चेक क्लियर हुआ कि नहीं कैसे पता करें? - chek kliyar hua ki nahin kaise pata karen?

डिजिटल पेमेंट के जमाने में भी बैंक चेक की अहमियत बनी हुई है. हमें अक्सर चेक (cheque) मिलते हैं. चेक 2 तरह के होते हैं account payee cheque और bearer cheque. बियरर चेक से भुगतान तुरंत हो जाता है, हालांकि इसे चेक जारी करने वाले व्यक्ति की ब्रांच में कैश काउंटर पर जमा करना पड़ता है. एकाउंट पेयी चेक की प्रोसेसिंग होती है और ये पैसा जिसके नाम से चेक जारी किया गया है, उसके खाते में आता है. चैक की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय इस बात से तय होता है कि चेक को क्लीयरिंग के लिए कहां जमा किया गया है- 

1. सेम ब्रांच क्लीयरिंग -
अगर जिस ब्रांच ने चेक जारी किया है, उसमें ही चेक डिपॉजिट के लिए लगाया जाए तो ऐसे चेक के क्लीयर होने में बहुत कम समय लगता है. आमतौर पर 1 दिन में ये चेक क्लीयर हो जाता है और पैसे आपके खाते में आ जाते हैं.

2. लोकल क्लीयरिंग - 
चेक जारी करने वाली ब्रांच और जिस ब्रांच में चेक जमा किया गया है, अगर दोनों एक ही शहर में हैं, तो इसे लोकल क्लीयरिंग कहते हैं. इसके लिए चेक जारी करने वाला बैंक और चेक जिस बैंक में जमा किया गया है, वो अलग अलग हो सकते हैं. लोकल क्लीयरिंग के लिए बैंक आपके चेक को आरबीआई के क्लीयरिंग हाउस में भेजा जाता है. यहां शहर के सभी बैंकों के चैक क्लीयर होते हैं. आमतौर पर लोकल क्लीयरिंग में 3 दिन का समय लगता है. यानी तीसरे दिन आपके खाते में पैसा आ जाता है.

3. आउटस्टेशन क्लीयरिंग - 
जब आप किसी दूसरे शहर की ब्रांच द्वारा जारी किया गया चेक जमा कराते हैं, तो उसे आउटस्टेशन क्लीयरिंग कहते हैं. इसकी क्लीयरिंग प्रक्रिया लोकल क्लीयरिंग की तरह ही होती है, बस समय थोड़ा ज्यादा लगता है क्योंकि आपका चेक दूसरे शहर की क्लीयरिंग हाउस में भेजा जाता है. आमतौर पर ये चेक एक हफ्ते में क्लीयर होता है. हालांकि इसमें थोड़ा अधिक समय भी लग सकता है. 

4. हाई वैल्यू क्लीयरिंग - 
1 लाख रुपये या उससे ज्यादा के चैक को हाईवैल्यू कहा जाता है. हाई वैल्यू क्लीयरिंग (एचवीसी) से पहले चेक जारी करने वाले को एलर्ट भेजा जाता है. आमतौर पर ये अलर्ट एमएमएस के जरिए भेजा जाता है, लेकिन बहुत बड़ी राशि होने पर ग्राहक को फोन करके बताया जाता है. सहमति मिलने पर ही ऐसे चेक क्लियर किए जाते हैं.

यदि आपके पास भी बैंक खाते हैं तो हो सकता है कि कभी ना कभी आपने लेनदेन के लिए चेक इस्तेमाल किया हो। परंतु कभी-कभी चेक क्लियर (Cheque Clear) होने में अधिक समय लग जाता है। ऐसे में आपके मन में सवाल आता होगा कि चेक कितने दिन में क्लियर होता है? – Cheque Kitne Din Mein Clear Hota Hai? तो इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको बैंकों में चेक क्लीयरेंस से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्रदान करूंगा।

आपका चेक कितने दिन में क्लियर होता है इसे जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है की चेक कितने प्रकार के होते हैं? आज के डिजिटल पेमेंट के जमाने में भी बैंक भुगतान के लिए एक महत्वपूर्ण जरिया है और यदि आपने व्यापार करते हैं या बहुत अधिक लेनदेन करते हैं तो अक्सर आपको चेक – Cheque मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं जमा करने के बाद बैंक चेक कितने दिन में क्लियर हो जाते हैं?Bank Cheque Kitne Din Mein Clear Ho Jate Hain?

आमतौर पर आप जब भी किसी भी भारतीय बैंक में अपना चेक लगाते हैं तो वह 2 दिन में क्लियर हो जाता है। सीटीएस चेक की क्लीयरिंग 24 घंटे में हो जाती है।

अमूमन लेनदेन के लिए चेक दो प्रकार के होते हैं: Account Payee Cheque और Bearer Cheque – बियरर चेक

यदि आपके पास Bearer Cheque है तो उसका भुगतान तुरंत ही हो जाता है लेकिन इस चेक को जारी करने वाले व्यक्ति की ब्रांच में जाकर कैश काउंटर पर जमा करना होता है। बैंक अधिकारी इस चेक में लिखी गई राशि आपको तुरंत दे देंगे।

और यदि आपके पास अकाउंट पेई चेक (Account Payee Cheque) है तो आपको डिपॉजिट स्लिप (Deposit Slip) के साथ इसे बैंक ब्रांच में जमा करना होगा और उसके बाद इसमें लिखी गई राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसमें हो सकता है 2 से 3 दिन का समय लग जाए।

बैंक में चेक की प्रोसेसिंग में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है की चेक को क्लीयरिंग के लिए कहां पर जमा किया गया है।

#1. सेम ब्रांच क्लीयरिंग (Same Branch Clearing)

यदि जिस ब्रांच ने चेक को जारी किया है आप उसी ब्रांच में जाकर चेक को डिपॉजिट करते हैं तो आपको कम समय लगता है।

आमतौर पर 24 घंटे के अंदर आपका चेक क्लियर हो जाता है और पैसे आपके बैंक खाते में आ जाते हैं।

#2. लोकल क्लीयरिंग (Local Clearing)

यदि चेक जारी करने वाली बैंक ब्रांच और जिस ब्रांच में आपने चेक जमा किया है अगर वह दोनों एक ही शहर में है तो इसे लोकल चेक क्लीयरिंग कहते हैं। इस स्थिति में चेक जारी करने वाला बैंक और चेक क्लियर करने वाला बैंक अलग अलग हो सकते हैं। चेक क्लीयरिंग करने के लिए बैंक आपके चेक को आरबीआई के क्लीयरिंग हाउस में भेज देता है।

आमतौर पर लोकल क्लीयरिंग में 3 दिन का समय लग जाता है इसका मतलब यह है कि तीसरे दिन आपके बैंक खाते में पैसा आ जाता है।

#3. आउटस्टेशन क्लीयरिंग (Outstation Clearing)

आप जब भी किसी दूसरे शहर की बैंक ब्रांच से जारी किया हुआ चेक अपने बैंक ब्रांच में जमा करते हैं तो उसे आउटस्टेशन क्लीयरिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया में आपका चेक दूसरे शहर की क्लीयरिंग हाउस में भेजा जाता है।

आमतौर पर ऐसे चेक एक हफ्ते में क्लियर हो जाते हैं लेकिन उसमें थोड़ा अधिक समय भी लग सकता है।

#4. हाई वैल्यू क्लीयरिंग (High Value Clearing)

यदि आपके चेक में ₹100000 या उससे अधिक रकम लिखी है तो ऐसे चेक को हाई वैल्यू चेक (High Value Cheque) कहा जाता है। हाई वैल्यू चेक को क्लियर करने से पहले चेक जारी करने वाले को एलर्ट भेजा जाता है। आमतौर पर ऐसे अलर्ट एसएमएस या फोन के द्वारा भेजे जाते हैं।

चेक जारी करने वाले से सहमति मिलने के बाद ही ऐसे चेक को क्लियर किया जाता है। इसमें 24 घंटे से 1 हफ्ते का समय लग सकता है।

चेक ट्रांजैक्शन सिस्‍टम क्‍या है? (Cheque Transaction System In Hindi)

चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम, चेक को क्लियर करने की एक प्रक्रिया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक में लागू किया है। इसे सेंट्रलाइज क्लीयरेंस सिस्टम (Centralized Clearance System) भी कहा जाता है। इस सिस्टम में जारी किए गए फिजिकल चेक को एक जगह से दूसरी जगह घूमना नहीं पड़ता है। यह चेक जिस बैंक में प्रस्तुत किया जाता है वह यहां से अदाकर्ता के बैंक शाखा तक की यात्रा करता है।

चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम में क्लीयरिंग हाउस इलेक्ट्रॉनिक रूप में अदाकर्ता के शाखा को भेज देता है और उसके साथ ही सभी संबंधित जानकारी जैसे कि एमआईसीआर बैंड का डाटा, तारीख और प्रस्तुत करने वाले बैंक का ब्‍योरा।

सीटीएस (CTS) के कारण बैंक चेक को एक स्थान से दूसरे स्थान में जाने के लिए लगने वाली लागत खत्म हो जाती है और इस में लगने वाला समय भी कम हो जाता है। सीटीएस का इस्तेमाल 2010 से भारत में हो रहा है लेकिन यह केवल बड़े क्लीयरिंग हाउस तक ही सीमित था। अब आरबीआई ने देश भर में सीटीएस को लागू कर दिया है।

बैंक में चेक लगाने का तरीका (Bank Mein Cheque Lagane Ka Tarika)

अगर आप यह जानना चाहते हैं कि बैंक में चेक कैसे लगाएं? तो आप नीचे दिए गए चरणों का अनुसरण कर सकते हैं:

STEP 1: चेक डिपॉजिट स्लिप (Cheque Deposit Slip)

सबसे पहले आपको अपने बैंक में जाकर डिपॉजिट स्लिप को लेना होगा और उसके बाद अपने डिपॉजिट स्लिप में सभी जानकारी भरनी है। अलग-अलग बैंक में डिपॉजिट स्लिप अलग हो सकती है लेकिन इन सभी में एक जैसी ही जानकारी भरनी होती है।

