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[1][2][3] बीमा लोकपाल अर्थ[संपादित करें]बीमा लोकपाल् योजना भारत सरकार द्वारा ११ नवंबर को १९९८ को निर्मित किया गया था। इस का उद्देश्य बीमित ग्राहकों की और शिकायतों के त्वरित निपटान उनकी समस्याओं को उन शिकायतों के निवारण में शामिल कम करने के लिए। बीमा लोकपाल का बहुत महत्व है बीमित ग्राहकों की साहायता एवं रक्षा करता है और साथ ही साथ उनके भीतर आत्मविश्वास बनाता है। इतना ही नहीं यह बीमा कंपनियों को भीतर भी आत्मविश्वास पैदा करता है। कार्यालय के मामले[संपादित करें]बीमा लोकपाल की अवधि तीन साल ताक की होती है या जाब ताक वह ६५ की उम्र ताक नाहीं पहुंचता। बीमा लोकपाल को फिर से नीयुक्त करने की अनुमती नहीं होती।gffggf लोकपाल के क्षेत्राधिकार[संपादित करें]लोकपाल आदेश शिकायतों के निपटान में तेजी लाने के लिए अधिकार क्षेत्र के अपने क्षेत्र के भीतर विभिन्न स्थानों पर बैठे पकड़ सकता है। लोकपाल की १२ कर्यालय है और वे इस प्रकार है- भोपाल, भुवनेश्वर, कोचीन, गुवाहाटी, चंडीगढ़, नई दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, हैदराबाद। प्रत्येक लोकपाल के अधिकार क्षेत्र के क्षेत्रों लोकपाल की सूची में उल्लेख किया गया है। कार्याल प्रबंधन[संपादित करें]लोकपाल बीमा परिषद द्वारा उसे करने के लिए प्रदान की जाती सचिव के स्टाफ अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उसे सहायता करने के लिए है। लोकपाल और उसके कर्मचारियों पर कुल खर्च बीमा कंपनियों को जो इस तरह के अनुपात में बीमा परिषद के सदस्य हैं के रूप में शासी निकाय द्वारा निर्णय लिया जा सकता से खर्च कर रहे हैं। जिम्मेदारियों[संपादित करें]बीमा कंपनियां की जांच करता है। वह देखता है की बीमा कपंनी कनून की नियमो का पालान करता है या नहीं। बीमित ग्राहकों की शिकायत का हल निकलता है। वह बीमित ग्राहको और बिमा कपंनी के बीच मै एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। एक शिकायत दाखिल[संपादित करें]बीमा लोकपाल को कब संपर्क किया जाता है[संपादित करें]जब बीमा कपंनी शिकायत क हल नहीं देते। अपनी संतुष्टि के लिए इसे हल नहीं या नहीं 30 दिनों के लिए यह सब करने के लिए प्रतिक्रिया।अपनी शिकायत किसी भी नीति आप एक व्यक्ति के रूप में अपनी क्षमता में ले लिया है से संबंधित है। बिंदुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए[संपादित करें]जब तक IRDA के पास बीमित ग्रहक शिकायत दर्ज नहीं करते तब तक बिमा लोकपाल शिकायत की जंच की शुरुआत नहीं करता। सरे शिकायात, शिकायात के रूप मै हि होने चाहिये नकी निवेदन के रूप मै। जब से बिमा कपंनि बिमा ग्रहको कि शिकायत को असवीकार करता है तब से एक साल के भितर बिमा लोकपाल के पास दर्ज कराना चाहिये। लोकपाल की शक्तियों के रुपये मूल्य से अधिक नहीं बीमा अनुबंध करने के लिए प्रतिबंधित कर रहे हैं। 20 लाख। शिकायत दाखिला करवने कि प्रक्रिया[संपादित करें]बिमा लोकपाल के पास शिकायत कि प्रक्रिया बेहद आसान है। कागज के काम बहुत कम है। शिकायत करवने के लिये कोई शुल्क प्रभार नहीं है। शिकायत दर्ज करने के लिये पेशवारो कि जरुरत नहीं है। सुनवाई एक अनौपचारिक ढंग से आयोजित किया जाता है। शिकायत पर निर्णय बहुत जल्द प्रधन किया जाता है। निर्णय को स्विकार करना या अस्विकार करने का चुनाव का विकल्प बी ग्रहको को दिया जाता है।शिकायतकर्ता के फैसले को स्वीकार करता है , बीमा कंपनी के फैसले के शिकायतकर्ता की स्वीकृति प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर निर्णय को लागू करने के लिए है।शिकायतकर्ता के फैसले को स्वीकार करता है , बीमा कंपनी के फैसले के शिकायतकर्ता की स्वीकृति प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर निर्णय को लागू करने के लिए है। पुरस्कार[संपादित करें]लोकपाल शिकायत की प्राप्ति से तीन महीने की अवधि के भीतर एक पुरस्कार पारित करेगा। और अगर बीमा ग्रहक पुरस्कार से संतुष्ट ना हो तो वह उपभोक्ता मंच या कनून न्यालय तक अपनी शिकायत का निवरण करने जा सकता है। सन्दर्भ[संपादित करें]
बीमा लोकपाल की स्थापना कब हुई?बीमा लोकपाल् योजना भारत सरकार द्वारा ११ नवंबर को १९९८ को निर्मित किया गया था।
भारत में कुल कितने बीमा लोकपाल हैं?देश में अलग-अलग स्थानों पर कुल 17 बीमा लोकपाल हैं। ग्राहक जिस जगह रह रहे हैं, उस जगह के बीमा लोकपाल से बीमा कंपनी की शिकायत कर सकते हैं।
बीमा लोकपाल से संपर्क करने की समय सीमा क्या है?बीमा कंपनी, आपकी शिकायत पर 15 दिनों के अंदर कार्यवाही करेगी.
लोकपाल के अध्यक्ष का कार्यकाल कितना होता है?कार्यकाल : 5. अधिनियम की धारा 6 के अनुसार, अध्यक्ष और प्रत्येक सदस्य कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से पांच वर्ष अथवा सत्तर वर्ष की आयु प्राप्त करने जो भी पहले हो तक के लिए पद पर बने रहेंगे।
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