भारत का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन थे - bhaarat ka sabase buddhimaan vyakti kaun the

ये है हिंदुस्तान का सबसे पढ़ा-लिखा शख्स, डिग्रियों का लगा दिया था अंबार

फीचर डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Thu, 13 Aug 2020 03:03 PM IST

दुनिया में एक से एक पढ़े-लिखे लोग हैं, जिनके पास कई डिग्रियां हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का सबसे पढ़ा-लिखा शख्स कौन है और उसके पास कितनी डिग्रियां हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि डिग्रियों की वजह से ही उस शख्स का नाम 'मोस्ट क्वालिफाइड इंडियन' (सबसे शिक्षित भारतीय) के रूप में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। आज भले ही यह शख्स इस दुनिया में नहीं है, लेकिन आज भी उसके जितना पढ़ा-लिखा भारत में और दूसरा कोई नहीं है। 

इस शख्स का नाम है श्रीकांत जिचकर। 14 सितंबर 1954 को महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे श्रीकांत एक राजनेता भी थे। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत यूनिवर्सिटी स्टूडेंट काउंसिल से की थी और मात्र 25 साल की उम्र में ही विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बन गए थे। बाद में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। यही नहीं, बाद में वो लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद भी बने थे। 

कहते हैं कि उन्होंने 42 विश्वविद्यालयों (यूनिवर्सिटी) में पढ़ाई की थी और 20 डिग्रियां हासिल की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनमें से ज्यादातर डिग्रियां फर्स्ट क्लास (प्रथम श्रेणी) की थीं या उन्होंने उनमें गोल्ड मेडल हासिल किया था। उनके पास एमबीबीएस से लेकर एलएलबी, एमबीए और जर्नलिज्म (पत्रकारिता) तक की डिग्री थी। उन्होंने पीएचडी भी की थी। इसके अलावा उन्होंने अलग-अलग विषयों में कई बार एम. ए. किया था। 

श्रीकांत जिचकर ने देश की सबसे कठिन मानी जाने वाली यूपीएससी परीक्षा भी पास की थी और आईपीएस बने थे। हालांकि उन्होंने जल्द ही त्यागपत्र दे दिया था। आईपीएस के अलावा दोबारा यूपीएससी की परीक्षा देकर वह आईएएस भी बने थे, लेकिन चार महीने नौकरी करने के बाद उन्होंने उस पद से भी त्यागपत्र दे दिया था और राजनीति में आ गए थे। 

कहते हैं कि श्रीकांत को पढ़ाई का इतना शौक था कि उन्होंने अपने घर में एक बड़ी सी लाइब्रेरी ही बना ली थी, जिसमें 50 हजार से भी अधिक किताबें थीं। पढ़ाई के अलावा उन्हें पेंटिंग, फोटोग्राफी और एक्टिंग और अलग-अलग जगहों पर घूमने का भी शौक था। कहते हैं कि ऐसा कोई विषय नहीं था, जिसपर वो किसी से चर्चा नहीं कर सकते थे। लगभग हर विषय में वो पारंगत थे। हालांकि महज 50 साल की उम्र में ही एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी, लेकिन अपनी डिग्रियों की बदौलत वह आज भी 'सबसे शिक्षित भारतीय' कहलाए जाते हैं।   

प्रतिभाशाली लोगों के बिना इतिहास का निर्माण नहीं हो सकता है| न्यूटन, थॉमस अल्वा एडीसन, लियोनार्डो दा विंची, गैलीलियो गैलीली आदि जैसे लोग आज भी अपने सिद्धांतो, विचारों और खोजों के कारण दुनिया के 10 सबसे अधिक बुद्धिमान/प्रतिभाशाली लोगों में गिने जाते हैं|

भारत का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति कौन थे - bhaarat ka sabase buddhimaan vyakti kaun the

प्रतिभाशाली लोगों के बिना इतिहास का निर्माण नहीं हो सकता है| न्यूटन, थॉमस अल्वा एडीसन, लियोनार्डो दा विंची, गैलीलियो गैलीली आदि जैसे लोग आज भी अपने सिद्धांतो, विचारों और फार्मूलों के कारण लोगों के दिलों-दिमाग में जीवित हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं जिन्होंने असाधारण बुद्धिमता और विलक्षण प्रतिभा के दम पर छोटी उम्र में ही प्रसिद्धि प्राप्त की है| जिन्हें हम पढ़ाकू या बुद्धिजीवी भी कह सकते हैं| यहाँ दुनिया के 10 सबसे अधिक बुद्धिमान लोगों के बारे में विवरण दे रहे हैं जिनका नाम इतिहास में अमर है|

जानें दुनिया के 10 सबसे अधिक बुद्धिमान लोगों के बारे में !