  • दिनांक: जिस दिन आप अपने चेक को बैंक में जमा कर रहे हैं उस दिन की तारीख।
  • बैंक ब्रांच: अपने बैंक ब्रांच का नाम लिखें।
  • अकाउंट टाइप: इसमें आपको अपने अकाउंट का टाइप लिखना होता है जैसे कि सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट।
  • खाता संख्या: अपने बैंक खाते का नंबर लिखें।
  • नाम: बैंक अकाउंट होल्डर का नाम लिखें।
  • टोटल डिपाजिट इन अकाउंट: चेक में कितने रुपए लिखे हैं उसका अमाउंट लिखें।
  • रूपीस इन वर्ड्स: जितने अमाउंट का चेक है उनको वर्ड्स में लिखना है।
  • मोबाइल नंबर: अपना मोबाइल नंबर लिखें।
  • पैन नंबर: अपना पैन नंबर लिखें।
  • जमा करता के हस्ताक्षर: चेक स्लीप भरने के बाद आपको अपना हस्ताक्षर करना है।

STEP 2: डिपाजिट स्लिप को चेक के साथ बैंक में जमा कर दें

अपनी डिपाजिट स्लिप भरने के बाद आपको स्लिप बैंक में जमा कर देनी है। अपनी डिपाजिट स्लिप के साथ आपको अपना बैंक चेक भी दे देना है। इसके बाद बैंक कर्मचारी आपको उसकी रिसिप्ट दे देंगे।

इस तरह से आप अपने बैंक में चेक को जमा कर सकते हैं चेक जमा करने के बाद पैसे आपके बैंक खाते में 2 दिन के भीतर आ जाएंगे।

इस ब्लॉक पोस्ट में मैंने आपको चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम और बैंक चेक कितने दिन में क्लियर होता है? – Cheque Kitne Din Mein Clear Hota Hai? के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है। यदि आपके पास इससे संबंधित कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के द्वारा पूछ सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट को आप अपने दोस्तों और सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:

  • बैंक चेक कितने प्रकार के होते हैं
  • बैंक में खाता कैसे खोलें
  • क्या एक बैंक में दो अकाउंट हो सकते हैं
  • एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे ट्रांसफर कैसे करें

FAQ: चेक कितने दिन में क्लियर होता है? | Cheque Kitne Din Mein Clear Hota Hai? से संबंधित सभी प्रकार के प्रश्न:

चेक क्लियर होने में कितना समय लग जाता है?

किसी भी भारतीय बैंक में चेक को क्लियर होने में 2 दिन का समय लग जाता है।

SBI Cheque Clearing Time In Hindi?

अमूमन एसबीआई में चेक तो दिन में क्लियर हो जाता है, लेकिन यदि आपके पास सीटीएस चेक है तो इसकी क्लीयरिंग 24 घंटे में हो जाती।

चेक क्लियर होने में कितना समय लगता है?

| Cheque Kitne Din Mein Clear Hota Hai? आमतौर पर आप जब भी किसी भी भारतीय बैंक में अपना चेक लगाते हैं तो वह 2 दिन में क्लियर हो जाता है। सीटीएस चेक की क्लीयरिंग 24 घंटे में हो जाती है। अमूमन लेनदेन के लिए चेक दो प्रकार के होते हैं: Account Payee Cheque और Bearer Cheque – बियरर चेक

चेक क्या है चेक द्वारा भुगतान कैसे किया जाता है?

चॅक लिखने वाला व्यक्ति, जिसे निर्माता कहते हैं, उसका आम तौर पर एक जमा खाता होता है (एक "मांग खाता"), जहां उसका धन जमा होता है। चॅककर्ता, चॅक पर धनराशि, दिनांक और आदाता सहित कई विवरण लिखता है और यह आदेश देते हुए हस्ताक्षर करता है कि उल्लिखित धनराशि को इस व्यक्ति या कंपनी को उनके बैंक द्वारा भुगतान किया जाए.

चेक के पीछे क्या लिखा जाता है?

यदि आपने आर्डर चेक लिया है तो यह चेक जिस व्यक्ति के नाम जारी किया जाता है, उसके हस्ताक्षर भी चेक के पीछे होना आवश्यक है। चेक जारी करने वाले की तरफ से व्यक्ति की प्रमाणिकता के तौर पर। जिससे यदि चेक जारी करने वाले के खाते में पैसा जमा होना होता है। तो आसानी से हो जाता है।

चेक कैसे पास होता है?

तो बैंक चेक कैसे भरते हैं जानने के लिए आगे के पोस्ट को पढ़ें। आप अपने चेक को अपनी स्थानीय भाषा जैसे कि हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी, में भर सकते हो। चेक भरने के लिए, सबसे पहले चेक के ऊपर 2 लाइनें खींचे और उनके बीच 'खाता धारक को या A/C Payee' लिखे। यह लिखना जरूरी नहीं होता लेकिन इसको लिखना चाहिए।