भारत को स्वच्छ बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? - bhaarat ko svachchh banaane ke lie hamen kya karana chaahie?

नई दिल्ली: देश को खुले में शौचमुक्त, स्वच्छ और साफ बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान योजना (Swachh Bharat Abhiyan Scheme) की शुरुआत की गई है। इस अभियान के तहत सरकार ने 5 साल में पूरे देश में 1.2 करोड़ शौचालय निर्माण का लक्ष्य रखा है। यह विश्व का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है। इस योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में 1.08 लाख शौचालयों और 5.08 लाख सामुदायिक शौचालय के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छ भारत अभियान के लोगों में महात्मा गांधी के चश्मे को संकेत के तौर पर बनाया गया है। इस चश्मे के मध्य में स्वच्छ भारत लिखा गया है। इस लोगो की वजह गांधी जी का भारत के ग्रामीण विकास के सपने को माना जाता है।

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य कई सारे लक्ष्यों की प्राप्ति करना है। इस अभियान के तहत सरकार देश को खुले में शौच मुक्त बनाना चाहती है और खुले में शौचालय को आधुनिक शौचालय में बदलना चाहती है। सरकार का मिशन, हाथों से मल साफ करने की व्यवस्था को पूरी तरफ ख़त्म करना, लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना, जन जागरूकता कार्यक्रम से लोगों को जोड़ना, साफ-सफाई की सभी व्यवस्था को नियंत्रित डिजाइन और संचालन की व्यवस्था करना, वैज्ञानिक प्रक्रिया से म्युनिसिपल द्वारा ठोस अपशिष्ट का पुनर्चक्रण करना है। इस योजना के तहत अधिक से अधिक पेड़ लगाने का भी लक्ष्य रखा गया है, ताकि शुद्ध वायु के स्तर में वृद्धि हो सके।
भारत को स्वच्छ बनाने के लिए हमें क्या करना चाहिए? - bhaarat ko svachchh banaane ke lie hamen kya karana chaahie?
बिहार में शौचालय निर्माण-घर का सम्मान योजना क्या है?

स्वच्छ भारत अभियान अपने लक्ष्यों में अभी तक पूरी तरह सफल तो नहीं हुआ है, लेकिन लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में काफी वृद्धि हुई है। हालांकि, अभी भी कुछ और प्रयास की आवश्यकता है, जो सिर्फ सरकारी प्रयास से मुमकिन नहीं, बल्कि इसके लिए लोगों के तरफ से पहल भी बहुत जरुरी है। नेशनल सैम्पल सर्वे ऑर्गनिज़ेशन (NSSO) के एक सर्वे के मुताबिक देश की आधी से ज्यादा ग्रामीण आबादी (55.4%) खुले में शौच जाती है। शहरों में खुले में जाने वाले लोग 8.9% हैं।

आज भी भारत में 62.6 करोड़ लोग खुले में शौच जाते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार शहरों को रैंकिंग प्रदान करती है। जिसके लिए सरकार ने कुछ नियम निर्धारित किये हैं। जैसे– सूखा कचड़ा, गिला कचड़ा निष्पादन, सड़क किनारे कूड़ेदान की व्यवस्था आदि। इस प्रतियोगिता से बहुत से नगरों में ऊपर रैंक पर आने के लिए प्रतिस्पर्धा होती रहती है। जिसके परिणामस्वरूप लगातार साफ-सफाई में सुधार हो रहा है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर लगातार चौथे वर्ष स्वच्छता में प्रथम पायदान पर बना हुआ है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत एक स्वच्छता ऐप जारी किया गया है। जिसे अपने मोबाइल में आसानी से इंस्टॉल करके अपने आस पास के क्षेत्रों को स्वच्छ बनाये रखने में सहायता कर सकते हैं। इसके लिए इस ऐप के माध्यम से अस्वच्छ या गंदे सार्वजनिक क्षेत्रों का फोटो लेकर अधिकारियों के पास भेज देना है। GPS सिस्टम लगे होने से सन्दर्भ अधिकारियों तक लोकेशन अपने-आप पहुँच जायेगा और वे नियत समय में आकर उस जगह की सफाई कर देंगे।

