भारतीय संगीत कितने प्रकार के होते है? - bhaarateey sangeet kitane prakaar ke hote hai?

शास्त्रीय संगीत – भारतीय शास्त्रीय संगीत उसे कहते हैं जिसमे नियमित शास्त्र होता है । भारतीय शास्त्रीय संगीत मे खास नियमों का पालन करना अति आवश्यक होता है। जैसे कोई राग गाया जाए तो उसे किस प्रकार गाया जाए, किस गति से गाया जाए, ताल की सीमाओं आदि का पालन करना अति आवश्यक होता है ।

2. भाव संगीत / Light Music

भाव संगीत – भाव संगीत की अगर हम बात करें तो इसमें कोई नियम नहीं है । इसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है सुनने में अच्छा लगना चाहिए बस ।

आज के समय के गीतों पे अगर हम ध्यान दें तो पता चलता है कि अभी कुछ गानों को छोड़कर ज्यादातर ऐसे ही संगीत का चलन है। कभी-कभी इसमें राग का भी सहारा लिया जाता है पर भाव संगीत का उद्देश्य सिर्फ एक है कि यह सुनने में अच्छा लगे बस । भाव संगीत को हम लाइट म्यूजिक/LIGHT MUSIC के नाम से भी जानते हैं।

1. शास्त्रीय संगीत (Classical Music) के प्रकार

1. शास्त्र ज्ञान ( Theory ) – इसमें हम राग, ताल, आलाप, संगीत का इतिहास आदि का अध्ययन करते हैं।

2. क्रियात्मक ( Practical ) – जिसे हम सुन व देख सकते हैं । जैसे- गायन, वादन सुन सकते हैं नृत्य देख सकते हैं।

ज्ञात हो संगीत कला के प्रकार के दो रूप हैं । note:- गायन , वादन और नृत्य को सम्मिलित रूप से संगीत कहा जाता है ।

2. भाव संगीत (Light Music) के प्रकार

भाव संगीत / LIGHT MUSIC के तीन प्रकार हैं –

1. चित्रपट संगीत / फिल्मी गीत

फिल्मी गीत – जैसा कि नाम से ही ज्ञात होता है। वैसा गीत जिसका प्रयोग फिल्मों में हुआ है। फिल्मो में प्रयोग किये जाने वाले गाने को हम चित्रपट संगीत भी कहते है। साधारण जनता फिल्मी गीतों को ज्यादा पसंद करती है ।

इसमें कुछ अपवाद भी हैं मतलब एक गाना है जो शास्त्रीय / Classical गाना होने के बावजूद फिल्म में भी इस्तेमाल हुआ है । ” झनक झनक तोरी बाजे पायलिया ” पूरी तरह शास्त्रीय शैली होते हुए भी इसे हम चित्रपट संगीत में भी शामिल कर लिया गया है ।

2. लोकगीत / FOLK SONG

लोकगीत / FOLK SONG – इसमें पारंपरिक गीत, शादी विवाह में गाए जाने वाले गाने चैती, बिरहा, लोरी, माझी आदि गीतों को गाया जाता है। लोक संगीत में लय का मुख्य महत्व होता है । इसमें प्रयुक्त होने वाले शब्दों का बड़ी सरलता और सुंदरता से प्रयोग किया जाता है साथ ही अवसर के अनुकूल रखने पर ध्यान दिया जाता है । इन गीतों में सैकड़ो वर्षो से चले आ रहे रीति रिवाजों की झलक मिलती है ।

3. भजन गीत

भजन गीत – इसमें गीतों के द्वारा भगवान / ईश्वर की प्रार्थना, गुणगान करते हैं। भजन में राग का प्रभाव कम होता है । अधिकतर यह दादरा और कहरवा ताल में होते हैं ।

संगीत से सम्बन्धित 'स्वर' के बारे में है

Submitted by Pari Mam on 20 June 2020 - 11:45am

भारतीय संगीत कितने प्रकार के होते है? - bhaarateey sangeet kitane prakaar ke hote hai?

