३ राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की? - 3 raam ne thakee huee seeta kee kya sahaayata kee?

प्रश्न 16-1: नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता की क्या दशा हुई ?

उत्तर 16-1: नगर के बाहर सीता जी ने दो कदम ही रखे थे कि उनके माथे पर पसीना आ गया थकान महसूस होने लगी और रामचंद्र जी से पूछने लगीं कि अभी और कितना चलना है पर्णकुटी कहॉं पर बनाएंगे।

प्रश्न 16-2: ‘अब और कितनी दूर चलना है, पर्णकुटी कहाँ बनाइएगा’ किसने किससे पूछा और क्यों?

उत्तर 16-2: सीता जी ने राचंद्रजी से पूछा क्योंकि वे बहुत थक चुकी थीं और विश्राम करना चाहती थीं।

प्रश्न 16-3: राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की?

उत्तर 16-3: राम ने थकी हुई सीता को देखकर लक्ष्मण को जल लेने के लिए भेज दिया और स्वयं पेड़ के नीचे बैठकर अपने पैरों की धूल को साफ करने लगे तथा पैरों के कॉंटे धीरे-धीरे निकालने लगे जिससे सीता कुछ देर और विश्राम कर सकें।

प्रश्न 16-4: दोनों सवैयों के प्रसंगों में अंतर स्पष्ट करो।

उत्तर 16-4: पहले सवैयों में सीता की व्याकुलता का वर्णन है तो दूसरे सवैये में राम के द्वारा सीता की व्याकुलता को देखकर पेड़ के नीचे बैठकर देर तक विश्राम करने का वर्णन है।

राम नेथकी हुई सीता की क्या सहायता की थी?

प्रश्न 16-3: राम ने थकी हुई सीता की क्या सहायता की? उत्तर 16-3: राम ने थकी हुई सीता को देखकर लक्ष्मण को जल लेने के लिए भेज दिया और स्वयं पेड़ के नीचे बैठकर अपने पैरों की धूल को साफ करने लगे तथा पैरों के कॉंटे धीरे-धीरे निकालने लगे जिससे सीता कुछ देर और विश्राम कर सकें।

सीता राम से क्या प्रश्न करती है?

उत्तर: सीता ने बेचैन होकर श्रीराम से पूछा कि हमें और कितना अधिक चलना है तथा पर्णकुटी कहाँ बनाना है। वे गर्मी के कारण काफी थक जाती हैं उनके होंठ सूखने लगते हैं। पसीना आने लगता है। वे राम से कहती हैं जब तक लक्ष्मण पानी लेकर नहीं आ जाते तब तक पेड़ की छाया में रुककर हम लोग विश्राम कर लेते हैं।

दो पग चलने के बाद सीता जी की क्या दशा हुई उन्होंने राम से क्या पूछा और क्यों?

नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीताजी की क्या दशा हुई? Solution : नगर से बाहर निकलकर दो पग चलने के बाद सीता के माथे से पसीना निकल आया। उनके मधुर होंठ सूख गये और उन्हें बहुत थकान लगने लगी। तब वे आराम करने और पर्णकुटी बनाने के सम्बन्ध में पूछने लगीं।

श्री राम ने सीता को विश्राम देने के लिए क्या किया?

श्रीराम ने सीता को विश्राम देने के लिए यह किया कि वह धीरे-धीरे अपने पाँव से कांटे निकालने लगे। जब श्री राम जंगल में सीता को उठाए हुए भटक रहे थे तो उनके पैरों में कांटा चुभ गए थे। सीता से स्थिति देखी नहीं गई उन्होंने श्रीराम से विश्राम के लिए आग्रह किया और ताकि श्रीराम अपने पैरों से कांटे निकाल सके।