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Bandar ke Prakar1. बंदर कितने प्रकार के होते हैं? - वर्तमान में बंदर की 264 ज्ञात प्रजातियां या प्रकार हैं। मैनड्रिल बंदर दुनिया की सबसे बड़ी बंदर की प्रजाति है। ये बंदर कंधे तक 55 से 65 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। पैगी मर्मोसेट नामक प्रजाति बंदर की सबसे छोटी प्रजाति या प्रकार हैं। Bandar kahan paye jate hain?2. बंदरों को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है, पुरानी दुनिया के बंदर जो अफ्रीका और एशिया में पाए जाते हैं, और नई दुनिया के बंदर जो दक्षिण अमेरिका में पाए जाते हैं। 3. बबून बंदर पुरानी दुनिया के बंदर का उदाहरण है, जबकि एक मर्मोसैट बंदर नई दुनिया के बंदर का उदाहरण है। Bandar kahan rehte hain?4. कुछ बंदर केवल पेड़ों पर रहते हैं और कुछ पेड़ और जमीन दोनों पर रहना पसंद करते हैं। बंदर अक्सर गर्म और आर्द्र उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में पेड़ों में अपना घर बनाते हैं। Bandar kya khata hai?5. बंदर शाकाहारी और मांसहारी दोनों प्रकार का भोजन खाता है। अधिकांश बंदर अखरोट, मूंगफली, फल, बीज, फूल आदि खाते हैं। कुछ बंदर पक्षी के अंडे, चूहे, छोटे छिपकली, कीड़े और मकड़ियों को भी खाना पसंद करते है। Video Credit - FEEDING ANIMAL
6. ज्यादातर बंदरों के पूँछ होते हैं। बर्बरी मैकाक एक बिना पूँछ वाला बंदर है। 7. बंदरों के समूह को 'ट्रूप' कहते है। 8. पिग्मी मार्मोसेट बंदर का सबसे छोटा प्रकार है, जिसका वजन 120 से 140 ग्राम के बीच होता है। 9. मैनड्रिल बंदर, बंदर का सबसे बड़ा प्रकार है, जिसमें वयस्क नर का वजन 35 किलोग्राम तक होता है। 10. मकड़ी बंदर (Spider Monkey) को अपने लंबे हाथ, पैर और पूँछ के कारण यह नाम दिया गया है। Jungli Bandar11. ज्यादतर जंगली बंदर अफ्रीका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में निवास करते हैं। वर्षावन बंदरों के लिए उत्कृष्ट निवास स्थान हैं क्योंकि यहाँ भोजन प्रचुर मात्रा में उपलब्द है। Bandar ki ladai12. आमतौर पर बंदर आक्रामक तब होते है जब उनको लगता है कि आपके पास खाने के लिए कुछ है। दुनियाभर में बंदर अपने आवास खो रहे हैं, यही वजह है की उन्होंने मनुष्यों के करीब रहना शुरू कर दिया है, और यह संघर्ष का कारण बनता है। इसके अलावा बंदरो की आपस में भी लड़ाई होती है। ये लड़ाई एक या दो पंच से शुरू होती है और फिर पूरा समूह लड़ना शुरू कर देता है। यदि समूह के अधिक स्थिर या शक्तिशाली सदस्य चल रहे झगड़े को रोक सकते हैं, तो वे उस लड़ाई वाले समूह से दूर हट जाते है। 13. हनुमान लंगूर (Grey langur) भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले पुरानी दुनिया बंदरों की सबसे बड़ी प्रजाति हैं। भारत में पाए जाने वाले अन्य लंगूर प्रजातियों में कैप्ड लंगूर, हुलॉक गिब्बोंस, नीलगिरि लंगूर, लायन टेल्ड मैकाक, गोल्डन लंगूर, स्टंप टेल्ड मैकाक, बोनट मैकाक, रेसस मैकाक, अरुणाचल मैकाक आदि शामिल है। Bandar ke bacche14. बंदर की गर्भावस्था अवधि 164 से 187 दिनों की होती है। मानव बच्चों की तरह बंदर के बच्चो को भी शिशुओं (infants) के रूप में संदर्भित किया जाता है। बंदर अन्य जानवरों की तुलना में मनुष्यों से सबसे अधिक निकटता से संबंधित हैं। Bandar ki umar kitni hoti hai?15. बंदर की उम्र या जीवनकाल प्रजातियों के आधार पर 15 से 45 साल होती है। ब्लैक होलेर नमक बंदर 15 से 20 साल तक जीवित रह सकते है जबकि गिनी बबून नमक बंदर 45 साल तक जीवित रह सकता है। भारत में पाए जाने वाले हनुमान लंगूर 18 से 30 साल तक जीवित रह सकते है। 