बीमा कितने रुपए का होता है? - beema kitane rupe ka hota hai?

सरकार ने की प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) के सालाना प्रीमियम में बढ़ोतरी की है। अब आपको इस योजना के लिए सालाना 330 रुपए की जगह 436 रुपए देने होंगे। ये बढ़ोतरी 1 जून से लागू हो चुकी है।

इस योजना में लाभार्थी की किसी भी प्रकार से मौत पर नॉमिनी या परिवार को 2 लाख रुपए की राशि मिलती है। यानी अगर किसी व्यक्ति की बीमारी या दुर्घटना में मौत होती है तो बीमित व्यक्ति के नॉमिनी या परिवार को बीमा की 2 लाख रुपए मिलेंगे। हम आपको अस योजना के बारे में बता रहे हैं।

PM Jeevan Jyoti Bima Yojana: आम आदमी को बेहद कम प्रीमियम में इंश्योरेंस कवर मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। इसी के तहत केंद्र सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Bima Yojana) की शुरुआत की थी। पहले इस योजना में प्रीमियम 330 रुपये था। जिसे अब बढ़ाकर 436 रुपये कर दिया गया है। इस योजना में लाभार्थी की किसी भी प्रकार से मौत पर नॉमिनी या परिवार को 2 लाख रुपये मिलते हैं।

कहने का मतलब ये हुआ कि अगर किसी व्यक्ति की बीमारी या दुर्घटना में मौत होती है। ऐसी स्थिति में जिसके नाम से बीमा है उसके नॉमिनी या परिवार को 2 लाख रुपये मिलेंगे। इस योजना में 18 से 50 साल के लोग शामिल हो सकते हैं।

जानिए योजना से जुड़ी अहम बातें

इस योजना को केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2015 में शुरू किया था। इसके तहत इंश्योरेंस होल्डर्स को 436 रुपये सालाना प्रीमियम राशि के रूप में जमा करना होता है। यह टर्म इंश्योरेंस की तरह काम करता है और हर साल अप्रैल और 31 मई के महीने तक इस योजना की अवधि रहती है। PMJJBY एक टर्म इंश्योरेंस प्लान है। टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी लेने वाले की मौत के बाद ही लाभ मिलता है। यदि पॉलिसीधारक समय पूरा होने के बाद ठीक-ठाक रहता है तो उसे कोई लाभ नहीं मिलता है। इस पॉलिसी की शुरुआत 1 जून से होती है, जो कि 31 मई तक वैलिड रहती है। इंश्योरेंस होल्डर्स के बैंक अकाउंट से एक तय तारीख को अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए बैंक में अकाउंट होना बेहद जरूरी है।

अगर आप इस योजना के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो आपके पास आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो का होना जरूरी है। इस योजना में आप आसानी से ऑनलाइन तरीके से अप्लाई कर सकते हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए प्रक्रिया बेहद आसान है। इस बीमा को खरीदने के लिए आप LIC ब्रांच में जाकर अपना इंश्योरेंस अकाउंट खुलवा सकते हैं। इसके आलवा आप https://www.jansuraksha.gov.in से फॉर्म निकालकर फिल करके बैंक में जमा करके भी इस बीमा योजना का लाभ उठा सकते हैं।

कैसे मिलता है इंश्योरेंस क्लेम?

नॉमिनी को उस इंश्योरेंस कंपनी या बैंक में क्लेम करना होता है। जिसका इंश्योरेंस है, उसका डेथ सर्टिफिकेट जमा करना होगा। डिस्चार्ज रिसिप्ट के साथ ही दूसरे जरूरी कागजात देने होते हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने साल 2014 में गद्दी संभालते ही आम आदमी के लिए दो बीमा योजनाओं की शुरुआत की थी. जो कि बेहद ही किफायदी दरों पर उपलब्ध थीं. लेकिन अब 1 जून से ये दोनों सरकारी बीमा योजनाएं महंगी होने जा रही हैं. केंद्र सरकार ने दोनों के प्रीमियम (Premium) में बढ़ोतरी का फैसला ले लिया गया है.

