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सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें। शेयर करें August 02, 2022 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! हिस्टेरेक्टॉमी क्या है? हिस्टेरेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो कि आमतौर पर गर्भाशय को निकालने के लिए की जाती है। इसका प्रयोग अन्य प्रजनन अंगों को निकालने के लिए भी किया जा सकता है, जो कि डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। गर्भाशय को हटाने के कई सारे कारण हो सकते हैं जैसे कैंसर, संक्रमण, रसौली, एंडोमेट्रियोसिस आदि। गर्भाशय के किसी एक भाग को निकालने की प्रक्रिया को रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। यह सर्जरी तीन जगह से की जा सकती है पेट, योनि और लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी। योनि द्वारा की जाने वाली हिस्टेरेक्टॉमी (वैजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी) को आमतौर पर एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी से अधिक सही माना जाता है। आजकल लेप्रोस्कोपी का प्रयोग किया जाता है, जिसमें एक ट्यूब से कैमरा जुड़ा होता है, जो कि शरीर के अंदर जाकर गर्भाशय जैसे अंगों को स्क्रीन पर दिखाता है। इसे लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। ऐसे कुछ जोखिम और जटिलताएं हैं, जो कि सर्जरी के बाद या दौरान हो सकते हैं जैसे रक्त वाहिकाओं में चोट और दोबारा कभी गर्भवती नहीं बन पाना। सर्जरी के घाव को ठीक होने में छह से आठ हफ़्तों का समय लगेगा और यह बेहद सफल सर्जरी मानी जाती है। महिला के प्रजनन अंगों में भिन्न अंग शामिल हैं जैसे गर्भाशय/बच्चादानी, ओवरी (गर्भाशय के दोनों तरफ मौजूद अंग जिसमें महिलाओं के हार्मोन व अण्डे बनते हैं), फैलोपियन ट्यूब (गर्भाशय के दोनों तरफ मौजूद पतली ट्यूब जो कि ओवरी को जोड़ती है और ओवरी से गर्भाशय में अंडे को जाने में मदद करती है), गर्भाशय ग्रीवा और योनि (एक ट्यूब जो कि मांसपेशियों से बनी होती है और बाहर से गर्भाशय ग्रीवा द्वारा जुड़ी होती है)। हिस्टेरेक्टॉमी एक प्रक्रिया है, जिसमें सर्जन आमतौर पर गायनेकोलॉजिस्ट (ऐसे डॉक्टर जो महिला के प्रजनन अंगों से जुड़े रोगों की विशेषज्ञ होते हैं) द्वारा किया जाता है। जिसमें गर्भाशय के साथ या बिना प्रजनन अंगों जैसे गर्भाशय ग्रीवा, ओवरी, फैलोपियन ट्यूब को निकाला जाता है। ऐसे में या तो पूरी बच्चेदानी निकाली जाती है, जिसे टोटल हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है या फिर इसके कुछ भाग को शरीर में ही छोड़ दिया जाता है, जिसे सबटोटल हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। सर्जरी उस स्थिति पर निर्भर करती है, जिसका इलाज किया जाना है। हिस्टेरेक्टॉमी के बाद महिला कभी गर्भवती नहीं हो पाएगी और इसके साथ ही उसे कभी मासिक धर्म या पीरियड्स नहीं होंगे।
गर्भाशय हटाने का ऑपरेशन के डॉक्टर गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन क्यों किया जाता है
गर्भाशय या बच्चेदानी को किसी भी महिला के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण प्रजनन अंग माना जाता है। ऐसे कई सारे कारण है जिनकी वजह से यह क्षति हो सकती है। साथ ही गर्भाशय या बच्चादानी में हुई क्षति को ठीक करने के लिए कई सारे ट्रीटमेंट मौजूद हैं, लेकिन कभी-कभी ये ट्रीटमेंट कार्य नहीं कर पाते हैं। जब कोई भी ट्रीटमेंट काम नहीं आता है, तो सर्जरी द्वारा निकालना ही आखिरी विकल्प माना जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी की जरूरत निम्न कारणों से होती है -
गर्भाशय निकालने की सर्जरी क्यों की जाती है?
बच्चेदानी निकालने का ऑपरेशन कैसे किया जाता हैहिस्टेरेक्टॉमी कैसे की जाती है? हिस्टेरेक्टॉमी पेट से भी की जा सकती है, जिसे एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है या फिर इसे योनि के द्वारा भी किया जा सकता है जिसे वजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी कहा जाता है। स्थिति के प्रकार और गंभीरता के अनुसार या तो बच्चेदानी को पूरी तरह से निकाला जाएगा या फिर इसके एक भाग को ही अलग किया जाएगा। हिस्टेरेक्टॉमी का खर्च 18000 रुपये से लेकर 2,30,000 रुपये तक आ सकता है। यह खर्चा इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह के अस्पताल में जा रहे हैं और साथ ही ऑपरेशन के लिए किस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी के लिए एब्डोमिनल हिस्टेरेक्टॉमी से अधिक खर्चा आता है। हिस्टेरेक्टॉमी के लिए निम्न तकनीकों का प्रयोग किया जाता है - एब्डोमिनल (पेट) हिस्टेरेक्टