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काठमांडू. भारत के खिलाफ सीमा विवाद को लेकर सबूत जुटाने के लिए गठित नेपाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट ओली (KP Sharma Oli) सरकार को सौंप दी है. इस कमेटी का गठन कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल दावे के समर्थन में ऐतिहासिक सबूत जुटाने के लिए जून 2020 में किया गया था. नेपाल के विवादित नक्शा जारी करने के बाद से ही दोनों देशों में तनाव की स्थिति बनी हुई है. नौ सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट मिलने के बाद नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने फिर एक बार भारत से बातचीत का अनुरोध किया है. भारत की ओर से नवंबर 2019 में नया नक्शा प्रकाशित करने के करीब छह महीने बाद मई में नेपाल ने अपने देश का नया संशोधित राजनीतिक एवं प्रशासनिक नक्शा जारी किया था, जिसमें नेपाल ने उत्तराखंड के तीन क्षेत्रों पर अपना दावा जताया था. भारत के तीन क्षेत्रों पर अपना दावा जताने वाले इस नक्शे को नेपाल की संसद ने मंजूर कर दिया था. भारत ने इसे पहले ही खारिज करते हुए क्षेत्र में नेपाल द्वारा की गई 'कृत्रिम वृद्धि' की कोशिश करार दिया था. नेपाल जुटा रहा है सबूत हालांकि इसके गठन के समय नेपाल के कूटनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा था क नक्शे को जब मंत्रिमंडल ने पहले ही मंजूर कर दिया है तो फिर विशेषज्ञों के इस कार्यबल का गठन किस लिये किया गया? बता दें कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने चाल चलते हुए 20 मई को कैबिनेट में नए नक्शे को पेश किया था. जिसे नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को अपनी मंजूरी दे दी थी. इसमें भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है. वहीं भारत ने इसका विरोध करने के लिए नेपाल को एक डिप्लोमेटिक नोट भी सौंपा था. इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल के नए नक्शे को ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ भी करार दिया था. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Bharat Nepal seema vivad, India aur Nepal ke relation, Indo-Nepal Border, Indo-Nepal Border Dispute, KP Sharma Oli, Nepal and China Border FIRST PUBLISHED : October 06, 2020, 08:55 IST हिंदी न्यूज़ उत्तराखंडभारत-नेपाल से बीच 205 साल पुराना विवाद सुलझने का रास्ता खुला,जानें क्या है मामला भारत और नेपाल के बीच सीमा से जुड़े विवादों को आपसी समझ और पुराने संबंधों को केंद्र में रखकर बातचीत के जरिए सुलझाने की सहमति से उत्तराखंड के कालापानी सहित कई सीमा विवादों को अब सुलझाया जा सकेगा।Himanshu Kumar Lallदेहरादून, पूरन बिष्टMon, 04 Apr 2022 10:04 AM भारत और नेपाल के बीच सीमा से जुड़े विवादों को आपसी समझ और पुराने संबंधों को केंद्र में रखकर बातचीत के जरिए सुलझाने की सहमति से उत्तराखंड के कालापानी, लिम्पियाधूरा और लिपूलेख से संबधित सीमा विवाद को हल करने की राह खुल गई। दोनों देशों के बीच 1817 यानी 205 साल से विवाद चला आ रहा है। 42 साल पहले फिर बनी कमेटी: 1980 में भारत सरकार ने विवाद निपटाने के लिए एक समिति बनाई। 1997 में दोनों देशों के संयुक्त तकनीकी दल वहां भेजने की बात की हुई पर कोई दल वहां नहीं भेजा। कैसे पकड़ा तूल: लिपुलेख दर्रे समेत कालापानी और लिम्पियाधूरा को पिछले साल नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल कर 1817 से चले आ रहे सीमा विवाद को चरम पर पहुंचा दिया। उत्तराखंड में गोरखा शासन का जब 1817 में जब अंत हुआ तो सुगौली संधि में यह तय हुआ कि, काली या महाकाली नदी के पार का पश्चिमी हिस्सा भारत के पास रहेगा। 1815 में एक नेपाली अधिकारी बमशाह चौतरिया ने ईस्ट इंडिया कंपनी पर नेपाल की 20 हजार हे. भूमि पर कब्जे का आरोप लगाया। इस आरोप के बाद ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन वेब की टीम ने इस मामले की जांच की थी। जिसमें नेपाल का दावा झूठा पाया गया था। क्या है सीमा विवाद यह भी जानें 144 साल पुराने गजेटियर में भी विवाद का जिक्र भारत और नेपाल के बीच विवाद क्या है?भारत और नेपाल के दोस्ताना रिश्तों में साल 2020 में तब खटास आ गई थी जब नेपाल ने एक नए राजनीतिक नक़्शा जारी किया जिसमें उसने कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख के उन इलाकों को अपने क्षेत्र में दिखाया जिन्हें भारत उत्तराखंड राज्य का हिस्सा मानता है.
भारत नेपाल विवाद के दो प्रमुख मुद्दे क्या है?This is Expert Verified Answer. Answer: "भारत व नेपाल के मध्य हालिया विवाद का कारण उत्तराखंड के धारचूला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ती एक सड़क है। नेपाल का दावा है कि कालापानी के पास पड़ने वाला यह क्षेत्र नेपाल का हिस्सा है और भारत ने नेपाल से वार्ता किये बिना इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य किया है।"
भारत और नेपाल के बीच सीमा रेखा का नाम क्या है?भारत-नेपाल सीमान्त, भारत और नेपाल के बीच का खुला हुआ अन्तरराष्ट्रीय सीमान्त (बॉर्डर) है। यह 1,751 कि॰मी॰ (1,088.02 मील) लम्बा है जिसमें हिमालयी भूभाग एवं सिन्धु-गंगा मैदान सम्मिलित हैं।
नेपाल क्या भारत में आता है?नेपाल (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र नेपाल) एक बहुत खुवसुरत दक्षिण एशियाई स्थलरुद्ध राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेश तिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के 81.3 प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं।
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