दरअसल, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) के तहत एनरोलमेंट पीरियड 1 जून से 31 मई तक होता है. योजना का लाभ उठाने के लिए आपके पास बैंक खाता होना जरूरी है. प्रत्येक वर्ष पहली जून या इससे पहले सिंगल किस्त में 'ऑटो डेबिट' के माध्यम से प्रीमियम बैंक खाते से कटौती की जाती है. 

जब आप किसी एजेंट से वाहन बीमा कराने की बात करते हैं तो वह आपको Comprehensive Insurance कराने की सलाह देता है। अगर आपकी गाड़ी कहीं पकड़ी जाती है तो उसका Third Party Insurance  दिखाना अनिवार्य होता है। वरना आप पर जुर्माना लग सकता है या जेल भी भेजा जा सकता है। बीमा के साथ कोई नई बीमा सुविधा जुड़वानी हो तो Add On इंश्योरेंस जुड़वाने की सलाह दी जाती है। 

ये अलग-अलग तरह के वाहन बीमा का नाम सुनकर आपके के मन में, यह सवाल जरूर उठता होगा कि, आखिर वाहन बीमा किस-किस तरह क्का होता है या वाहन बीमा कितने प्रकार का होता है ? How many types of Vehicle insurance in Hindi? इस लेख में हम इस प्रश्न का जवाब देंगे। साथ ही वाहन बीमा संबंधी कुछ अन्य उपयोगी जानकारियां भी साझा करेंगे।

बीमा कितने रुपए का होता है? - beema kitane rupe ka hota hai?

पूरा लेख एक नजर में

  • वाहन बीमा के प्रकार | types of Vehicle insurance
  • वाहन की कैटेगरी के अनुसार इंश्योरेंस के प्रकार
  • मोटर इंश्योरेंस जरूरी क्यों?
  • वाहन बीमा लेते समय रखें ध्यान | Be Cautious When Opting

वाहन बीमा के प्रकार | types of Vehicle insurance

आपको मिलने वाली बीमा सुरक्षा के हिसाब से वाहन बीमा दो प्रकार के होते हैं-

  1. थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी: आपके वाहन से किसी अन्य वाहन, व्यक्ति या संपत्ति को जो नुकसान पहुंचता है, उसकी भरपाई Third-party insurance policy के माध्यम से होती है। ऐसी घटनाओं के बाद, मुआवजा निर्धारण के लिए, जो कानूनी प्रक्रियाएं होंगी, उनसे निपटने की जिम्मेदारी भी बीमा कंपनी की होती है।
    • थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ आपको 15 लाख का Compulsory Personal Accident Insurance (अनिवार्य व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा) भी मिलता है। इससे वाहन मालिक की मौत या परमानेंट विकलांगता की स्थिति में 15 लाख रुपए तक मुआवजा मिलता है।
    • लेकिन ध्यान रहे, आपके खुद को वाहन को हुए नुकसान का मुआवजा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पॉलिसी से नहीं मिलता। इसके लिए आपको Own Damage Cover लेना पड़ता है, जोकि कंप्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पर ही मिलता है।
  2. कंप्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी: इसे संपूर्ण बीमा पॉलिसी भी कहते हैं। इसमें आपके वाहन से किसी दूसरे वाहन, व्यक्ति और संपत्ति को नुकसान का मुआवजा तो बीमा कंपनी भरती ही है, आपके खुद के वाहन को हुए नुकसान की भरपाई भी बीमा कंपनी करती है। यानी कि आपको Third party insurance और Own Damage Cover, दोनों का फायदा कंप्रिहेंसिव मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी से मिलता है।
  3. एड ऑन इंश्योरेंस:  कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेने पर आपको कई प्रकार के Add On Covers (सहायक बीमा पॉलिसियां) भी जुड़वाने की सुविधा मिलती है। आप जिस तरह का एड ऑन इंश्योरेंस अपनी मुख्य बीमा पॉलिसी के साथ जुड़वा लेंगे, उस तरह की अतिरिक्त बीमा सुरक्षा का लाभ आपको अलग से मिलता है। लेकिन, ध्यान रखें कि हर एड ऑन पॉलिसी का प्रीमियम भी अलग से जुड़ता है, जिससे आपकी बीमा पॉलिसी भी उतनी ही महंगी पड़ती है। कुछ प्रमुख प्रकार के एडऑन इंश्योरेंस के नाम इस प्रकार हैं- 
    • Zero Depreciation Cover: गाड़ी पुरानी होने पर भी, उसके बीमा क्लेम पूरा मिलने के लिए
    • No Claim Bonus Protection Cover: पॉलिसी के दौरान कोई क्लेम न करने पर बीमा शुल्क कम कराने के लिए
    • Engine Protection Cover. : इंजन को नुकसान पहुंचने पर, उसका मुआवजा भी पाने के लिए
    • Roadside Assistance Cover: किसी हादसे के बाद घटना स्थल पर ही मदद प्राप्त करने के लिए
    • Passenger Cover: गाड़ी में मौजूद सवारियों को नुकसान पहुंचने पर मुआवजा मिलने के लिए
    • Return to Invoice Cover. हादसा होने पर गाड़ी की रसीद में दर्ज दाम के बराबर उसकी कीमत प्राप्त करने के लिए

