चिड़िया ने माधवराव से क्या कहा? - chidiya ne maadhavaraav se kya kaha?

पेशवा माधवराव अपनी दानप्रियता के लिए प्रसिद्ध थे। वह अपने जन्मदिन पर निर्धनों को धन, अन्न, वस्त्र और भूमि दान किया करते थे। उनसे दान लेने बहुत दूर-दूर से लोग आया करते थे। उनके दरवाजे से कोई खाली हाथ नहीं लौटता था। एक बार उनके जन्मदिन पर एक बालक आया। वह देखने से ही बड़ा प्रतिभाशाली लगता था। उसकी चाल ढाल में आत्मविश्वास झलक रहा था। उसने पेशवा को प्रणाम करके कहा, ‘मैं यहां एक विशेष प्रयोजन से आया हूं।’ पेशवा ने पूछा, बताओ बालक क्या है तुम्हारा प्रयोजन?’ ‘मुझे कुछ और नहीं, बस ज्ञान का दान चाहिए।’

यह सुनकर वहां उपस्थित लोग चौंक गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि इसका मतलब क्या है? आखिर यह बालक चाहता क्या है? पेशवा ने मुस्कुरा कर पूछा, ‘केवल ज्ञान का दान क्यों? कोई और वस्तु क्यों नहीं?’ इस पर वह बालक बोला, ‘मैंने देखा है कि जिन्हें दान में धन मिला है, उनका धन एक दिन समाप्त हो गया। कपड़े भी पुराने हो गए, फट गए। जिन लोगों ने आपसे दान में भूमि हासिल की उन्हें भी खास फायदा नहीं हुआ। कुछ समय में भूमि भी ऐसे ज्यादातर लोगों हाथ से निकल गई। सो, मेरा निष्कर्ष यह रहा कि दान में ली गई चीजें टिकती नहीं हैं।’

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बालक आगे बोला, ‘मैं ऐसा दान चाहता हूं जो हमेशा टिकी रहे। काफी सोचने के बाद मैंने पाया कि ज्ञान ही वह वस्तु है जो कभी समाप्त नहीं होती। ज्ञान हमेशा स्थिर रहता है। इसीलिए मैं दान में सिर्फ ज्ञान चाहता हूं। अनाथ और निर्धन होने के कारण मैं शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाया। यदि आप मेरी शिक्षा की व्यवस्था करा दें तो मैं आपका आजीवन ऋणी रहूंगा।’ बालक की बात सुनकर पेशवा बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने उस बच्चे के अध्ययन की व्यवस्था करा दी। वह बालक कोई और नहीं बल्कि रामशास्त्री थे जो आगे चलकर प्रसिद्ध न्यायाधीश बने।

संकलन: दीनदयाल मुरारका

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इस प्रतिमा के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा पिलर तैयार कराया गया है। यह प्रतिमा कहां से आई है किसने मंगाई है, इस पर सस्पेंस बरकरार है। वहीं इस प्रतिमा के सोशल मीडिया पर वीडियो एवं फोटो वायरल होने पर नगर के तमाम लोगों ने इसका तीखा विरोध किया है।

क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह ने अपने सोशल मीडिया एकांउट पर लोगों से पूछा है कि क्या यहां पर सिंधिया की प्रतिमा स्थापित किया जाना उचित है। उन्होंने जिले के विकास में भी उनके योगदान को लेकर सवाल खड़े किए है। यहां का विकास करने वाले महाराज वीर सिंह जू देव, प्रताप सिंह की प्रतिमा स्थापित क्यों नहीं की जानी चाहिए। इस सर्किट हाउस का निर्माण स्वयं वीर सिंह जू देव ने कराया था। उन्होंने भगवान श्रीराम को अयोध्या से ओरछा लाने वाली महारानी कुंवर गणेश, अयोध्या में कनक भवन एवं नेपाल में जानकी मंदिर बनवाने वाली महारानी वृषभान कुंवर की प्रतिमा स्थापित कराने की मांग की है। वहीं अमर शहीद युवा संगठन के विनय प्रताप सिंह ने केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र कुमार को ज्ञापन सौंपकर पार्क में जिले के तमाम महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित कराने की मांग की है, ताकि बाहर से आने वाले तमाम नेता भी उनके बारे में जान सकें।

चिड़िया ने माधवराव से क्या कहा? - chidiya ne maadhavaraav se kya kaha?

राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा कदम

विदित हो कि इस प्रतिमा की स्थापना के पीछे राजनीतिक कदम बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि सिंधिया के नाम से अपनी राजनीति शुरू करने वाले एक नेता द्वारा यह काम किया जा रहा है। एक साल पूर्व कोरोना को लेकर आयोजित हुई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में उनके कारण सिंधिया को कटघरे में खड़ा किया गया था। उस मीटिंग का वीडियो वायरल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी ट्यूट किया था। बताया जा रहा है कि उसके बाद से उनकी सिंधिया से दूरियां बढ़ गई थी।

जिले के इतिहास एवं संस्कृति से खिलवाड़

छत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष पुष्पेन्द्र सिंह का कहना है कि यह जिले के स्वर्णिम इतिहास और संस्कृति से भी छेड़छाड़ का प्रयास है। इस प्रकार की ओछी राजनीति बर्ताश्त नहीं की जाएगी। उनका कहना है कि क्या हमारे जिले में विकास कर इतिहास को स्वर्णिम बनाने वाले महापुरुषों की कमी है जो हम दूसरों को आयात करें।

चिड़िया ने माधवराव से क्या कहा? - chidiya ne maadhavaraav se kya kaha?

One Line Answer

माधवदास ने चिड़िया से क्या कहा?

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Solution

माधवदास ने चिड़िया से कहा तुम बड़ी भोली हो। तुम्हें देखकर मेरा मन खुश हो जाता है।

Concept: गद्य (Prose) (Class 7)

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Chapter 9: चिड़िया की बच्ची - अतिरिक्त प्रश्न

Q 9Q 8Q 10

APPEARS IN

NCERT Class 7 Hindi - Vasant Part 2

Chapter 9 चिड़िया की बच्ची
अतिरिक्त प्रश्न | Q 9

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चिड़िया ने माधवदास से क्या कहा?

माधवदास, “चिड़िया, तू निरी अनजान है। मुझे खुश करेगी तो तुझे मालामाल कर सकता हूँ। ' चिड़िया, " तुम सेठ हो।

उन्होंने चिड़िया से क्या कहा?

उसकी स्वच्छंदता बड़ी प्यारी जान पड़ती थी। कुछ देर तक वह उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल थिरकना देखते रहे। इस समय वह अपना बहुत – कुछ भूल गए। उन्होंने उस चिड़िया से कहा , ” आओ , तुम बड़ी अच्छी आईं।

माधवदास ने किसका निर्माण करवाया था माधवदास ने चिड़िया से क्या कहा?

माधवदास ने एक संगमरमर की कोठी और उसके सुहावने बगीचे का निर्माण करवाया। (ख) चिड़िया कैसी थी? चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी।

चिड़िया की बच्ची कहानी का मुख्य विषय क्या है?

लेखक ने इस कहानी में एक चिड़िया की आजाद जिंदगी की तुलना एक अमीर सेठ की विवश जिंदगी से की है। सेठ माधवदास के पास हर भौतिक सुख सुविधाएँ हैं लेकिन सच्ची खुशी नहीं है। नन्ही चिड़िया के पास भौतिक सुविधा के नाम पर उसकी माँ का घोंसला है जहाँ सुनहरी धूप आती और खाने को कुछ दाने मिल जाते हैं।