चट्टान का टुकड़ा छोटा होते होते क्या बन जाता है? - chattaan ka tukada chhota hote hote kya ban jaata hai?

All questions and answers from the NCERT Book of Class 6 HindiChapter 12 संसार पुस्तक है are provided here with simple step-by-step explanations for free.


प्रश्न-अभ्यास
पत्र से

Question 1.
लेखक ने ‘प्रकृति के अक्षर’ किन्हें कहा है?
Answer:
लेखक ने पत्थरों के टुकड़े, पहाड़, समुद्र, नदियों, जंगलों और जानवरों की हड्डियों को ‘प्रकृति के अक्षर’ कहा है।

Question 2.
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती कैसी थी?
Answer:
लाखों-करोड़ों वर्ष पहले हमारी धरती बहुत गर्म थी। उस समय यहाँ किसी भी जानदार चीज का कोई अस्तित्व नहीं था क्योंकि इतनी गर्मी में कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता था।

Question 3.
दुनिया का पुराना हाल किन चीज़ों से जाना जाता है? कुछ चीज़ों के नाम लिखो।
Answer:
दुनिया का पुराना हाल समुद्र, नदियों, चट्टानों, पत्थर के टुकड़ों और जानवरों की हइड़ियों से जाना जाता है।

Question 4.
गोल, चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?
Answer:
गोल, चमकीला रोड़ा बताता है कि कुछ समय पहले वह चट्टान से टूटा हुआ एक खुरदरा और नुकीला टुकड़ा था। बारिश के पानी में बह कर वह छोटी घाटी तक आया। पहाड़ी नाले ने उसे ढकेलकर छोटे से दरिया में पहुँचा दिया। वहाँ से बहते-बहते वह बड़े दरिया में पहुँचा। इस पूरी प्रक्रिया में लुढ़कता और घिसता हुआ गोल और चमकदार बन गया।

Question 5.
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो क्या होता? विस्तार से उत्तर लिखो।
Answer:
गोल, चमकीले रोड़े को यदि दरिया और आगे ले जाता तो वह छोटा होते-होते अंत में बालू का एक कण बन जाता और समुद्र के किनारे पहुँचकर अपने जैसे ही रेत के अन्य कणों से मिल जाता। इस प्रकार ही समुद्र के किनारे सुंदर बालू का किनारा बनता है, जहाँ छोटे-छोटे बच्चे खेलते और बालू के घरौंदे बनाते हैं।

Question 6.
नेहरू जी ने इस बात को हलका-सा संकेत दिया है कि दुनिया कैसे शुरू हुई होगी। उन्होंने क्या बताया है? पाठ के आधार पर लिखो।
Answer:
नेहरू जी ने बताया है कि लाखों-करोड़ों वर्ष पहले जब इस धरती का जन्म हुआ था, तब यह इतनी गर्म थी कि इस पर कोई जानदार चीज़ नहीं रह सकती थी। धीरे-धीरे बहुत बाद में इस पर पेड़-पौधे और जानवरों का अस्तित्व शुरू हुआ और उसके कई हजार साल बाद आदमी की उत्पत्ति हुई।

पत्र से आगे

Question 1.
लगभग हर जगह दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई कहानियाँ प्रचलित हैं। तुम्हारे यहाँ कौन सी कहानी प्रचलित है?
Answer:
दुनिया की शुरुआत को समझाती हुई हमारे यहाँ यह कहानी प्रचलित है कि एक बार पृथ्वी पर भयंकर प्रलय हुई। सागर, नदियाँ, झील सभी अपनी हद (दायरा) भूल गए। हर जगह पानी ही पानी हो गया। सब कुछ नष्ट हो गया। पृथ्वी पर कोई जीव-जंतु न बचा। बस पानी ही पानी था। ऐसे में केवल ऋषि मनु ही बचे थे जो हिमालय के पास यज्ञ-कर्म में लीन थे। उधर पृथ्वी पर आई तबाही के बाद की स्थिति देखने के लिए गंधर्व कन्या सतरूपा घर से बाहर आई। उसे चारों ओर जल ही जल नज़र आया। उसने जान लिया कि पृथ्वी पर अब जीवन शेष नहीं रहा।

उसी समय उन्हें हिमालय की ओर से धुआँ उठता नजर आया। सतरूपा को लगा कि शायद उधर कोई जीवित बचा दिखता है। पास जाकर देखा तो ऋषि मनु यज्ञ कर रहे थे। ऋषि ने सतरूपा के आने का प्रयोजन एवं परिचय पूछा। प्रलय के बाद अकेले बचे दुखी ऋषि को छोड़कर सतरूपा वापस नहीं गईं। मनु और सतरूपा से उत्पन्न बच्चों को मनुज कहा जाने लगा। इस तरह दुनिया की एक नई शुरुआत हुई।

Question 2.
तुम्हारी पसंदीदा किताब कौन सी है और क्यों?
Answer:
मेरी पसंदीदा किताब पं. विष्णुशर्मा द्वारा रचित पंचतंत्र है क्योंकि इस पुस्तक में रोचक कथाओं के माध्यम से कई महत्त्वपूर्ण उपदेश दिए गए हैं जो जीवन के हर पग पर हमारी मार्गदर्शन करते हैं।

Question 3.
मसूरी और इलाहाबाद भारत के किन प्रांतों के शहर हैं?
Answer:
मसूरी उत्तराखंड प्रांत का और इलाहाबाद उत्तरप्रदेश प्रांत का शहर है।

Question 4.
तुम जानते हो कि दो पत्थरों को रगड़कर आदि मानव ने आग की खोज की थी। उस युग में पत्थरों का और क्या-क्या उपयोग होता था?
Answer:
उस युग में पत्थरों का हथियार और औजार के रूप में प्रयोग होता था। पत्थर जानवरों का शिकार करने, माँस काटने और चमड़ा या वृक्ष की छाल छीलने वाले औजार के रूप में प्रयुक्त होते थे।

अनुमान और कल्पना

• हर चीज़ के निर्माण की एक कहानी होती है, जैसे मकान के निर्माण की कहानी-कुर्सी, गद्दे, रज़ाई के निर्माण की कहानी हो सकती है। इसी तरह वायुमान साइकिल अथवा अन्य किसी यंत्र के निर्माण की कहानी भी होती है। कल्पना करो यदि रसगुल्ला अपने निर्माण की कहानी सुनाने लगे कि वह पहले दूध था, उसे दूध से छेना बनाया गया, उसे गोल आकार दिया गया। चीनी की चाशनी में डालकर पकाया गया। फिर उसका नाम पड़ा रसगुल्ला।
• तुम भी किसी चीज के निर्माण की कहानी लिख सकते हो, इसके लिए तुम्हें अनुमान और कल्पना के साथ उस चीज़ के बारे में कुछ जानकारी भी एकत्र करनी होगी।
Answer:
मैं रोटी हूँ। हलकी और फूली हुई गोल रोटी। पहले मैं गेहूँ थी और फसल के रूप | में खेतों में खड़ी थी। किसान ने मुझे काटकर खलिहान पहुँचाया और फिर मशीन द्वारा मुझे गेहूं की बालियों से निकाला गया। इस गेहूँ को धोकर चक्की में पीसकर आटा तैयार किया गया। अब आटे को सान कर छोटी-छोटी लोई बनाई गई और बेल कर गोल किया गया। फिर उसे आग पर रखे गर्म तवे पर उलट-पलट कर पकाया गया और पक कर रोटी बनकर मैं फूल उठी।

भाषा की बात

Question 1.
इस बीच वह दरिया में लुढ़कता रहा। नीचे लिखी क्रियाएँ पढ़ो। क्या इनमें और ‘लुढ़कना” में तुम्हें कोई समानता नज़र आती है?
ढकेलना, गिरना, खिसकाना
• इन चारों क्रियाओं का अंतर समझाने के लिए इनसे वाक्य बनाओ।
Answer:

  • ढकेलना – आयुष ने नेहा को ढकेल दिया।
  • लुढ़कना – पत्थर चट्टान से लुढ़कता-लुढ़कता नीचे गिर पड़ा।
  • गिरता – वह पहाड़ से गिरता चला गया।
  • गिरना – पहाड़ से वह गिरने लगा।
  • खिसकना – धरती के अंदर चट्टानों के खिसकने से भूकंप आता है।
  • खिसकता – वह आगे खिसकता चला गया।

Question 2.
चमकीला रोड़ा-यहाँ रेखांकित विशेषण ‘चमक संज्ञा में ईला’ प्रत्यय जोड़ने पर बना
है। निम्नलिखित शब्दों में यही प्रत्यय जोड़कर विशेषण बनाओ और इनके साथ उपयुक्त संज्ञाएँ लिखो
पत्थर ………
काँटा ………..
रस ……………
जहरे …………
Answer:

चट्टान का टुकड़ा छोटा होते होते क्या बन जाता है? - chattaan ka tukada chhota hote hote kya ban jaata hai?