वाहन की कैटेगरी के अनुसार इंश्योरेंस के प्रकार

वाहन की कैटेगरी के हिसाब से, वाहन बीमा तीन प्रकार के होते हैं।

  1. Car Insurance | कार बीमा
  2. Two Wheeler Insurance | दोपहिया वाहन बीमा
  3. Commercial Vehicle Insurance |  व्यावसायिक वाहन बीमा

अब तीनों के बारे में आइए थोड़ा विस्तार से जानते हैं—

कार इंश्योरेंस | Car Insurance

Car Insurance कराने पर, किसी हादसे की स्थिति में, वाहन को होने वाले नुकसान की भरपाई की सुविधा मिलती है। प्राकृतिक आपदा (natural calamities) या मानव जनित हादसे (man-made calamities) की स्थिति में भी वाहन को होने वाले नुकसान की भरपाई भी इस Insurance के तहत कवर होता है। बहुत सी कंपनियां अब कार बीमा के साथ, उसी के एक हिस्से के रूप में medical insurance भी उपलब्ध कराने लगी हैं।

Car insurance, आपके वाहन से हुए हादसे की स्थिति में किसी अन्य व्यक्ति या संपत्ति (third party) को हुए नुकसान पर कानूनी देनदारियां (legal liability) निपटाने के लिए भी जिम्मेदार होता है। वाहन ड्राइवर भी इस Third Party liability का लाभ पाने का अधिकारी होता है। इतना ही नहीं सवारियों/सहयात्रियों (co-passengers) के लिए भी कवरेज लेने का विकल्प होता है। हालांकि, जितना ज्यादा कवरेज बढ़ता है, पॉलिसी का Premium भी उतना ही ज्यादा होता है।

दो पहिया बीमा | Two Wheeler Insurance

दो पहिया वाहन बीमा के तहत भी third party liability के साथ-साथ खुद के वाहन को हुए नुकसान की भरपाई की सुविधा दी जाती है। इस तरह का बीमा सडक हादसों के अलावा प्राकृतिक व मनुष्य के हाथों हुए हादसे (Natural And Man made Calamity) पर भी सुरक्षा प्रदान करता है। सामान्यत: यह बीमा एक साल के लिए होता है।

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI insurance regulatory and development authority of India) की ओर से दीर्घकालिक दो पहिया वाहन (long-term two wheeler insurance (LTTW) की सुविधा भी शुरू की गई है। इस पॉलिसी के तहत कोई व्यक्ति एकमुश्त 3 साल के लिए वाहन बीमा करवा सकता है।

बीमा कंपनियों को Two wheeler insurance के साथ 1 लाख रुपए का personal accident cover भी देना अनिवार्य होता है। प्रीमियम बढवाकर आप सवारियों के लिए भी बीमा ले सकते हैं।