1. आइजेक न्यूटन  (Isaac Newton)

आइजेक न्यूटन एक प्रतिभाशाली भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और रसायनशास्त्री थे| उन्हें अब तक का सबसे प्रभावशाली और सबसे बड़ा वैज्ञानिक माना जाता है| उनके वैज्ञानिक क्रियाकलापों ने न केवल 17वीं सदी के वैज्ञानिक क्रांति में योगदान दिया बल्कि आधुनिक तकनीकों को भी जन्म दिया|

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प्रमुख कार्य:

-   गुरूत्वाकर्षण एवं गति के नियमों की खोज |

-  स्पेक्ट्रम एवं इन्द्रधनुष में दिखाई देने वाले रंगों के सिद्धांत का विकास|

-  पहले व्यक्ति जिन्होंने बताया कि रंग प्रकाश का एक स्वाभाविक गुण है और जब श्वेत प्रकाश की किरण  विक्षेपित या प्रतिबिंबित होती है तो यह 7 रंगों में बंट जाती है|

-  पहले व्यावहारिक दूरबीन के निर्माणकर्ता |

-  बिजली की अनुक्रम (series) का अध्ययन करने के लिए, गैर पूर्णांक घटकों के द्विपद प्रमेय के सामान्यीकरण के लिए और भिन्नों के मूलों का अनुमान लगाने के लिए तरीकों की खोज की|

-  उनकी पुस्तक “द प्रिंसिपिया: मैथेमेटिकल प्रिंसिपल्स ऑफ नेचुरल फिलॉस्फी”, जो प्रिंसिपिया के नाम से प्रसिद्ध है, में आधुनिक भौतिकी के सिद्धांतों का वर्णन किया गया है|

2. आर्यभट्ट                                                                       

वे एक प्रख्यात गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे| विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है।

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प्रमुख कार्य:

-  शून्य की अवधारणा और 1018 तक बड़ी संख्या के प्रयोग की शुरुआत की|

-  उन्होंने सर्वप्रथम दशमलव के बाद चार अंको तक “पाई” के मान की गणना की थी|

-  त्रिभुज और वृत्त के क्षेत्रफल की गणना के लिए फार्मूले तैयार किये थे|

-  उन्होंने पृथ्वी की परिधि की गणना की और बताया कि यह 62,832 मील है| इसके अलावा पृथ्वी के अक्ष एवं अक्षीय घूर्णन के बारे में सुझाव दिए थे|

वे पहले खगोलशास्त्री थे जिन्होंने सौर दिनों की निरंतर गिनती के लिए फार्मूले तैयार किये थे|

-  इसके अलावा उन्होंने बताया कि “ग्रहण” चंद्रमा और पृथ्वी की छाया के कारण होते हैं|

-  उन्होंने यह भी बताया कि “ग्रह” सूर्य के प्रकाश के परावर्तन के कारण चमकते हैं|

-  उन्होंने “पृथ्वी के चपटे होने की अवधारणा” की खोज की और बताया कि पृथ्वी और अन्य ग्रह सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं|

-  क्या आप जानते हैं कि उन्होंने 24 वर्ष की उम्र में “आर्यभट्टिय” नामक पुस्तक लिखी थी|

3. गैलिलियो गैलिली

वे एक प्रख्यात गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और भौतिक विज्ञानी थे| इसके अलावा उन्हें “आधुनिक खगोल विज्ञान के जनक” के रूप में जाना जाता है|

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प्रमुख कार्य:

- वैज्ञानिक क्रांति स्थापित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी|

- खगोलीय वेधशाला और दूरबीन का आविष्कार में योगदान|

- खगोलीय खोज के रूप में उन्होंने शुक्र के विभिन्न चरणों की पुष्टि की, बृहस्पति के चार सबसे बड़े उपग्रहों की खोज की और सूर्य के धब्बों का अवलोकन एवं विश्लेषण किया था|

- उन्होंने सैन्य कम्पास का आविष्कार किया था|

4. थॉमस अल्वा एडीसन

वे एक प्रख्यात आविष्कारक और एक अग्रणी व्यापारी थे| अमेरिका की अर्थव्यवस्था के निर्माण में उनके खोजों की प्रमुख भूमिका थी| इसके अलावा अमेरिका की पहली तकनीकी क्रांति में उनकी अग्रणी भूमिका थी|

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प्रमुख कार्य:

- पहले आविष्कारक जिनकी अपनी प्रयोगशाला थी|

- उन्होंने पहले विद्युत् बल्ब का आविष्कार किया था| पहला विद्युत् बल्ब 40 घंटे तक और दूसरा विद्युत् बल्ब 225 घंटे तक चला था|

- क्या आप जानते हैं कि उन्होंने फिल्मी कैमरे की खोज की थी?

- उन्होंने प्रतिदीप्तिदर्शी (Fluoroscope) और पुनः चार्ज होने वाले बैटरी का आविष्कार किया था|

क्या आप “कृष्ण के बटरबॉल (Butterball)” के पीछे के रहस्य को जानते हैं?

5. लियोनार्दो दा विंची

वे एक वास्तुकार, गणितज्ञ, संगीतकार, मूर्तिकार, इंजीनियर, आविष्कारक, शरीर-रचना विज्ञानी और लेखक थे|

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प्रमुख कार्य:

- पहले व्यक्ति जिन्होंने मानव शरीर का चीड़-फाड़ किया था|

- उन्होंने टैंक, पैराशूट, हेलीकॉंप्टर जैसी वस्तुओं का आविष्कार कर हमारी मदद की है|

- वे एक प्रसिद्ध कलाकार, चित्रकार एवं संगीतकार थे| उनकी सबसे मशहूर पेंटिंग “मोनालिसा” है| उनकी विभिन्न पेंटिंग्स को संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी में देखा जा सकता है|

- उनकी रूचि भूविज्ञान एवं विभिन्न स्थानों के नक्शे बनाने में भी थी|

- वे उल्टी दिशा (दायें से बायें) में भी धाराप्रवाह रूप से लिख सकते थे|

- उनमें पुनर्जागरण की भावना भरी हुई थी और उन्हें उनकी कल्पना शक्ति, आविष्कार और अत्यंत जिज्ञासा के लिए जाना जाता है|

6. स्टीफन हॉकिन्स

उनकी वर्तमान उम्र 74 वर्ष है| वे एक ब्रह्मांड विज्ञानी, लेखक, सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी और “सैद्धांतिक ब्रह्मांड विज्ञान रिसर्च सेंटर” के निदेशक हैं|

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प्रमुख कार्य:

- उन्होंने भविष्यवाणी की है कि ब्लैक होल से विकिरण निकलता है जिसे “हॉकिंग विकिरण (Hawking Radiation) कहा जाता है|

- उन्होंने सर्वप्रथम ब्रह्मांड विज्ञान से सिद्धांत का प्रतिपादन किया और क्वांटम यांत्रिकी का समर्थन किया था|

- उन्हें अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “प्रेसिडेंसियल मेडल” से नवाजा जा चुका है|

- उन्होंने अपनी पुस्तक “अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम” में अपने ही सिद्धांतों और ब्रह्माण्ड विज्ञान के बारे में सामान्य रूप से विचार-विमर्श किया है|

- उनकी अन्य पुस्तकों में “द यूनिवर्स इन ए नटशेल”, “द लार्ज स्केल स्ट्रक्चर ऑफ स्पेश-टाइम” एवं “द ग्रैंड डिजायन” प्रमुख हैं|

- 65 वर्ष की उम्र में वे अंतरिक्ष में गए थे और “कैनेडी अंतरिक्ष केन्द्र” फ्लोरिडा में उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के बिना पर्यावरण का अनुभव किया था| लकवाग्रस्त होने के बावजूद उन्होंने अपनी सफलताओं से यह साबित कर दिया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में कुछ भी हासिल करना चाहता है तो उसे किसी भी प्रकार की शारीरिक विफलता रोक नहीं सकती है|

7. टेरेंस ताओ

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आप विश्वास नहीं करेंगे कि जब टेरेंस ताओ 2 साल के थे तो वे 5 वर्ष के छात्रों को उच्चारण करना और संख्याओं को जोड़ने की विधा सिखाते थे| 10 साल की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गणितीय ओलम्पियाड में भाग लेना शुरू किया और 1986 में कांस्य, 1987मेंरजत और 1988में स्वर्ण पदक जीता और गणितीय ओलंपियाड के इतिहास में सबसे कम उम्र के स्वर्ण पदक विजेता बने थे| 16 साल की उम्र में उन्होंने स्नातक की डिग्री और मास्टर की डिग्री प्राप्त की थी एवं 20 साल की उम्र में अपनी पीएचडी की डिग्री पूरी की थी| उनकी बुद्धिमता स्तर (IQ level) 230  है और वर्तमान में वे 41 वर्ष के हैं|

प्रमुख कार्य:

- पूर्णांकों के अंकगणितीय समान्तर श्रेणी (arithmetic progressions) के लिए उन्होंने “ग्रीन-ताओ” प्रमेय दिया था|

- तस्वीरों में लाल आँखों को हटाने के लिए उन्होंने “द पॉवर ऑफ कॉन्वेक्स रिलेक्सेशन: नियर ऑप्टीमल मैट्रिक्स कम्पलीशन” नामक सिद्धांत एवं अधूरी और गलत माप से बचने हेतु “स्टेबल सिग्नल रिकवरी” नामक सिद्धांत की खोज की थी|

- उनके द्वारा प्रतिपादित पहेलियों के साथ बहुतलीय ज्यामिति “लिटिलवुड-रिचर्डसन शंकु” के पहलुओं को निर्धारित करता है।

- उन्होंने “ऑपरेटर स्प्लिटिंग” के द्वारा KDV समीकरण का संख्यात्मक विश्लेषण किया था|

- उन्हें संयुक्त रूप से “फील्ड्स पदक (2006)”, “सस्त्रा रामानुजन पुरस्कार (2006)” और गणित का “ब्रेकथ्रू पुरस्कार (2014)” जैसे सम्मानों से नवाजा जा चुका है|

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8. क्रिस्टोफर  लेंगन

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उन्हें अमेरिका में सबसे चतुर व्यक्ति माना जाता है और उनका बुद्धिमता स्तर (IQ level) 195 से 210 के बीच  है| आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सैट की परीक्षा के दौरान सोने के बावजूद क्रिस्टोफर लेंगन ने परीक्षा में उत्तीर्ण हेतु आवश्यक अंक प्राप्त किये थे| वर्तमान में उनकी उम्र 64 वर्ष है|

प्रमुख कार्य:

- उन्होंने मन और वास्तविकता के बीच के संबंध को दर्शाने के लिए एक सिद्धांत की खोज की जिसे “कॉग्निटिव थियोरेटीक मॉडल ऑफ द यूनिवर्स” कहा जाता है|

- उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए अपनी पत्नी “जीना लोसासो” के साथ मिलकर "मेगा फाउंडेशन" का गठन किया है|

- उन्होंने एनबीसी के “1 बनाम 100” प्रतियोगिता में 250,000 डॉलर का पुरस्कार जीता है|

- उन्होंने युवा पीढ़ी के सामने एक मिसाल प्रस्तुत की है कि वे भी बिना किसी डिग्री के स्वाध्याय के दम पर दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के द्वारा अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं|

9. किम उंग-यंग (Kim Ung-Yong)

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क्या आप जानते हैं कि किम उंग-यंग का नाम “गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स” में दर्ज है और उनका बुद्धिमता स्तर हॉकिंग एवं आइंस्टीन से भी अधिक है| जब वे चार महीने के थे तभी उन्होंने बोलना शुरू कर दिया था और 2 साल की उम्र में वे जापानी, कोरियाई, जर्मन और अंग्रेजी भाषा पढ़ना जानते थे|

प्रमुख कार्य:

- अतिथि छात्र के रूप में उन्होंने “हेनयंग विश्वविद्यालय” में भौतिक विज्ञान की पढ़ाई की थी और 8 साल की उम्र में उन्हें नासा ने संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्ययन करने के लिए आमंत्रित किया था|

- उन्होंने कोरियाई एवं चीनी भाषा में कवितायें लिखी है|

- उन्होंने 20 से भी कम पृष्ठों वाली निबंध एवं कविताओं की 2 छोटी पुस्तकें लिखी है|

- उनकी वर्तमान उम्र 54 वर्ष है और वे सादा जीवन व्यतीत करने में विश्वास रखते हैं| 2014 में उन्हें “शिन्हन विश्वविद्यालय” का एसोसिएट प्रोफेसर और “नार्थ क्योंग-जी डेवलपमेंट सेंटर” का वाईस प्रेसिडेंट नियुक्त किया गया था|

10. जुडित पोल्गर (Judit Polgar)

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वह हंगरी की रहने वाली शतरंज की एक ग्रैंडमास्टर है और उनकी उम्र 40 वर्ष है|

प्रमुख कार्य:

-  साल 1999 में, 15 साल की उम्र में, उन्होंने बॉबी फिशर को हराकर सबसे कम उम्र में ग्रैंडमास्टर बनने का रिकॉर्ड बनाया था|

-  साल 2002 में पुनः उन्होंने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया जब     उन्होंने विश्व के नंबर एक खिलाड़ी गैरी कास्प्रोव को हराया था| “फिडे” की शीर्ष 100 खिलाड़ियों (FIDE’s Top 100 list) की सूची में वे एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं|

-  वह अब तक की पहली और एकमात्र महिला खिलाड़ी है जिन्होंने 2700 से अधिक रेटिंग अंक प्राप्त किये हैं| उन्होंने साल 2005 में खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग में 8वां स्थान एवं 2735 रेटिंग अंक प्राप्त किये थे |

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भारत में सबसे बुद्धिमान लड़का कौन है?

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। ब्रिटेन में भारतीय मूल का 11 वर्षीय लड़का मेन्सा आईक्यू टेस्ट में सर्वाधिक 162 अंक हासिल कर देश का सबसे ज्यादा बुद्धिमान बच्चा बन गया है। उसने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से दो अंक अधिक प्राप्त किए हैं।