Show भारत का स्थलाकृति मानचित्र (topography map) भारत एक विशाल देश है जिसमें अनेक धरातलीय विविधताएँ, विषमताएँ और जटिलताएँ पाई जाती हैं। यहाँ ऊँचे-ऊँचे पर्वत, पठार तथा समतल मैदानी सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती है। इनकी विद्यमानता के परिणाम स्वरूप भारत का भू-आकृति प्रादेशीकरण (Physiographic Regionalisation) अत्यन्त कठिन कार्य है। इस कार्य के लिए लम्बे समय से अनेक विद्वान प्रयत्नशील रहे हैं, परन्तु वे त्रुटिमुक्त प्रादेशीकरण प्रस्तुत करने में सफल नहीं हो सके। इस क्षेत्र में आर. एल0 सिंह और बी0 के0 राय के प्रयास काफी सराहनीय एवं अग्रणी माने जाते हैं। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नांकित है : आर॰ एल॰ सिंह द्वारा प्रस्तावित भारत का भू-आकृतिक प्रादेशीकरण[संपादित करें]भूगर्भिक संरचना, भौतिक आकृति तथा स्थिति को आधार मान कर प्रोफेसर आर॰ एल॰ सिंह ने अपनी पुस्तक 'इण्डिया - अ रेजनल जिओग्रैफी' में भारत को चार बड़े भू-आकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया है। जो निम्नलिखित हैं-
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
भारत की प्राचीनतम स्थलाकृति कौन सी है?अरावली पर्वत - यह विश्व का प्राचीनतम अवशिष्ट पर्वत है, जो गुजरात से दिल्ली तक लगभग 850 कि. मी. में विस्तृत है। इसका सर्वोच्च शिखर गुरु शिखर (1722 मी) है.
भारत की कुल स्थलाकृति कितनी है?भारत भौतिक विविधताओं का देश है। यहाँ लगभग सभी प्रकार की स्थलाकृतियाँ पाई जाती हैं। एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत के कुल क्षेत्रफल के 29.3% भाग पर पर्वत, 27.7% भाग पर पठार तथा 43% भाग पर मैदान फैले हुए हैं।
भू आकृति कितने प्रकार के होते हैं?प्रथम प्रकार की भू-आकृतियों में महाद्वीप एवं महासागर प्रमुख हैं. द्वितीय प्रकार की भू-आकृतियों में पर्वत, पठार एवं मैदान शामिल है. तृतीय प्रकार की भू-आकृतियों में घाटियां, जलप्रपात, महाखड्ड, कैनियन, डेल्टा, बालू का स्तूप, हिमोढ़, एस्कर, केम, ड्रमलिन आदि प्रमुख हैं.
भारत का सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश कौन सा है?Peninsular Plateau of South. यह भारत का क्षेत्र की दृष्टि से सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश है। इसका कुल क्षेत्रफल 16 लाख वर्ग किलोमीटर है। जो त्रिभुजाकार आकृति में फैला है।
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