16. बंदर लंबी छलांग भी लगा सकते है खासकर हनुमान लंगूर। ये लंगूर 8 मीटर या उससे अधिक की छलांग लगा सकते हैं। दोस्तों के साथ शेयर करें जानवरों से जुडी जानकारी हिंदी में नदियों से जुडी जानकारी हिंदी में भोजन से जुडी जानकारी हिंदी में आविष्कारों से जुडी जानकारी हिंदी में विभिन्न देशों और राज्यों की राजधानी और उसके बारे में जानकारी भूगोल से जुडी जानकारी हिंदी में अन्य विषयों पर जानकारी हिंदी में Beautiful Places to Visit in Australia क्या आप बंदरों के बारे में ये तथ्य जानना चाहेंगे?बंदर हैप्लोराइन (haplorhine)(dry-nosed) प्राइमेट्स (स्तनपायी प्राणियों में सर्वोच्च श्रेणी के जीव) होते हैं, ये पेराफाईलेटिक समूह है जिनमें आम तौर पर पूंछ होती है और इनकी लगभग 260 ज्ञात प्रजातियां हैं। बंदरों की ज्यादातर प्रजातियां दिन के समय में सक्रिए होती हैं। आमतौर पर नयी दुनिया के बंदरों को बुद्धिमान माना जाता है।
बंदर हैप्लोराइन (haplorhine)("dry-nosed") प्राइमेट्स (स्तनपायी प्राणियों में सर्वोच्च श्रेणी के जीव) होते हैं, ये पेराफाईलेटिक समूह है जिनमें आम तौर पर पूंछ होती है और इनकी लगभग 260 ज्ञात प्रजातियां हैं। लीमर (बंदर), लोरीसेस और गैलागोस बंदर नहीं होते, ये स्ट्रेपसिराइनी ("wet-nosed") प्राइमेट्स होते हैं। ज्यादातर प्रजातियां दिन (प्रतिदिन) के समय में भी सक्रिए होती हैं। आमतौर पर बंदरों, खासकर पूर्वजगत बंदरों को बुद्धिमान माना जाता है। बंदर वनमानुष प्राइमेट्स के तीन में से दो समूहों को बनाते हैं। अन्य समूह वानरों (apes) का है। पुरानी दुनिया के बंदर (Old world monkeys): ये सेर्कोपिथेसिनिए कुल के होते हैं। पुरानी दुनिया के बंदरों के दो उपकुल होते हैं– सेर्कोपिथिसिनिए (थैली के समान गाल वाले बंदर) और कोलोबिनि (पत्तियां खाने वाले बंदर)। ये नवजगत बंदरों से बड़े हैं। वे दिन में सक्रिए रहने वाले (डाइअर्नल) होते हैं । साथ ही इनकी शारीरिक रचना भी अलग होती है। Image
source:www.sheppardsoftware.com Image source:www.sheppardsoftware.com इसे भी पढ़ें काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान: दुनिया के विख्यात एक ‘सींग वाले गैंडे का घर’ नयी दुनिया के बंदरः (New world monkeys) ये बंदर "नवजगत" के उष्णप्रदेशों के वनों में रहते हैं। इन्हें दो समूहों में बांटा जाता है– कैलिट्राईकेडि, इसमें छोटे अफ्रीकी बंदर आते हैं, और केबिडे बंदर, इसमें बंदरों की कापूचिन, घुग्घू (owl), टिटि, साकी, स्पाइडर, वूलि और कई अन्य पर्जातियां आती हैं। आकार की दृष्टि से नयी दुनिया के बंदरों में व्यापक रेंज मिलती है– कुछ बहुत छोटे होते हैं जैसे पिग्मी मार्मोसेट, यह 6 इंच का होता है और कुछ बड़े होते हैं जैसे – हॉलर मंकी, यह 3 फीट तक लंबा हो सकता है। नवजगत बंदरों को प्लेथाइरिनी (platyrrhines) कहा जाता है। Image source:New world monkeys 1. "बंदर" शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई, यह स्पष्ट नहीं है। यह मोन्की (Moneke) से बना हो सकता है। मोन्की मध्ययुगीन पशु कहानी में मार्टिन वानर के बेटे का नाम था। यह डच मान्नाकीन (छोटा आदमी) मानीकिन से भी संबंधित हो सकता है। 2. बंदर वानर प्राइमेट के तीन समूहों में से दो समूह में शामिल होते हैं, नयी दुनिया के बंदर और पुरानी दुनिया के बंदर एवं अन्य समूह वानरों का है। 3. बंदरों की पूंछ के आधार पर उन्हें वानरों (APES) से बहुत आसानी से अलग किया जा सकता है। वानरों (APES) की पूंछ नहीं होती। 4. एक दूसरे के साथ बातचीत के लिए बंदर स्वरों के उच्चारण, चेहरे के भाव और शारीरिक गतिविधियों का उपयोग करते हैं। 5. जब बंदर अपने होंठ खीचतें हैं तो यह उनकी आक्रामकता को बताता है। 6. आमतौर पर बंदर एक दूसरे को संवारने के दौरान दूसरों के साथ अपने स्नेह और शांति का प्रदर्शन करते हैं। 7. बंदरों के समूह को "ट्रूप" कहते हैं। 8. पिग्मी मारमोसेट दुनिया का सबसे छोटा बंदर है। इसकी लंबाई 117-159 मिलीमीटर (साढ़े चार से लेकर छह इंच तक) और वजन 85 से 140 ग्राम (तीन से पांच औंस) होता है। 9. बंदरों में टीबी, हेपेटाइटिस और बंदर दाद बी जैसी बीमारियों का होना आम बात है। 10. एक पुरुष गिलहरी बंदर कभी– कभी अपने अधीनस्थों पर मूत्र कर अपना प्रभुत्व जताता है। 11. यह देखा गया है कि जब गुनोन बंदरों के समूह को नया नेता मिलता है, तो न्या अल्फा– नर कभी–कभी स्तनपान करने वाले सभी शिशु बंदरों की हत्या कर देता है– इसे किन चयन (kin selection) कहते हैं, जहां नर दूसरे नरों के बच्चों की हत्या कर अपने खुद के बच्चे पैदा करता है। 12. हॉलर बंदर सबसे जोर से बोलने वाले बंदर होते हैं। जंगल में इनकी आवाज करीब दो मील दूर से और खुले इलाके में करीब तीन मील दूर से सुनी जा सकती है। 13. कापुचीन बंदर विभिन्न प्रकार के हिंसक जानवरों की पहचान बताने के लिए अलग– अलग ध्वनि निकालते हैं। हिंसक जानवरों की तरफ बढ़ने के दौरान एक दूसरे को चेतावनी देने के लिए उन्हें एक दूसरे को पत्थरों से मार कर सचेत करते हुए भी पाया गया है। 14. वर्तमान में बंदरों की 264 प्रजातियां ज्ञात हैं। 15. बंदर बुद्धिमान जानवर होते हैं। इनका आईक्यू 174 होता है। अन्य लेखों को पढ़ने के लिये नीचे क्लिक
करें ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क केवलादेव घाना राष्ट्रीय पार्क : प्रवासी साईबेरियन सारसों का घर भारत में कितने प्रकार के बंदर पाए जाते हैं?वर्तमान में बंदरों की 264 प्रजातियां ज्ञात हैं।
बन्दर कितने प्रकार के होते हैं?बंदरों की 250 से अधिक प्रजातियाँ अफ्रीका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में पाई जाती हैं। बंदरों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है- पुरानी दुनिया के बंदर और नई दुनिया के बंदर।
सबसे छोटा बंदर कौन है?यह है पिग्मी मार्मोसेट। दुनिया का सबसे छोटा बंदर है। दक्षिण अमेरिका के पश्चिम अमेजन बेसिन में पाया जाने वाला यह बंदर एक उंगली से भी छोटा होता है। 15 सेमी ऊंचे और 100 ग्राम वजनी इस पिग्मी की पूंछ 20 सेमी लंबी होती है।
बंदर का दूसरा नाम क्या है?बंदर का वैज्ञानिक नाम क्या है? (bandar ka vaigyanik naam) बन्दर का वैज्ञानिक नाम मकाका फासिकुलिस (Macaca Fascicularis) है। ये मुख्य रूप से, पेड़ों और जंगलों में रहते है। इनका मुख्य भोजन फल-फूल हैं।
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