संगीत में वह शब्द जिसका कोई निश्चित रूप हो और जिसकी कोमलता या तीव्रता अथवा उतार-चढ़ाव आदि का, सुनते ही, सहज में अनुमान हो सके, स्वर कहलाता है। भारतीय संगीत में सात स्वर (notes of the scale) हैं, जिनके नाम हैं - षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत व निषाद।
यों तो स्वरों की कोई संख्या बतलाई ही नहीं जा सकती, परंतु फिर भी सुविधा के लिये सभी देशों और सभी कालों में सात स्वर नियत किए गए हैं। भारत में इन सातों स्वरों के नाम क्रम से षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत और निषाद रखे गए हैं जिनके संक्षिप्त रूप सा, रे ग, म, प, ध और नि हैं।
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भारतीय शास्त्रीय संगीत

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शुद्ध स्वर किसे कहते हैं

संगीत का वैज्ञानिक प्रभाव

Submitted by Anand on 17 June 2020 - 11:45am

भारतीय संगीत कितने प्रकार के होते है? - bhaarateey sangeet kitane prakaar ke hote hai?

संगीत सुनने के कई फायदे हैं। यह बात तो सभी को मालूम है पर कोई आपसे पूछ बैठे कि जरा बताइए कि क्या इन फायदों के पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है तो आप सोच में पड़ जाएँगे। दरअसल हर तरह के संगीत को सुनने से आप पर अच्छा प्रभाव पड़े यह भी कतई जरूरी नहीं है। तो आइए रॉक म्यूजिक और शास्त्रीय संगीत सुनने से क्या प्रभाव पड़ता है इसे शोध की नजर से देखते हैं। इंटेल इंटरनेशनल साइंस एंड इंजीनियरिंग फेयर ने यह बात शोध से साबित की है। संस्था ने इस शोध में करीब 1500 बच्चों पर अलग-अलग तरह के संगीत का प्रभाव परखा। Read More : संगीत का वैज्ञानिक प्रभाव about संगीत का वैज्ञानिक प्रभाव

संगीत और हमारा जीवन

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संगीत का नियम

संगीत रत्नाकर के अनुसार स्वरों के कुल, जाति

Submitted by Anand on 13 June 2020 - 11:36am

भारतीय संगीत कितने प्रकार के होते है? - bhaarateey sangeet kitane prakaar ke hote hai?

संगीत रत्नाकर १.३.५२ के अनुसार स्वरों के कुल, जाति आदि(श्रीमती विमला मुसलगाँवकर की पुस्तक से साभार)

 

षड्ज

ऋषभ

गान्धार

मध्यम

पञ्चम

धैवत

निषाद

जाति

ब्राह्मण

क्षत्रिय

वैश्य

ब्राह्मण

ब्राह्मण

क्षत्रिय

वैश्य

कुल

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स्वर परिचय

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संपूर्ण जाति में कितने स्वर लगते हैं

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भारत में संगीत के कितने प्रकार हैं?

भारतीय संगीत के प्रकार.
लोक संगीत.
शास्त्रीय संगीत.
उपशास्त्रीय संगीत.
सुगम संगीत.
फिल्मी संगीत.

संगीत कितने प्रकार होते हैं?

भारतीय संगीत को सामान्यत: ३ भागों में बाँटा जा सकता है:.
शास्त्रीय संगीत - इसको 'मार्गी' भी कहते हैं।.
उपशास्त्रीय संगीत.
सुगम संगीत.

संगीत का जनक कौन है?

नटराज, भगवान शिव का ही रूप है, जब शिव तांडव करते हैं तो उनका यह रूप नटराज कहलता है। संगीत प्रकृति के हर कण में मौजूद है। भगवान शिव को 'संगीत का जनक' माना जाता है।

संगीत के दो प्रकार क्या है *?

शास्त्रीय संगीत (Classical Music) के प्रकार शास्त्र ज्ञान ( Theory ) – इसमें हम राग, ताल, आलाप, संगीत का इतिहास आदि का अध्ययन करते हैं। 2. क्रियात्मक ( Practical ) – जिसे हम सुन व देख सकते हैं । जैसे- गायन, वादन सुन सकते हैं नृत्य देख सकते हैं।