बरगद के पेड़ से क्या फायदा? - baragad ke ped se kya phaayada?

बरगद क्या है?

बरगद एक विशाल वृक्ष होता है। आमतौर पर इसे इसके बड़े आकार, ऑक्सीजन प्रदान करने और हिंदू धर्म में आस्था की मान्यताओं से जोड़ कर देखा जाता है। इसे वट और बड़ भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस (Ficus Benghalensis) है।

बरगद का पेड़ सीधा बड़ा होता है, तो फैलता जाता है। इसकी जड़े तनों से निकल कर नीचे की तरफ बढ़ती हैं। जो बढ़ते हुए धरती के अंदर घुस जाती हैं और एक तने की तरह बन जाती हैं। इसके इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ भी कहा जाता है।

बरगद का फल गोल आकार का, छोटा और लाल रंग का होता है। इसके फल के अंदर बीज होता है, जो बहुत ही छोटा होता है। बरगद की पत्तियां चौड़ी होती हैं। जिनका आकार थोड़ा ओवल शेप में होता है। इसकी ताजी पत्तियों, तनों और छाल को तोड़ने पर उनसे एक सफेद रंग का तरल पदार्थ बहता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है।

यह पेड़ सालों-सालों तक हरा-भरा बना रहता है। सूखा और पतझड़ आने पर भी इसकी पत्तियां पूरी तरह से नहीं झड़ती हैं। कई तरह की स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए बरगद के पेड़ की पत्तियों, छाल, फल, बीज और निकलने वाले सफेद पदार्थ का इस्तेमाल किया जा सकता है।

बरगद के पेड़ के औषधीय गुण से कफ, वात, पित्‍त दोष को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। सामान्य तौर पर यह उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जा सकता है। बरगद के पेड़ को हिमालय के तराई वाले भागों में भी पाया जा सकता है, लेकिन यह हिमालय के उंचाई वाले भागों में नहीं उग सकता है।

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बरगद का उपयोग किस लिए किया जाता है?

बरगद का इस्तेमाल कई तरह के स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार में किया जा सकता है, जिसमें शामिल हो सकते हैंः

प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाएं

बरगद के पेड़ का इस्तेमाल शरीर की वीक इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाने के लिए किया जा सकता है। इसकी पत्तियों में पाए जाने वालों तत्वों, जैसे- हेक्सेन, ब्यूटेनॉल, क्लोरोफॉर्म और पानी हमारे इम्युनिटी पावर को बढ़ाने में काफी फायदेमंद हो सकता है।

डायबिटीज के उपचार के लिए

शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने के कारण डायबिटीज की समस्या का जोखिम भी अधिक बड़ सकता है। वहीं, बरगद पेड़ की जड़ में हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाया जाता है, जो शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को कम करने का कार्य कर सकता है। डायबिटीज की समस्या के उपचार के लिए आपके डॉक्टर औषधीय उपचार के लिए आपको बरगद के पेड़ की जड़ का अर्क पीने की सलाह दे सकते हैं।

डायरिया की समस्या दूर करे

बरगद के पेड़ से जो सफेद पदार्थ निकलता है उसमें रेजिन, एल्ब्यूमिन, सेरिन, शुगर और मैलिक एसिड जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जिनकी मदद से डायरिया, डिसेंट्री और बवासीर की समस्या का उपचार किया जा सकता है।

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फोड़े-फुंसी की समस्या से राहत दिलाए

खासकर बारिश और गर्मियों के मौसम में छोटे बच्चों में फोड़े-फुंसी की समस्या अधिक देखी जा सकती है। इस तरह की समस्या एक प्रकार का त्वचा से संबंधित विकार हो सकता है। बरगद के पेड़ के विभिन्न भागों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा से संबंधी इस तरह के विकारों का उपचार करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, इसके इस्तेमाल को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है। इसलिए इस दिशा में अभी भी उचित शोध करने की आवश्यकता है।

ओरल हेल्थ का रखे ख्याल

बरगद के पेड़ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-माइक्रोबियल ओरल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं। यह दांतों और मसूड़ों में बैक्टीरिया की समस्या और सूजन की स्थिति को दूर करने में मदद कर सकते हैं। दांतों की सफाई के लिए आप इसके नरम तनों का इस्तेमाल दातून के तौर पर भी कर सकते हैं।

इसके अलावा अन्य स्वास्थ्य स्थितियों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें शामिल हो सकते हैंः

  • बवासीर के उपचार के लिए
  • डिप्रेशन दूर करने के लिए
  • जोड़ों का दर्द दूर करने के लिए
  • स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित करने के लिए
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बरगद कैसे काम करता है?

बरगद के पेड़ की पत्तियों में ट्रीटेरपेनेस (Triterpenes), फ्रेडलीन (friedelin), सिटोस्टेरोल (sitosterol) की मात्रा होती है। वहीं, इसके छाल में ग्लूकोसाइड्स, बेंगालिनोइड्स और फ्लेवोनॉयड ग्लाइकोसाइड्स की मात्रा होती है। साथ ही, पेड़ की तनों से हवा में लटकने वाली जड़ों में फाइटोस्टेरोलिन की मात्रा पाई जा सकती है। इसकी लकड़ी में लिग्लिक एसिड, बेंगालोसाइड और ट्राटेक्सास्टरोल पाया जाता है। इतना ही नहीं, बरगद के पेड़ में मौजूद फाइटोकेमिकल्स के सेवन से कई स्वास्थ्य स्थितियों को बेहतर बनाया जा सकता है। इसके गुण कई तरह के इंफेक्शन से बचाव करने में शरीर की मदद कर सकते हैं।

बरगद के पेड़ में पाए जाने वाले अन्य रसायन तत्वः

  • एंथोसाइनिडिन
  • कीटोंस
  • स्टेरोल्स
  • फिनोल
  • टैनिन्स
  • सैपोनिंस

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बरगद की पत्तियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व और उनकी मात्रा:

  • प्रोटीन – 9.63 %
  • फाइबर – 26.84 %
  • कैल्शियम – 2.53 %
  • फास्फोरस – 0.4 %

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हम सभी अपने बड़े-बुजुर्गों से सुनते आएं है कि बनियान ट्री यानी बरगद के पेड़ में ईश्वर का वास होता है। 
हिन्दू एवम बौद्ध धर्म में बरगद के पेड़ को महत्पूर्ण बताया गया है। कई विशेष दिनों में बरगद के पेड़ की पूजा भी की जाती है । बरगद दैवीय विशेषताओं के साथ ही कई शरीरिक लाभ हैं। तो दोस्तो आज हम जानते हैं बरगद के पेड़ से मिलने वाले फायदों की।
बरगद के पेड़ को हिंदुस्तान का राष्ट्रीय पेड़ कहा जाता है। यह पेड़ अपनी टहनियों से लटकती जड़ों के कारण बहुत तेजी से बड़ा हो जाता है। बरगद के पेड़ की पत्तियाँ, तना, आदि को तोड़ने पर इससे दूध जैसा पदार्थ निकलता है, जिसे लेटेक्स कहा जाता है। इसकी जड़ें मिटटी को पकड़ के रखती है और पत्तियां हवा को शुद्ध करती हैं। दुनिया के सबसे विशाल बरगद के पेड़ों में से एक भारत के कलकत्ता शहर में पाया जाता है जिसे "ग्रेट बैनियन" के नाम से जाना जाता है जो तकरीबन ढाई सौ साल पुराना पेड़ है।
बनियान के कई सारे फायदे है जो मानव के जीवन के हर पहलू में उयोग किए जा सकते है चाहे वह आध्यात्मिक हो या चिकित्सकीय हो। आध्यात्मिक ऊर्जा देने के अलावा चलिए जानते है यह किस प्रकार से मानव जीवन मे लाभ पहुंचाता है। यह कई बीमारियीं में फायदेमंद है। इसका आयुर्वेदिक इलाज़ में भी इस्तेमाल किया जाता है।

1. लूजमोशन
लूनमोशन या दस्त से तो हम सभी उम्र के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर अगर दस्त की समस्या बच्चो में होती है, तो और भी परेशानी हो जाती है। लेकिन आप बरगद के पेड़ के द्वारा इस बीमारी का इलाज कर सकते है। बच्चो की नाभि में बरगद के दूध की कुछ बूँद लगाने से दस्त पर काबू किया जा सकता है। बतासे में बरगद के दूध की कुछ बूँद डालकर दिन में 2-3 बार खिलाने से जल्द राहत मिलती है ।

2. दांतों और मसूड़ों के लिए 
बरगद में मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एस्ट्रीजेंट गुणों के कारण इसकी जड़ों का प्रयोग ओरल समस्याओं के उपचार का बहुत ही प्राचीन तरीका है। बरगद की जड़ों को खाने या चबाने से दांत संबंधी रोग जैसे मसूड़ों की बीमारी, दांतों का गिरना, मसूड़ों से खून आने जैसी तकलीफें दूर होने के साथ ही यह दांतों को साफ करने में भी मदद करता है। इसे एक प्राकृतिक टूथपेस्ट तरह यूज़ कीजिए यह सांसों की दुर्गंध को दूर करने में भी मदद करता है।

