रूरत होती है। डिप्रेशन पागलपन नहीं होता है और डिप्रेशन के अधिकांश मरीज पूरी तरह ठीक हो सकते हैं।