Question 3.
‘जब तुम मेरे साथ रहती हो, तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो।’
• यह वाक्य दो वाक्यों को मिलाकर बना है। इन दोनों वाक्यों को जोड़ने का काम जब-तो (तब) कर रहे हैं, इसलिए इन्हें योजक कहते हैं। योजक के रूप में कभी कोई बदलाव नहीं आता, इसलिए ये अव्यय का एक प्रकार होते हैं। नीचे वाक्यों को जोड़ने वाले कुछ और अव्यय दिए गए हैं। उन्हें रिक्त स्थानों में लिखो। इन शब्दों से तुम भी एक-एक वाक्य बनाओ संसार पुस्तक है।
(क) कृष्णन फिल्म देखना चाहता है ………….. मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा …………. वह चन्द्रमा पर बैठी है।
(ग) छुट्टियों में हम सब ……… दुर्गापुर जाएँगे ……….. जालंधर।।
(घ) सब्जी कटवाकर रखना ………….. घर आते ही मैं खाना बना हूँ।
(ङ) ………… मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी .………………. मैं यह बात न कहती।
(च) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है …………..अनाज महँगा है।
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है …………… फ्रेंच।

चट्टान का टुकड़ा छोटा होते होते क्या बन जाता है? - chattaan ka tukada chhota hote hote kya ban jaata hai?

Answer:
(क) कृष्णन फिल्म देखना चाहता है परन्तु मैं मेले में जाना चाहती हूँ।
(ख) मुनिया ने सपना देखा कि वह चन्द्रमा पर बैठी है।
(ग) छुट्टियों में हम सब या तो दुर्गापुर जाएँगे या जालंधर।
(घ) सब्जी कटवाकर रखना ताकि घर आते ही मैं खाना बना लूं।
(ङ) यदि मुझे पता होता कि शमीना बुरा मान जाएगी तो मैं यह बात न कहती।
(च) इस वर्ष फसल अच्छी नहीं हुई है इसलिए अनाज महँगा है।
(छ) विमल जर्मन सीख रहा है न कि फ्रेंच।
वाक्य में प्रयोग
बल्कि  –  मोहन ने इनकार नहीं किया, बल्कि वह तो घूमने जाना चाहता था।
इसलिए  –  मेरे सिर में दर्द था इसलिए मैं स्कूल नहीं आ सकी।
परंतु  –  मोहन घूमने जाना चाहता था परंतु उसके पिता ने मना कर दिया।
कि  –  मैं जानती थी कि वह नहीं आ सकेगा।
यदि  –  यदि उसके पिता ने अनुमति दी होती
तो  –  वह जरूर आता। तो-वह होता तो और भी आनंद आता।
न कि  –  मैंने उसे काम पूरा करने को कहा न कि पार्क में जाकर बैठने को कहा।
या  –  नेहा या नूपुर इस गीत को गा सकती हैं।
ताकि  –  मैंने उसे रोका ताकि वह काम पूरा कर सके।

कुछ करने को

• पास के शहर में कोई संग्रहालय हो तो वहाँ जाकर पुरानी चीजें देखो। अपनी कक्षा में उस पर चर्चा करो।
Answer:
(छात्र संग्रहालय जाकर देखने समझने का प्रयास करें।)


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चट्टान का टुकड़ा क्या है?

संज्ञा। चट्टान का एक छोटा सा टुकड़ा।

बड़ी चट्टान को तोड़कर टुकड़े टुकड़े करने पर उन टुकडो की क्या स्थिति *?

Answer: गोल चमकीला रोड़ा किसी पहाड़ या चट्टान के टुकड़े- टुकड़े होने पर खुरदरा और नुकीला टुकड़ा था। यह पहाड़ के नीचे जमीन पर पड़ा था जिसे छोटी नदी बहाकर छोटी घाटी तक ले गई वहां से पहाड़ी नाला ढकेलकर छोटे दरिया तक पहुंच गया। छोटे दरिया से बड़े दरिया में पहुंच गया।

4 गोल चमकीला रोड़ा अपनी क्या कहानी बताता है?

उत्तर:- गोल चमकीला रोड़ा अपनी कहानी बताते हुए कहता है कि वह कभी एक चट्टान का हिस्सा था। एक दिन पहाड़ों से बहते हुए पानी ने उसे बहाकर घाटी में भेज दिया। वहाँ से आगे एक पहाड़ी नाले ने उसे आगे धकेलकर दरिया में पहुँचा दिया। इसी प्रकार अपनी इस यात्रा में घिसते-घिसते वह चमकदार रोड़ा बन गया।