भारतेंदु युग के पूर्व हिंदी गद्य के प्रमुख लेखक कौन थे? - bhaaratendu yug ke poorv hindee gady ke pramukh lekhak kaun the?

भारतेंदु युग से पूर्व हिन्दी गद्य के लेखक हैं?...


भारतेंदु युग के पूर्व हिंदी गद्य के प्रमुख लेखक कौन थे? - bhaaratendu yug ke poorv hindee gady ke pramukh lekhak kaun the?

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आपका प्रश्न है भारतेंदु युग से पूर्व हिंदी गद्य के लेखक कौन थे वास्तव में तो हिंदी करते हैं का व्यवस्थित रूप खड़ी बोली की भाषा के प्रतिष्ठित हो जाने के बाद ही मिलता है किंतु वैदिक में मिलता है लेकिन भारतेंदु युग से पहले अनेक गद्दे कार हुए जिन्होंने हिंदी गद्य साहित्य के विकास में अविस्मरणीय योगदान दिया इनमें सबसे पहला नाम लल्लू लाल जी का आता है जिन्होंने प्रेम सागर नाम के ग्रंथ की रचना की उनके साथ ही सदल मिश्र का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है सदल मिश्र जी ने नासिक नासिकेतोपाख्यान नामक ग्रंथ की रचना की है जैकेट की दृष्टि से इनके लिए चुनावों में काफी त्रुटियां हो सकती हैं लेकिन फिर भी हिंदी को अग्रसर करने में इनकी महत्व भूमिका रही है इनके अतिरिक्त इंशा अल्लाह खान जिन की कहानी रानीखेत की कहानी को पहली कहानी भी माना जाता है कि पहली रचना भी स्वीकार किया जाता है ऐसे ही मुंशी सदा सुख लाल जी बहुत ही उच्च कोटि के लेखक हुए हैं जिन्होंने पहले तो उर्दू फारसी में शायरी की लेकिन बाद में श्रीमद्भागवत का हिंदी में अनुवाद किया सुख सागर के नाम से बड़ा प्रसिद्ध हुआ है इस प्रकार हम कह सकते हैं कि इंशाल्लाह का लल्लू लाल दौलत राम जैन सदल मिश्र मुंशी सदा सुख लाल जी जैसे अनेक कथाकार हुए हैं जिन्होंने भारतेंदु युग से पहले हिंदी भाषा की बहुत ही सेवा की है

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भारतेंदु युग से पूर्व हिन्दी गद्य साहित्य के प्रमुख चार लेखक उनकी रचनाकारों के नाम?...


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भारतेंदु युग से पूर्व हिंदी गद्य साहित्य के चार प्रमुख स्तंभ ईशा अल्लाह का संदल में लल्लू लाल सदा सुख लाल लक्खा की कहानी थी रानी केतकी की कहानी सदल मिश्र नासिकेतोपाख्यान लल्लू लाल प्रेम सागर और सदा सुखलाल सुख सागर की रचना की इन्होंने हिंदी गद्य साहित्य के उत्थान में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं जिनकी वजह से आज हिंदी इस मुकाम पर पहुंची है और इसमें चार चांद लगाया है आधुनिक हिंदी के जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र

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भारतेंदु हरिश्चंद्र के पूर्व हिंदी गद्य के प्रमुख लेखक कौन थे?

बहुमुखी प्रतिभा के धनी भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने प्रभूत साहित्य रचा एवं अनेक साहित्यकारों को अपनी प्रतिभा से प्रभावित एवं प्रेरित किया। इन लेखकों में बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बद्रीनारायण चौधरी 'प्रेमघन', राधाचरण गोस्वामी एवं रायकृष्णदास प्रमुख हैं। इन्होंने हिन्दी-साहित्य को समृद्ध बनाया।

हिंदी गद्य के लेखक कौन हैं?

इस काल में गद्य का चहुंमुखी विकास हुआ। पं हजारी प्रसाद द्विवेदी, जैनेंद्र कुमार, अज्ञेय, यशपाल, नंददुलारे वाजपेयी, डॉ॰ नगेंद्र, रामवृक्ष बेनीपुरी तथा डॉ॰ रामविलास शर्मा आदि ने विचारात्मक निबंधों की रचना की है।

भारतेंदु युग के गद्य कार कौन है?

उत्तर- भारतेन्दु- युग के प्रमुख गद्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रतापनारायण मिश्र, बालकृष्ण भट्ट, देवकीनन्दन खत्री, बालमुकुन्द गुप्त, किशोरीलाल गोस्वामी, श्रीनिवास दास, बद्रीनारायण चौधरी 'प्रेमधन' आदि हैं

हिंदी गद्य के प्रारंभिक लेखक कौन है?

आरा के मिश्रटोला में कोई डेढ़ सौ साल पहले हिन्दी के सर्वप्रथम गद्य लेखक पं. सदल मिश्र का जन्म हुआ था। पं. सदल मिश्र 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में फोर्ट विलियम कालेज में हिन्दी के अध्यापक और लेखक थे।