दूधसागर डेरी एशिया की सबसे बड़ी डेरी है। इसका वास्तविक नाम 'द मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन' है। यह राज्यस्तरीय ' गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेदरेशन, आणन्द' का एक सदस्य है। Show
दूधसागर डेरी प्रतिदिन औसतन 1.41 मिलियन किलोग्राम दूध प्रसंस्कारित करता है। इसने ४५ लाख दुग्ध उत्पादकों से दूध एकत्र करने का एक विशाल नेटवर्क तैयार किया हुआ है। ये दुग्ध उत्पादक ११५० ग्राम दुग्ध सहकारिताओं से जुड़े हुए हैं। वर्तमान समय के 520,000 से अधिक दुग्ध उत्पादक इसके सदस्य हैं। 2012-13 में इसका कुल टर्नओवर 34 बिलियन डालर से अधिक था। इस संस्था को ISO 9001:2000, ISO 14000:2004, तथा ISO 22000:2005 प्रमाणपत्र प्राप्त हैं। यह एक पर्यावरन-हितैषी संस्था है। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
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top 10 buffalo breeds in india in hindi: भारत में डेयरी व्यवसाय (dairy farming) को चार चांद लगाने में भैंस पालन का महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत में कुल दूध उत्पादन का 49 प्रतिशत दूध सिर्फ भैंसों से मिलता है। यही कारण है कि डेयरी व्यवसाय से जुड़े लोग दूसरे दुधारु पशुओं के मुकाबले भैंस पालना (buffalo farming) पंसद करते हैं। भैंसों की संख्या और दूध उत्पादन के मामले में भारत विश्व में नंबर वन है। हमारे देश में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और आंध्र प्रदेश भैंस पालन (buffalo farming) में अग्रणी राज्य है। विशेषज्ञों की मानें तो भैंस पालन (buffalo farming) व्यवसाय को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि भैंस की अच्छी नस्लों का चुनाव किया जाए। इसके अलावा उनके पोषण, आहार, रखरखाव और स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी बहुत आवश्यक है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर डेयरी व्यवसाय में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो आइए, द रुरल इंडिया के इस ब्लॉग में हम आपको भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली भैंस की 10 देसी नस्लें (Top 10 buffalo breeds in India) के बारे में बताएंगे जो दूध उत्पादन के व्यवसाय (dairy farming) में चार चांद लगा देंगी। मुर्रा भैंसमुर्रा नस्ल की भैंस को दुनिया की सबसे दुधारु नस्ल मानी जाती है। भैंस की इस नस्ल का मूल स्थान भारत है। यह उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में भी दूध उत्पादकों की पहली पसंद है। सालभर में मुर्रा भैंस 1000 से 3000 लीटर तक दूध देती है। अच्छे दूध उत्पादन के लिए मुर्रा की खुराक का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। सुरती भैंससुरती भैंस का मूल स्थान गुजरात राज्य है। सुरती नस्ल की भैंस भारत के छोटे-सीमांत किसानों के बीच बेहद मशहूर है। इसके शरीर की बनावट थोड़ी छोटी होती है, लेकिन सालभर में इससे लगभग 1600-1800 लीटर दूध उत्पादन हो सकता है। जिससे छोटे किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिल जाती है। जाफराबादी भैंसजाफराबादी भैंस डेयरी व्यवसाय से जुड़े किसानों की पहली पंसद है। इसकी शारिरिक बनावट काफी मजबूत होता है। इसके दूध में भी फैट की लगभग 8 प्रतिशत मात्रा पाई जाती है। जो आपके शरीर को भी मजबूत बनायेगी। हालांकि गुजरात के गिर जंगल से ताल्लुकात के कारण इसे गिर भैंस भी कहते हैं। जाफराबादी भैंस सालभर में 1800-2900 लीटर दूध का उत्पादन करती है। मेहसाना भैंसमेहसाना नस्ल की उत्पती मुर्रा और सुरती की क्रॉस ब्रीडिंग से हुई है। यह भैंस सबसे अधिक गुजरात के मेहसाना जिले में पाई जाती है। इसका मूल स्थान मेहसाणा जिले होने के कारण इसे मेहसाणा भैंस कहते हैं। यह नस्ल भी अच्छे दूध उत्पादन के लिए मशहूर है। भैंस की ये नस्ल बेहद शांत स्वभावी होती है। मेहसाना भैंस के दूध में वसा की लगभग 7% मात्रा पाई जाती है। दूध उत्पादन के मामले में मेहसाना सालभर में 1800 से 2000 लीटर दूध देती है। भदावरी भैंसभदावरी नस्ल की भैंस को दुनिया की सबसे अनोखी नस्ल मानी जाती है। क्योंकि इसके दूध में दूसरी नस्लें के मुकाबले सबसे अधिक मात्रा में वसा पाया जाता है। यह मुख्य रूप से चंबल, बेतवा और यमुना नदी के निकटवर्ती इलाकों में पाली जाती है। इसे उत्तर प्रदेश की भदावरी तहसील की उपज माना जाता है। भादवरी भैंस सालभर में 1600 से 1800 लीटर दूध का उत्पादन करती है। इसके दूध से बेहद अच्छी गुणवत्ता का घी प्राप्त होता है। गोदावरी भैंसआंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले से ताल्लुकात के कारण इस नस्ल का नाम गोदावरी पड़ा। यह नस्ल भी अच्छी गुणवत्ता के दूध उत्पादन और वसा की अच्छी मात्रा के लिए मशहूर है। गोदावरी नस्ल में अन्य भैंसों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है। सुगठित बनावट वाली ये भैंस सालभर में करीब 2000 से 2050 लीटर तक दूध देती है। नागपुरी भैंसजैसा कि नाम से ही साफ है। भैंस की ये नस्ल महाराष्ट्र के नागपुर और निकटवर्ती इलाकों में पाई जाती है। इस नस्ल की खासियत है कि ये किसी भी प्रकार के मौसम या वातावरण में आसानी से फिट हो जाती है। नागपुरी नस्ल की भैंसें दुधारु होती है, साथ ही इस नस्ल के भैंसा काफी मजबूत और कृषि कार्यों में मददगार होते हैं। नागपुरी नस्ल की भैंस सालभर में 760 से 1500 लीटर दूध का उत्पादन करती है। संभलपुरी भैंसओडिशा के संभलपुर और निकटवर्ती इलाकों में मिलने के कारण इसे संभलपुरी नस्ल कहा जाता है। बड़ा माथा और घुमावदार सिंह रखने वाली ये भैंस दूध उत्पादन के मामले में काफी बेहतर है। सांबलपुरी नस्ल की भैंस सालभर में 2300 से 2700 लीटर दूध का उत्पादन करती है। इतना ही नहीं, इस नस्ल के भैंसा भी काफी मजबूत और मेहनती होते हैं। नीली-रावी भैंसनीली-रावी भैंस को पंजाब की सबसे लोकप्रिय नस्ल माना जाता है। भैंस की इस नस्ल को फिरोज़पुर और निकटवर्ती इलाकों में पाला जा रहा है। हालांकि नीली और रावी दो अगल-अलग नस्लें थी, लेकिन क्रॉस ब्रीडिंग के चलते इनके गुण मिल गये। भैंस की इस नस्ल को पंच कल्याणी भी कहते हैं। अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली ये भैंस सालभर में 2500 से 5000 लीटर तक दूध का उत्पादन करती है। टोड़ा भैंसटोड़ा नस्ल मुख्यरूप से दक्षिण भारत के टोड़ा आदिवासियों से संबंधित है। इसका मूलस्थान तमिलनाडु की नीलगिरी पहाडियां है। मजबूत कद वाली भैंस की चोड़ा किस्म सालभर में लगभग 5000 लीटर तक दूध देती है। टोड़ा नस्ल की भैंस को पालने में खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। साथकनारा भैंससाथकनारा को दक्षिण भारत की मुर्रा भैंस कहा जाता है। यह मुख्यरूप से समुद्री तटों के नजदीकी इलाकों में पाई जाती है। मुर्रा नस्ल की तरह ही इसके पास भी गजब की दूध उत्पादन क्षमता होती है। साथकनारा भैंस से सालभर में 800 से 1200 लीटर दूध का उत्पादन हो जाता है। भैंस पालन पर एक्सपर्ट की रायसंक्षेप में कहें तो डेयरी व्यवसाय के लिए भैंस पालन में अच्छा स्कोप हैं। गाय की तुलना में भैंस के दूध में ज्यादा फैट (fat) और एसएनएफ (SNF) होता है। भैंस के दूध के दाम में भी बाजार में गाय के दूध से अधिक मिलता है। यदि आप डेयरी खोलना चाहते हैं तो अपने जलवायु क्षेत्र के अनुसार ही भैंसों का चुनाव करें, जिससे आपको डेयरी व्यवसाय (dairy farming) में अच्छी सफलता मिलेगी। ये तो थी, भैंसों की 10 उन्नत नस्लों (10 Highest Milk Buffalo Breeds In India) की बात। लेकिन,The Rural India पर आपको कृषि एवं मशीनीकरण, सरकारी योजना और ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर भी कई महत्वपूर्णब्लॉग्स मिलेंगे, जिनको पढ़कर अपना ज्ञान बढ़ा सकते हैं। ये भी देखें- 👇 ये भी पढ़ें-
भारत की नंबर वन डेयरी कौन सी है?भारतीय डेयरी ब्रांड के रूप में अमूल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अमूल ऐसी पहली भारतीय कंपनी बन गई है जो टॉप 20 डेयरी ग्लोबल कंपनियों की लिस्ट में शामिल हुई है। अमूल गुजरात को ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) की डेयरी ब्रांड है।
सबसे बड़ी दूध डेयरी कौन सी है?दूधसागर डेरी एशिया की सबसे बड़ी डेरी है। इसका वास्तविक नाम 'द मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन' है। यह राज्यस्तरीय ' गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेदरेशन, आणन्द' का एक सदस्य है। दूधसागर डेरी प्रतिदिन औसतन 1.41 मिलियन किलोग्राम दूध प्रसंस्कारित करता है।
सरकारी दूध डेयरी कौन कौन सी है?AMUL के बाद नंदिनी डेयरी (कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड) भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूध सहकारी संस्था है। मदर डेयरी, मदर डेयरी ब्रांड और एक सहायक राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के तहत दूध उत्पादों को बाजार में बेचती है।
भारत का सबसे बड़ा डेयरी फार्म कौन सा है?भारत का बड़ा मुर्रा फार्म भजनलाल डेहरी फार्म मुंबई|Bhajanlal Dairy Farm Mumbai Maharashtra - YouTube.
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