भगवान के डाकिए द्वारा लाई गई चिट्ठियों में निहित संदेश का मनुष्य क्या करता है? - bhagavaan ke daakie dvaara laee gaee chitthiyon mein nihit sandesh ka manushy kya karata hai?

भगवान के डाकिए द्वारा लाई गई चिट्ठियों में निहित संदेश का मनुष्य क्या करता है? - bhagavaan ke daakie dvaara laee gaee chitthiyon mein nihit sandesh ka manushy kya karata hai?

1. ‘भगवान के डाकिए’ कविता में भगवान के डाकिये किन्हें कहा गया है?

(क) पक्षी और पर्वत को            

(ख) बादल और आकाश को

(ग) पक्षी और बादल को        

(घ) पक्षी और आकाश को

► (ग) पक्षी और बादल को        

2. भगवान के डाकियों द्वारा लाई गई चिट्ठियों में निहित संदेश का मनुष्य क्या करता है?

(क) उनके अनुरूप आचरण करता है

(ख) उनका अनुमान लगाता है

(ग) उन्हें पढक़र दूसरों को सुनाता है

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) उनका अनुमान लगाता है

3. ‘भगवान के डाकिए’ द्वारा लाई चिट्ठियों को कौन नहीं पढ़ पाता?

(क) मनुष्य    

(ख) पानी    

(ग) पेड़    

(घ) पहाड़

► (क) मनुष्य    

4. एक देश की धरती द्वारा भेजा गया ‘सौरभ’ दूसरे देश की धरती तक कैसे पहुँचता है?

(क) कमल के पत्ते पर नदी-मार्ग से    

(ख) पक्षियों के पंखों पर सवार होकर वायु-मार्ग से

(ग) फूलों के माध्यम से        

(घ) इनमें से कोई नहीं

► (ख) पक्षियों के पंखों पर सवार होकर वायु-मार्ग से

5. भगवान के डाकिए’ के रचयिता कौन हैं?

(क) रामदरश मिश्र

(ख) हरिशंकर परसाई

(ग) भगवती चरण वर्मा

(घ) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

► (घ) रामधारी सिंह ‘दिनकर’

6. एक देश की भाप दूसरे देश तक किस रूप में जाती है?

(क) पानी के रूप में            

(ख) बोतलों में बंद होकर

(ग) बर्फ के रूप में        

(घ) भाप के रूप में

► (घ) भाप के रूप में

7. ‘भगवान के डाकिये’ का एक महादेश से दूसरे महादेश तक जाना किस ओर संकेत करता है?

(क) वे नदी-नाले आसानी से पार कर लेते हैं

(ख) उन्हें अपना कर्त्तव्य पूरा करना पड़ता है

(ग) वे इंसान द्वारा बनाई सीमा में बँधकर काम नहीं करते

(घ) उन्हें कहीं भी आना-जाना अच्छा लगता है

► (ग) वे इंसान द्वारा बनाई सीमा में बँधकर काम नहीं करते

8. भगवान के डाकिये’ कविता के आधार पर बताइए कि निम्नलिखित में से कौन अधिक समझदार है?

(क) मनुष्य

(ख) पक्षी

(ग) पेड़-पौधे, पानी, पहाड़

(घ) बादल और आकाश

► (ग) पेड़-पौधे, पानी, पहाड़

9. एक देश की धरती दूसरे देश की धरती को निम्नलिखित में से क्या भेजती है?

(क) धूल    

(ख) फल

(ग) फूल    

(घ) सुगंध

► (घ) सुगंध

10. इनके संदेश को कौन पढ़ सकते हैं?

(क) संसार में रहने वाले सभी लोग

(ख) सभी बुद्धिमान व्यक्ति

(ग) सभी जीव जंतु

(घ) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति

► (घ) पेड़, पौधे, सरोवर-सरिताएँ, समुद्र व पर्वत यानी प्रकृति

भगवान के डाकुओं द्वारा लाई गई चिट्ठियों में निहित संदेश का मनुष्य क्या करता है?

भगवान का यहीं संदेश ये हम तक पहुँचाते हैं कि जिस तरह से एक पक्षी व बादल दूसरे देश में जाकर भेदभाव नहीं करते (कि ये हमारा मित्र है यहाँ जाओ, ये हमारा शत्रु है यहाँ मत जाओं) हमें भी इनकी तरह आचरण करना चाहिए और मिल जुलकर रहना चाहिए। भगवान का यही सन्देश पक्षी और बादल हम तक पहुंचाते हैं इसलिए ये भगवान के डाकिये हैं।

भगवान के डाकिये कविता का संदेश क्या है?

इस कविता के द्वारा कवि कहते हैं कि भगवान बादलो के द्वारा पेड़ – पौधों, पहाड़ो के लिए सन्देश भेजते हैं। बादलो द्वारा बरसाया जल उनके लिए सुखद सन्देश लाता है। कवि पूरे विश्व को एक मानते हैं क्योंकि प्रकृति ने दो देशो में फर्क नहीं समझा। वे कहते हैं एक देश से दूसरे देश को जाती सुगंध को कोई बाँध नहीं सकता है।

भगवान द्वारा भेजी गई चिट्ठियों को कौन पढ़ पाते हैं?

उत्तर : पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों में भगवान द्वारा भेजा गया संदेश होता है, क्योंकि ये चिट्ठियाँ भगवान की होती हैं। इन चिट्ठियों को मनुष्य नहीं पढ़ पाता है। इनको प्रकृति के विभिन्न अंग पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं