इसे तो किसी क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए बस कंपनी के हिस्सेदार के संबंध में लेखक ने ऐसा क्यों कहा? - ise to kisee kraantikaaree aandolan ka neta hona chaahie bas kampanee ke hissedaar ke sambandh mein lekhak ne aisa kyon kaha?

नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
एक पुलिया के ऊपर पहुँचे ही थे कि एक टायर फिस्स करके बैठ गया। वह बहुत जोर से हिलकर थम गई। अगर स्पीड में होती तो उछलकर नाले में गिर जाती। मैंने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। वह टायरों की हालत जानते हैं फिर भी जान हथेली पर लेकर इसी बस से सफर कर रहे हैं। उत्सर्ग की ऐसी भावना दुर्लभ है। सोचा, इस आदमी के साहस और बलिदान भावना का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इसे तो किसी क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए। अगर बस नाले में गिर पड़ती और हम सब मर जाते तो देवता बाँहे पसारे उसका इंतजार करते। कहते- “वह महान आदमी आ रहा है जिसने एक टायर के लिए प्राण दे दिए। मर गया, पर टायर नहीं बदला।”
बस के हिस्सेदार को क्रांतिकारी का नाम लेखक क्यों देना चाहता था?

  • उसे बस में बैठे लोगों की चिंता न थी।
  • जिस प्रकार क्रांतिकारी एक उद्देश्य से बढ़ते हैं वैसे ही बस का हिस्सेदार भी किसी की परवाह किए बिना केवल बस को चलाने व लाभ कमाने के उद्देश्य से प्रेरित था।
  • वह अपने उद्देश्य के प्रति कटिबद्ध था।
  • वह अपने उद्देश्य के प्रति कटिबद्ध था।


B.

जिस प्रकार क्रांतिकारी एक उद्देश्य से बढ़ते हैं वैसे ही बस का हिस्सेदार भी किसी की परवाह किए बिना केवल बस को चलाने व लाभ कमाने के उद्देश्य से प्रेरित था।

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लेखक ने ऐसा क्यों कहा कि गांधी जी के असहयोग व सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय यह जवान रही होगी?

  • बस में लोग विरोध कर रहे थे।
  • बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे।
  • बस ड़ाइवर ने बस चलाने से इंकार कर दिया।
  • बस ड़ाइवर ने बस चलाने से इंकार कर दिया।


B.

बस के पुर्जे धीरे-धीरे एक साथ मिलकर काम करने लगे।

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लेखक व उसके मित्र कहां गए थे?

  • सतना
  • पन्ना
  • जबलपुर
  • जबलपुर

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बस की दशा किसकी भाँति लग रही थी?

  • एक टूटी इमारत की भाँति
  • एक वयोवृद्धा की भाँति
  • एक बूढ़े पेड़ की तरह
  • एक बूढ़े पेड़ की तरह

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लेखक के मन में बस के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा के भाव क्यों आए?

  • क्योकि वह लोगों का हित चाहता था।
  • क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी।
  • क्योंकि वह जानता नहीं था कि बस खराब है।
  • क्योंकि वह जानता नहीं था कि बस खराब है।


B.

क्योंकि वह केवल अपने लाभ हेतु बस चला रहा था। लोगों की जान की परवाह उसे नहीं थी।

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‘बस की यात्रा’ कैसा लेख है?

  • विचारात्मक
  • आत्मकथा        
  • व्यंग्यात्मक
  • व्यंग्यात्मक

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