व्यावसायिक वाहन बीमा| Commercial Vehicle Insurance

ऐसे सभी वाहन जिनका प्रयोग व्यावसायिक उद्देश्यों (commercial purposes) के लिए होता है, जैसे कि बस, ट्रक, एंबुलेंस, लोडर, कैंटर, मल्टी यूटिलिटी वाहन, कृषि वाहन (agricultural vehicles) वगैरह। इनका बीमा व्यावसायिक वाहन बीमा (commercial vehicle insurance) के तहत होता है। commercial vehicle insurance भी हादसा या आपदा की स्थिति में हुए नुकसान से निपटने की सुरक्षा प्रदान करती है।

Road Accident की स्थिति में किसी अन्य व्यक्ति या संपत्ति (Third Party ) को नुकसान की भरपाई के अलावा मौत या शारीरिक क्षति (death/injury) के claims की सुविधा भी इस तरह की बीमा पॉलिसी का हिस्सा होते हैं।

बीमा पॉलिसी का प्रीमियम निर्धारित करते वक्त commercial vehicle के मेक और मॉडल, के साथ—साथ रजिस्ट्रेशन का स्थान, निर्माण वर्ष, तात्कालिक शोरूम कीमत वगैरह का ध्यान रखा जाता है। और यह भी कि बीमा कराने वाला कोई व्यक्ति है या कंपनी।

मोटर इंश्योरेंस जरूरी क्यों?

भले ही आप बड़ी कुशलता से गाड़ी चला लेते हों, भले ही आपको भीड़ भरे रास्तों पर वाहन न ले जाने की जरूरत होती हो, वाहन बीमा करवाना हर हाल में फायदे का सौदा होता है। वाहन बीमा होने से आप इन कई तरह की मुश्किलों से बचे रहते हैं—

1. दूसरे व्यक्ति, वाहन या संपत्ति को नुकसान की भरपाई के लिए

भारत मेें लागू Motor Vehicle Act के मुताबिक, हर वाहन के लिए थर्ड पार्टी बीमा (third party liability insurance) लेना अनिवार्य है। किसी हादसे की स्थिति में, आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति (third party) को होने वाली क्षति का हर्जाना third party insurance के माध्यम से ही निपटाया जाता है। ये नुकसान स्थायी चोट (Permanent injury) या मौत के रूप में भी हो सकता है। जिसका मुआवजा लाखों या करोड़ों में भी हो सकता है। किसी अन्य व्यक्ति की property को हुए नुकसान को भी इसी third party liability insurance के तहत चुकाया जाता है।

सामान्य परिस्थिति में भी, अगर आपने अपने वाहन का third party insurance नहीं करवा रखा है तो पकड़े जाने पर 2000 रुपए तक जुर्माना या 3 महीने की जेल हो सकती है। यहां तक कि दोनों दंड एक साथ भी दिए जा सकते हैं।

2. खुद के वाहन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए

दुर्घटना की स्थिति में, आपके वाहन को हुए नुकसान की मरम्मत (Repair) के खर्च की भरपाई First Party Motor Insurance से हो जाती है। इससे न केवल आप अचानक बड़े आर्थिक संकट (Financial Crisis) से महफूज रहते हैं, बल्कि रिपेयरिंग के झंझटों से भी मुक्त रहते हैं। अब तो कई कंपनियां (खासकर कार कंपनियां) roadside assistance की सुविधा भी उपलब्ध कराने लगी हैं। इसमें आपको मौके पर (हादसा वाले स्थान पर) पहुंचकर ही मदद कर दी जाती है।

3. प्राकृतिक आपदा या अन्य ऐसी घटना से नुकसान की भरपाई

वाहन बीमा होेने पर आपको किसी प्राकृतिक हादसे (natural disaster) या मनुष्य के कारण आई आपदा (human calamities) वगैरह से हुए नुकसान पर भी मदद मिलती है।