स्वच्छ भारत अभियान योजना के तहत हर घर शौचालय योजना की शुरुआत की गई है। इसके अंतर्गत हर घर या घर के निकट शौचालय के निर्माण के उद्देश्य से सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसी के तहत शहरी क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए 75% सब्सिडी प्रदान की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय निर्माण के लिए ₹12000 सरकार द्वारा प्रदान किये जाते हैं।

इस स्वच्छ भारत अभियान योजना के तहत शौचालय बनवाने का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://swachhbharat.mygov.in/ पर जाएं। वेबसाइट के होम पेज पर दाहिनी तरफ Applicant Login पर जाकर नीचे में New Applicant पर क्लिक करें। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा, इसमें मांगी गई सभी जानकारियों को सही से भरें और मांगे गए दस्तावेजों को अपलोड करें फिर कैप्चा कोड भरकर Register के बटन पर क्लिक करें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जायेगा।

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प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे।

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi, Swachh Bharat Abhiyan par Nibandh Hindi mein)

हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि विभिन्न पक्षों पर आपकी मदद करेगें।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 1 (300 शब्द)

प्रस्तावना

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती।

कितनी शर्मिन्दगी की बात है कि हर कोई अपना घर तो जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी सारी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियों, सड़को और चौराहों पर फेंक देते है। ये नहीं सोचते कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी साफ रखना हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का नहीं आएगा साफ करनें, इसे हमें ही साफ करना है।

स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ

अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।

स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।

इस मिशन में सहयोग देने बड़ी-बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस मिशन का प्रचार-प्रसार का जिम्मा ग्यारह लोगों को दिया गया, जो कि निम्न हैं:–

  • सचिन तेंदुलकर
  • बाबा रामदेव
  • सलमान खान
  • अनिल अंबानी
  • प्रियंका चोपड़ा
  • शशि थरुर
  • मृदुला सिन्हा
  • कमल हसन
  • विराट कोहली
  • महेन्द्र सिंह धोनी
  • ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल की पूरी टीम

निष्कर्ष

गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 2 (400 शब्द)

भूमिका

गांधी जी हमेशा कहते थे कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा अहम है। इस कथन से हम समझ ही सकते हैं कि उनके नज़र में स्वच्छता कितनी जरूरी थी। उन्होंने एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कल्पना की थी, जिसे पूरा करने का भार माननीय प्रधानमंत्री ने उठाया। अब तक किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया था।

क्या है यह अभियान?

इसकी परिकल्पना तो गांधीजी ने आजादी के पूर्व ही गढ़ दी थी, किंतु ऑफिशियली इसे एक अप्रैल, 1999 से शुरू माना जाता है। जब भारत सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता और पूर्ण स्वच्छता के लिए आयोग गठित किए थे। जिसे बाद में 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी ने अपनी सहमति देकर इस योजना को ‘निर्मल भारत अभियान’ का नाम दिया।

सरकारी आँकड़ो की बात करें तो अब तक लगभग 10,19,64,757 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 6,03,055 ओपन डिफेकेशन फ्री गाँव हो चुके हैं। 706 जिले इसकी श्रेणी में आ चुके है। 36 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर, इस मुहिम को सफल बना रहे हैं। ‘गांधीजी का चश्मा’ इस अभियान का लोगो (प्रतीक चिह्न) है। इसे भारत सरकार मंत्रालय के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अधीन ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ को सौंपा गया है।

प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश से अपील की, कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मुहिम से जुड़कर इसे सफल बनाये। पूरे देश ने उनकी बात मानी और यह अभियान राष्ट्रव्यापि आंदोलन बन कर उभरा। बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटिज़ ने प्रधानमंत्री के आग्रह पर इस मिशन में अपना हाथ बँटाया। सफाई आंदोलन के तहत सभी पीएम के साथ सड़कों पर उतरे। झाड़ू लेकर पीएम ने स्वयं वाराणसी के गंगा तट के अस्सी घाट पर सफाई की।