3. त्वचा के लिए फायदेमंद
बरगद के पत्तों को तवे पर सेककर थोड़ा ठंडा होने के बाद इसे अपने फोड़ों या पिंपल्स के ऊपर रखने से लाभ मिलता है। बरगद के कोपलों से बने पेस्ट को लगाने से बलगम, झिल्ली के इलाज, सूजन और दर्द को दूर करने में अच्छी तरह से काम करता है। मुंहासों को दूर करने में भी मदद करता है। 

4. इम्यूनिटी 
बरगद के पेड़ की छाल में इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण होते हैं। अच्छी इम्यूनिटी स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे बीमारियों को दूर रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से आपको बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है। बरगद की छाल का काढा बनाकर प्रतिदिन एक कप पीने से आपकी इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।

5. फटी एड़ियों को ठीक करे
अक्सर महिलाओं में एड़ियों को लेकर कितनी चिंता रहती है। फटी एड़ियां आपके व्यक्तित्व के लिए अच्छा नहीं है। फटी एड़ी के कारण अपने पैर को छुपाना पड़ता है। आप बरगद के दूध का इस्तेमाल करके अपनी फटी एडियों को ठीक कर सकते है। फटी एडियों में बरगद के दूध से मालिश करते रहने से कुछ दिनों में लाभ होता है।

6. यौन शक्ति 
बरगद के पेड के पत्ते और जड़ का उपयोग विभिन्न तरह की बीमारियों में किए जाता है । उनमें से एक है यौन शक्ति।बरगद यौनशक्ति को बढ़ाने में बहुत लाभकारी है। बरगद के पेड़ के पके हुए फल को छाया में सुखा ले और उसका चूर्ण बना ले और बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर पीस लें और  सुबह खाली पेट और रात में एक कप दूध के साथ सोने से पहले लें। कुछ दिनों में आपकी यौनशक्ति में इज़ाफ़ा होगा।

7. बढ़ती उम्र को रोके
बरगद के पेड़ की जड़ों में सबसे ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं । यदि आप अपने चेहरे पर लगाए तो यह झुर्रियां कम करने में मदद करता है। झुर्रियां कम करने के साथ-साथ यह चेहरे में रौनक भी लाता है जिससे उम्र से काफी जवान दिखने लगते है।
इसके और कई प्रयोग है जो अन्य गंभीर रोगों में लाभ देते हैं। पर कुशल वैद्य की देखरेख में और उनकी सलाह से ही इसका प्रयोग करने से बर्गद के पेड़ का अधिक लाभ उठाया जा सकता है।

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बरगद के पेड़ से क्या लाभ है?

बरगद के पेड़ के फायदे – Benefits of Banyan Tree in Hindi.
दांत और मसूड़ों को रखे स्वस्थ ... .
प्रतिरोधक क्षमता में सुधार ... .
बवासीर में दिलाए राहत ... .
डायबिटीज को दूर करने में मददगार ... .
डिप्रेशन में सहायक ... .
डायरिया में लाभदायक ... .
बांझपन और नपुंसकता में लाभदायक ... .
जोड़ों के दर्द में मददगार.

बरगद की जड़ पीने से क्या होता है?

नाक से खून आने पर बरगद के औषधीय गुण से लाभ 3 ग्राम बरगद की जड़ की छाल का चूर्ण लस्सी के साथ पिएं। इससे नाक से खून आने की समस्या में लाभ होता है। 10 से 20 ग्राम तक वट वृक्ष कोपलों या पत्तों को पीस लें। इसमें शहद और चीनी मिलाकर सेवन करने से खूनी पित्त में लाभ होता है।

बरगद के पेड़ के पत्ते खाने से क्या होता है?

छाल का काढ़ा बनाकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है। यह कोलेस्ट्राल को नियंत्रित करता है। मधुमेह में फायदेमंद है। इसका दूध वात, पित्त, कफ तीनों को नष्ट करता है।

बरगद के पेड़ पर किसका वास होता है?

बरगद के पेड़ में ब्रह्मा जी, श्रीहरि और शिव निवास करते हैं. Banyan Tree Worship: हिंदू धर्म में बरगद यानी वटवृक्ष को देव वृक्ष माना जाता है. मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ में भगवान ब्रह्मा जी, श्रीहरि और शिव निवास करते हैं. बरगद के पेड़ों की उम्र सबसे ज्यादा होती है, इसलिए इसे 'अक्षयवट' भी कहा जाता है.