किस तरह की घटनाएं शामिल: ऐसी आकस्मिकताओं में सड़क हादसा (Road accident), कार मेें आग लग जाना (fire), प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) जैसे कि भूकंप (earth quake), भूस्खलन (Landslide), बाढ़ (Flood),  आंधी-तूफान (Storm-hurricane), बिजली गिरना (lightning) वगैरह शामिल होती हैं। इसी प्रकार मानव जनित आपदाओं में आगजनी (fire), दंगे (riots) आतंकी हमला (terrorist attacks), विस्फोट (explosion),चोरी (theft) वगैरह शामिल हैं।

इन सब तथ्यों को देखते हुए कहा जा सकता है कि Motor Insurance करवा लेना हर तरह से समझदारी का सौदा होता है।

वाहन बीमा लेते समय रखें ध्यान | Be Cautious When Opting

अक्सर लोग वाहन बीमा के प्रीमियम (पैसा भरने) की मात्रा कम देखकर बीमा पॉलिसी का चुनाव कर लेते हैं। लेकिन हो सकता है कि सस्ते प्लान देकर वो आपको कवरेज के मामले में बहुत कम सहूलियत दे रही हो। हो सकता है,​ कोई प्रीमियम महंगा लग रहा है, लेकिन उसके साथ जीरो डेप्रिसिएशन एड ऑन भी मिल रहा हो।

वास्तव में, बीमा पॉलिसी चुनते वक्त तीन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

1. बीमा कंपनी की बाजार में साख (Credit) कैसी है? (सर्विस की सुलभता और तेजी पर फर्क पडता है)
2. वह आपको कवरेज कौन-कौन से और कितना दे रही है? (खुद और थर्ड पार्टी के लिए भी)
3. आपकी ओर से भरे जाने वाले प्रीमियम की मात्रा क्या है? (थोडी सुविधा देकर ज्यादा तो नहीं वसूल रही)

तीनों तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जो सर्वश्रेष्ठ विकल्प (Option) लगे, उसका चयन आप कर सकते हैं।


तो दोस्तों ये थी वाहन बीमा के प्रकार और उनसे जुड़ी अलग-अलग तरह की सुविधाओं के बारे में जानकारी। रुपयों-पैसों और बीमा से जुड़ी अन्य उपयोगी जानकारियों के लिए देखें हमारे लेख-

सबसे सस्ता बीमा कौन सा है?

LIC jeevan lakshya policy : ये है LIC की सबसे सस्ती पॉलिसी, सिर्फ 172 रुपये के निवेश पर मिलेगा साढ़े 28 लाख का रिटर्न। LIC jeevan lakshya policy : भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में शुमार है।

बीमा कितने साल का है?

लगभग सभी इंश्योरेंस कंपनी 15 साल से 30 साल अवधि की टर्म पॉलिसी दे देती है। एंडोमेंट पॉलिसी लेने के लिए कम से कम उम्र 8 की होनी चाहिए और ज्यादा से ज्यादा 60 साल उम्र तक के व्यक्ति को ही पॉलिसी दी जाती है। और इस पॉलिसी की अवधि लगभग 10 से 25 साल तक होती है।

बीमा करने से क्या लाभ होता है?

जीवन बीमा क्या क्या कवर करता है ?.
दुर्घटना में मृत्यु: बीमित व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को यह आर्थिक लाभ बीमित राशि के साथ मिलता है.
स्थायी विकलांगता: यदि बीमाधारक पॉलिसी में उल्लिखित कुछ विकलांगता के कारण पैसा कमाने में सक्षम नहीं है तो नॉमिनी को आर्थिक सहायता मिलती है.

1 करोड़ का बीमा कैसे करें?

LIC 1 करोड़ पॉलिसी प्रीमियम कैलकुलेटर का उपयोग कैसे करें?.
चरण 1: LIC प्रीमियम कैलकुलेटर की ऑफीशियल वेबसाइट पर जाएं। ... .
चरण 2: 1 करोड़ की पॉलिसी चुनें.
चरण 3: आवश्यक विवरण जैसे जोखिम कवर प्रकार, प्रीमियम प्रकार, आयु, लिंग, पॉलिसी की अवधि, बीमा राशि, अतिरिक्त राइडर लाभ, (और यदि ग्राहक पर लागू हो तो) धूम्रपान की आदतें भरें।.