उपसंहार

“जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं वह सबसे पहले अपने आप में लागू करें।” -महात्मा गांधी।

महात्मा गांधी जी की ये बात स्वच्छता पर भी लागू होती है। अगर हम समाज में बदलाव देखना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें स्वयं में बदलाव लाना होगा। हर कोई दूसरों की राह तकता रहता है। और पहले आप-पहले आप में गाड़ी छूट जाती है।

साफ-सफाई से हमारा तन-मन दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। यह हमें किसी और के लिए नहीं, वरन् खुद के लिए करना है। यह जागरूकता जन-जन तक पहुँचानी होगी। हमें इसके लिए ज़मीनी स्तर से लगकर काम करना होगा। हमें बचपन से ही बच्चों में सफाई की आदत डलवानी होगी। उन्हें सिखाना होगा कि, एक कुत्ता भी जहां बैठता है, उस जगह को झाड़-पोछ कर बैठता है। जब जानवरों में साफ-सफाई के प्रति इतनी जागरुकता है, फिर हम तो इन्सान है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

यह कैसी विडम्बना है, कि हमारी सरकार को हमारा घर, पास-पड़ोस आदि में साफ-सफाई करने के लिए अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय जनता भी कमाल की है, उनके खुद के काम के लिए भी वो सरकार का मुंह देखती है। हमारा घर आंगन साफ रहेगा तो ये हमारे लिए ही अच्छा होगा, आजकल हम अपने निजी स्वार्थ के लिए भी औरों से उम्मीद करते हैं। यह आदत बदलनी होगी। यह न केवल हमारे बल्कि, पूरे देश के लिए भी जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस मुहिम की शुरुआत हुई।

क्यों शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान

2 अक्टूबर 2014, को शुरु हुए इस अभियान का लक्ष्य गांधी जी के 150वी जयंती, 2019 तक भारत को ‘स्वच्छ भारत’ करना था। इससे अच्छी गांधी जी को क्या श्रध्दांजलि होगी, अपने सपनों का भारत देखने की। सोचने वाली बात है, आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी। मैंने कई बार देखा है, लोगो के घरों में शौचालय होने के बाद भी वो बाहर ही जाते है। क्योंकि उन्होंने ऐसी प्रवृत्ति बना ली है। इनकी यही सोच को बदलने के लिए इस आंदोलन की शुरुआत हुई। ग्रामीण लोगों की सोच को बदलना थोड़ा कठिन कार्य होता है।

खुले में शौच की प्रवृति से भारत को मुक्ति दिलाना ही इसका प्रथम ध्येय है। इसके तहत सरकार ने गांव-गांव में शौचालयों का निर्माण कराया। साथ ही लोगों से अपील भी की, कि वो इन शौचालयो का प्रयोग करें। बाहर में जाने की आदत को त्यागें। इतना ही नहीं, लोगो में जागरुकता फैलाने के लिए जगह-जगह कैम्प लगाये जाते हैं, नुक्कड़ नाटकों के माध्यमों से उन्हें इसके लाभ से परिचित कराया जाता है। ग्राम-पंचायतों की मदद से सभी घरों में उचित अपशिष्ट प्रबंधन का गण भी सिखाया जाता है। और हर घर में पानी की पाइपलाईन भी बिछाई गई है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाला भारत, उसमें से भी आधी से ज्यादा आबादी आज भी गांवो में ही निवास करती है।

