भीमराव अंबेडकर जयंती क्यों मनाई जाती है - bheemaraav ambedakar jayantee kyon manaee jaatee hai

Ambedkar Jayanti 2022: भीमराव अंबेडकर का जीवन काफी संघर्ष पूर्ण और प्रेरणादायक रहा है. अंबेडकर साहेब ने भारत की स्वतंत्रता के बाद देश के संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इन्होंने ना केवल पिछड़े वर्ग के अधिकारों के लिए लड़ाई की बल्कि यह एक समाज सुधारक भी थे, जिन्होंने पक्षपात और जाति व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई. हर साल अंबेडकर जयंती 14 अप्रैल को मनाई जाती है. ऐसे में अंबेडकर जयंती के महत्व और इतिहास के बारे में पता होना जरूरी है. आज का हमारा लेख इस विषय पर है. आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भीमराव अंबेडकर की जयंती क्यों मनाई जाती है. इसका क्या महत्व है. पढ़ते हैं आगे…Also Read - Ambedkar Jayanti 2022: बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्में जो जातिवाद और उससे जुड़े अत्याचार को दिखाती हैं - देखें पूरी सूची

अंबेडकर जयंती का इतिहास

बता दें कि 14 अप्रैल 1928 को पुणे में पहली बार जनार्दन सदाशिव रणपिसे ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई थी. जनार्दन सदाशिव रणपिसे अंबेडकर साहेब के सबसे बफादार अनुयायियों में से एक थे. इसके बाद से हर साल 14 अप्रैल के दिन ही अंबेडकर जयंती मनाने की परंपरा शुरू हो गई. भारत में हर साल 14 अप्रैल के दिन आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश होता है. Also Read - Share Market Holiday: एनएसई, बीएसई अगले चार दिन तक बंद रहेंगे, यहां देखें छुट्टियों की पूरी सूची

अंबेडकर जयंती का महत्व

अंबेडकर साहिब दलित समुदाय के लिए समान अधिकारों के लिए संघर्ष करते थे. इससे अलग इन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर जाति, धर्म, संस्कृति, पंथ आदि की परे रखकर सभी नागरिकों को समान अधिकार देने दिया. अंबेडकर साहेब को दो बार राज्यसभा से सांसद के रूप में चुना गया. डॉ. भीमराव अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था. सन् 1990 में, बाबासाहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. Also Read - Ambedkar Jayanti 2022 Hindi Wishes: इन प्रेरणादायक संदेशों से भेजें अंबेडकर जयंती की बधाई

डॉक्टर भीमराव जयंती क्यों मनाई जाती है?

भीमराव अंबेडकर जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था। भारत में उनकी कड़ी मेहनत और योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। भीमराव अंबेडकर का पूरा जीवन संघर्षपूर्ण रहा।

दुनिया की सबसे बड़ी जयंती किसकी है?

विश्व की सबसे बड़ी जयंती अंबेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को उनकी जयंती बड़े हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई जाती हैं। गूगल सर्च इंजन के मुताबिक सैकड़ों देशों और करोड़ों अंबेडकरवादी अनुयायियों के द्वारा मनाई जाने वाली अंबेडकर जयंती विश्व की सबसे बड़ी जयंती मानी जाती हैं।

14 अप्रैल को किसका जन्म हुआ था?

नई दिल्ली: देश दुनिया के इतिहास में 14 अप्रैल के नाम पर कई ऐतिहासिक घटनाएं दर्ज हैं। यही वह दिन है जब देश के संविधान निर्माता डा. भीम अंबेडकर (Bhim Rao Ambedkar Jayanti) का जन्म हुआ। उन्हें महान विद्वान, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा के तौर पर देखा जाता है।

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पास कितनी डिग्री है?

बाबासाहेब अंबेडकर के पास कितनी डिग्री थी? भारत रत्न Dr Bhimrao Ambedkar Biography in Hindi के पास 32 डिग्रियों के साथ 9 भाषाओं के सबसे बेहतर जानकार थे।