Show
लोग गैस क्यों छोड़ते हैं और क्या इसे रोका जा सकता है?
21 फ़रवरी 2018 इमेज स्रोत, Getty Images एक ख़बर काफ़ी देर से हंसा रही है. यूरोप में एक विमान को इसलिए आपात स्थिति में उतारना पड़ा क्योंकि उसमें सवार एक मुसाफ़िर ने बार-बार दुर्गंध फैलाकर साथ सफ़र कर रहे लोगों को बेहाल कर दिया. विमान दुबई से नीदरलैंड्स जा रहा था और हालात इतने बिगड़ गए कि बीच ऑस्ट्रिया में उसे उतारना पड़ा. इसे 'फ़ार्ट अटैक' का नाम दिया गया है. घटना ट्रांसेविया एयरलाइन की एक फ़्लाइट में हुई.
लेकिन इस ख़बर पर हंसने के अलावा उस यात्री के साथ सहानुभूति भी जताई जानी चाहिए, जिसकी वजह से विमान को उतारना पड़ा. ये कौन सी गैस छोड़ते हैं हम?उस शख़्स ने क्योंकि ऐसा जानबूझकर तो किया नहीं होगा. लेकिन इसका निदान क्या है? फ़ार्ट क्या है? क्या ये इंसानी काबू में आ सकता है? क्या इसे रोका जा सकता है? हेल्थलाइन के मुताबिक़ पाद या फ़ार्ट असल में इंटेस्टाइनल गैस निकालने की प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप खाना पचाया जाता है.
ये गैस हमारे पूरे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में पाई जाती है जिसमें पेट, छोटी आंत, कोलोन और रेक्टम शामिल है. इंसान इसलिए फ़ार्ट करता है क्योंकि हमारे शरीर में गैस बढ़ती जाती है और इसके कारण ये रहे:
कब होता है पेटदर्द?ये सभी गैसें कहीं न कहीं तो जाएंगी ही. इनमें से कुछ को इंसानी शरीर सोख लेता है. लेकिन जब इसका बड़ा हिस्सा मलाशय के ऊपरी हिस्से में इकट्ठा हो जाता है और कोलोन वॉल पर दबाव बढ़ने लगता है तो पेट में दर्द महसूस होता है या फिर छाती में भी दिक्कत होती है. ऐसे में फ़ार्ट इन गैसों को शरीर से बाहर निकालने का तरीक़ा है. और अगर इस गैस को रोकने की कोशिश की जाए तो क्या होता है? आम तौर पर इन्हें रोकना नहीं चाहिए. रोकने पर हालांकि ज़्यादा नुकसान भी नहीं होता. लेकिन ये जान लेना चाहिए कि ये गैस है और अभी नहीं तो कुछ वक़्त बाद निकलनी है क्योंकि शरीर ऐसा चाहता है. दिन भर जो हम गैस बनाने वाला खाना खाते हैं और हवा लेते हैं, वो आम तौर पर शाम को परेशान करती है. इसके अलावा फ़ार्ट आने की संभावनाएं तब बढ़ जाती हैं जब आंतों की मांसपेशियां उमेठती हैं. लेकिन क्या ये चिंता का विषय है?यही वजह है कि जब पेट साफ़ करने जाते हैं तो भी हवा पास होती है. इसके अलावा कुछ लोगों के मामले में व्यायाम करते वक़्त और खांसते वक़्त भी गैस पास करने की आदत देखी जाती है. दरअसल, फ़ार्ट आना कोई चिंता का विषय नहीं है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ स्कीम (NHS) की वेबसाइट के मुताबिक़ हर व्यक्ति फ़ार्ट मारता है, लेकिन कुछ दूसरों की तुलना में ज़्यादा करते हैं. आमतौर पर एक व्यक्ति दिन में 5-15 बार गैस छोड़ता है. लेकिन कुछ लोगों के लिए सामान्य-सी बात दूसरों के लिए अलग या चिंता की बात बन सकती है. अगर किसी को लगता है कि ये आम से कुछ ज़्यादा हो रहा है, तो इस बारे में विचार किया जाना चाहिए. लेकिन क्या इन्हें रोका भी जा सकता है? खाना-पीना सुधारने की ज़रूरत?गैस से बचना है तो डाइट को एडजस्ट करने की ज़रूरत है. अगर आपका शरीर लैक्टोस को पसंद नहीं करता तो डॉक्टर आपको दूध-आधारित सामान कम खाने की सलाह दे सकता है. लैक्टोस सप्लीमेंट इस्तेमाल करने से एंज़ाइम डेयरी उत्पादों को आसानी से पचाने का ज़रिया दे सकते हैं. गैस को घटाना चाहते हैं तो कार्बोनेटेड बेवरेज भी कम करना होगा. लेकिन ऐसे हालात होने पर अचानक फ़ाइबर की मात्रा न बढ़ाएं क्योंकि इससे गैस की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. लेकिन बदबूदार फ़ार्ट से बचने के लिए क्या किया जा सकता है?
लेकिन डॉक्टर के पास कब जाएं?गैस बनना या ज़्यादा हवा पास करना कोई गंभीर बात नहीं है. लाइफ़ स्टाइल में ज़रा-बहुत बदलाव या आम दवाइयों से भी ये ठीक हो जाता है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि इसके साथ दूसरे साइन नज़र आते हैं. अगर ये सब लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है:
उम्मीद है ये कहानी पढ़ने के बाद अगर आपको कोई पाद या फ़ार्ट से मुश्किल में डालेगा तो गुस्से के साथ-साथ आप उसकी तकलीफ़ भी कुछ हद तक समझेंगे. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.) ज्यादा पादने से क्या नुकसान होता है?हालांकि इससे ज्यादा गैस पास करनेको बहुत ज्यादा माना जाता है। अगर आप सामान्य के मुकाबले ज्यादा पाद मार रहे हैं तो यह पेट फूलने, सूजन व दर्द और डकार जैसे लक्षणों के साथ आपको परेशान कर सकता है।
बार बार पाद आने का क्या कारण हो सकता है?हेल्थलाइन के मुताबिक़ पाद या फ़ार्ट असल में इंटेस्टाइनल गैस निकालने की प्रक्रिया है जिसके फलस्वरूप खाना पचाया जाता है. ये गैस हमारे पूरे डाइजेस्टिव ट्रैक्ट में पाई जाती है जिसमें पेट, छोटी आंत, कोलोन और रेक्टम शामिल है. दिन भर हमारे शरीर में हवा जाती रहती है. कार्बोनेटेड बेवरेज के ज़रिए या फिर चबाने के दौरान भी.
दिन में कितनी बार पाद आना चाहिए?-आमतौर पर किसी व्यक्ति को 24 घंटे में 20 बार तक फार्ट आना सामान्य ही माना जाता है।
पाद से छुटकारा कैसे पाएं?गुनगुना पानी पीने से आपको गैस में काफी आराम मिलता है। इसमें नींबू मिलाकर पीने से भी गैस दूर होती है और अधोवायु से राहत मिलती है। पुदीना फार्ट के लिए उत्तरदायी गैस को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है।
|