अगर आँकड़ो की ओर नज़र घुमायें, तो 2011 की जनगणना के अनुसार, 16.78 करोड़ घरों में लगभग-लगभग 72.2% जनसंख्या गांवो में रहती है। और आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 5.48 करोड़ घरो में ही शौचालयों का प्रयोग किया जाता रहा है। तात्पर्य यह है कि 67% घरो में लोग, अब भी यह सुविधा का लाभ नहीं उठाते। 2012-13 में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा कराया गये सर्वेक्षण के अनुसार 40% ग्रामीण घरों में शौचालय है। 60% अब भी बाकी है। सरकारी खर्चे की अगर बात करें तो, 5 वर्षों के लिए अनुमानित राशि 62,009 करोड़ रुपये की है और इसमें लगभग 14,623 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार की ओर से हुई है।

उपसंहार

“यदि हम अपने घरों के पीछे सफाई नहीं रख सकते तो स्वराज की बात बेईमानी होगी। हर किसी को स्वयं अपना सफाईकर्मी होना चाहिए” – महात्मा गांधी

गांधी जी का यह कथन साफ बयां करता है कि सफाई हम सबके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। इस अभियान को सरकार ने बहुत ही जोश-खरोश के साथ प्रारंभ किया था। और इस संबंध में बहुत काम भी हुए। हमारे देश के सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपना अपना योगदान दिया है। इसी प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर ‘योगी आदित्यनाथ जी’ ने सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू, गुटका, पान, आदि उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।  किसी भी कार्यक्रम की सफलता लोगों की मानसिकता पर निर्भर करती है। आज भी ग्रामीण परिवेश में बुजुर्ग लोग या तो अनपढ़ है या कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसे में स्थिति और भी चुनौतिपूर्ण हो जाती है।

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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार ने देश में स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने के लिये की है। हम ऐसे तो अपना घर साफ रखते हैं, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम अपने देश को भी साफ रखें। कूड़े को यहां-वहां न फेक कर कूड़ेदान में डालें। महात्मा गाँधी जी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” वे उस समय देश में व्याप्त गरीबी और गंदगी से अच्छी तरह अवगत थे, इसी वजह से उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिये कई प्रयास भी किये, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है ?

स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाने की बात कही गयी थी। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 (145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिन के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया था और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत

इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है, जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है।

  • ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हों, साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
  • नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
  • खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता लाने करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये।
  • इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना।
  • पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाना।
  • भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
  • स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।

स्वच्छ भारत – स्वच्छ विद्यालय अभियान

ये अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ कई सारे स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित किये गए जैसे विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वाथ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्षा में, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बागीचा, किचन, शेड दुकान, खानपान की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाना जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।

निष्कर्ष

हम कह सकते है कि इस वर्ष के हमारे लक्षय में हम काफी हद तक सफल हो गये हैं। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है ‘स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है’। हम विश्वास के साथ कह सकते है कि, अगर भारत की जनता प्रभावी रुप से इसका अनुसरण करे तो आने वाले समय में, स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा। एक सच्चे नागरिक होने का हमारा कर्तव्य है कि, न गंदगी फैलाएं न फैलाने दें। देश को अपने घर कि तरह चमकाएं ताकि आप भी गर्व से कह सकें की आप भारतवासी हैं।

स्वच्छ भारत बनाने के लिए क्या करना चाहिए?

(1) हमें देश के हर घर में शौचालय बनवाने होंगे। (2) हर शहर, हर गांव की सार्वजनिक स्थलों पर सार्वजनिक शौचालय बनवाने होंगे। (3) लोगों में साफ सफाई और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलानी होगी। (4) हमें जगह-जगह कचरा पात्रों का निर्माण करना होगा।

स्वच्छता के लिए हम क्या क्या कर सकते हैं?

स्वच्छता के लिए हमें निम्न प्रयास कर सकते हैं..
हमें खुले में शौच जाने की प्रवृत्ति को त्यागना चाहिए।.
जगह-जगह थूककर, कचरा डालकर गन्दगी नहीं फैलानी चाहिए।.
हमें प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग बन्द कर देना चाहिए।.
घर एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर डस्टबिन का उपयोग करना चाहिए।.

स्वच्छ भारत अभियान के बारे में कैसे लिखें?

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरम्भ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को आरम्भ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परन्तु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ।