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चर्चा में क्यों?25 फरवरी, 2022 को बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर राज्य का 16वाँ आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया। प्रमुख बिंदु
बिहार की आर्थिक स्थिति क्या है?बिहार आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट-2021- 22 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान बिहार में प्रतिव्यक्ति आय 50,555 रुपये हो गई है। वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य में प्रतिव्यक्ति आय 49,272 रुपये थी। इस प्रकार, एक वर्ष में कुल 1183 रुपये प्रतिव्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई।
Bihar की प्रति व्यक्ति आय कितनी है 2022?बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम (भारत के सभी राज्यों में) 50,555 रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.6 फीसदी अधिक है.
बिहार का राजकोषीय घाटा कितना है?बिहार को 18 साल बाद बड़े राजकोषीय घाटे का सामना करना पड़ा है। 31 मार्च 2021 को खत्म हुए वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य में 29 हजार 827 करोड़ का राजकोषीय घाटा दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15,103 करोड़ रुपये ज्यादा है।
बिहार के पिछड़ेपन का मुख्य कारण क्या है?इस आर्थिक पिछड़ेपन के कई प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं - <br> (i) जनसंख्या - बिहार की जलवायु जनसंख्या की वृद्धि को प्रभावित करती है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण साधनों पर दबाव बनता चला जा रहा है। फलत: यहाँ आर्थिक बदहाली दृष्टिगत होती है। <br> (ii) कृषि पर निर्भर आर्थिक जीवन - बिहार की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है।
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