पाठ पर आधारित लघु उत्तरीय प्रश्न Show प्रश्न 1. हालदार साहब जिस कस्बे से गुजरा करते थे उसका संक्षेप में वर्णन कीजिए। प्रश्न 2. कस्बों, शहरों, महानगरों के चैराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है। इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं? प्रश्न 3. हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति को देखकर कैसा अनुभव हुआ था और क्यों? पहली बार में पान के पैसे चुकाकर जब वे चलने लगे तो वे किसके प्रति नतमस्तक हुए थे? प्रश्न 4. नेताजी की प्रतिमा की आँखों पर कैसा चश्मा लगा था ? प्रतिमा वाले पत्थर का चश्मा न लगा होने के संभावित कारणों पर पठित पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए। प्रश्न 5. नेताजी की मूर्ति में कौन-सी कमी थी और क्यों? प्रश्न 6. हालदार साहब हमेशा चैराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को क्यों निहारते थे ? प्रश्न 7. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में वर्णित नेताजी की मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला व्यक्ति किस नाम से पुकारा जाता था? उसका पेशा और आर्थिक
स्थिति कैसी थी? उसके व्यक्तित्व के किस गुण ने आपको प्रभावित किया है? प्रश्न 8. हालदार साहब को मूर्ति में कौन-सी कमी खटकती थी ? प्रश्न 9. कैप्टन (चश्मेवाला) मूर्ति का चश्मा बार-बार क्यों बदल देता था ? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए। प्रश्न 10. कैप्टन को साक्षात् देखने से पहले हालदार साहब के मानस पटल पर कैप्टन का कैसा चित्र रहा होगा ? उत्तरः वह सोचते होंगे कि अवश्य ही कैप्टन अत्यन्त बलिष्ठ व गठीले शरीर का होगा। वह देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत होगा। दूसरों को देशभक्ति की सीख देने वाला कोई भूतपूर्व सिपाही होगा। प्रश्न 11. हालदार साहब के विचार से देश को स्वतंत्र कराने वाले लोग कैसे थे और उनका उपहास करने वाले
आज के देशवासी कैसे हो गए हैं? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 12. देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। प्रश्न 13. हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति को देखकर उनके
असली चश्मे के विषय में मूर्तिकार की सोच के विषय में क्या-क्या अनुमान लगाए थे ? स्पष्ट रूप से समझाइए। प्रश्न 14. पानवाला एक हँसोड़ स्वभाव वाला व्यक्ति है, परन्तु उसके हृदय में संवेदना भी है। इस कथन पर अपने
विचार व्यक्त कीजिए। प्रश्न 15. हालदार साहब को पानवाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों ? प्रश्न 16. हालदार साहब के द्वारा कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाला अपनी आँखें क्यों पोंछने लगा? प्रश्न
17. हालदार साहब एक भावुक देशप्रेमी इंसान हैं- उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए। प्रश्न 18. ‘‘क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी -ञजदगी सब कुछ होम कर देने
वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढती है।’’ हालदार साहब के इस कथन को स्पष्ट करते हुए बताइए कि उनके इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं? प्रश्न 19. ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में वर्णित कैप्टन के चरित्र पर प्रकाश डालिए तथा बताइए कि उसके व्यक्तित्व की किस विशेषता ने आपको प्रभावित किया है? प्रश्न 20. हालदार साहब की आँखें भर आने का क्या कारण रहा होगा ? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए। प्रश्न 21. चैराहे पर लगी मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए? नेताजी का चश्मा पाठ को इस वीडियो की मदद से पूरा समझें। नेताजी का चश्मा पाठ के NCERT Solutions को यहाँ से पढ़ें। हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति पर चश्मा देखकर आश्चर्य क्यों हुआ तर्क सहित उत्तर दीजिए?हालदार साहब हमेशा चैराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को क्यों निहारते थे ? उत्तरः हालदार साहब के मन में देशभक्ति और प्रतिमा के प्रति लगाव था और साथ ही उनके मन में नेताजी की मूर्ति पर चश्मा देखने की उत्सुकता भरी लालसा रहती थी इसलिए वे सदैव चैराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारते थे।
हालदार साहब नेताजी की मूर्ति के सामने भावुक क्यों हुए?उत्तर - हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक हो उठे क्योंकि नेताजी की मूर्ति को छोटे बच्चों के द्वारा पहनाया जाना इस बात का सबूत है कि हमारे देश के बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी महापुरुषों व शहीदों का सम्मान करते हैं । घर गृहस्थी जवान - जिंदगी सब कुछ होम देनेवालों पर भी हँसती हैं और अपने लिए बिकने के मौके ढूंढ़ती है । "
.क्या देखकर हालदार साहब की आँखों में आँसू आ गए और क्यों?(ख) सुभाषचंद्र जी की मूर्ति पर चश्मा देखकर हालदार साहब ठीक मूर्ति के सामने जाकर खड़े हो गए। मूर्ति की आँखों पर सरकंडे का छोटा-सा चश्मा था, जैसे बच्चे बना लेते हैं। इतनी सी बात पर उनकी आँखों में आँसू इसलिए आ गए क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि आने वाली पीढ़ी में भी देशभक्ति की भावना है।
हालदार साहब नेताजी की मूर्ति पर रियल चश्मा देखकर सर्वप्रथम क्या सोचते हैं?Answer: (a) मूर्ति की आँखों पर संगमरमर का चश्मा न होना। हालदार साहब को हर पंद्रहवें दिन कंपनी के काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुज़रना पड़ता था। कस्बा बहुत बड़ा नहीं था। जिसे पक्का मकान कहा जा सके वैसे कुछ ही मकान और जिसे बाज़ार कहा जा सके वैसा एक ही बाज़ार था।
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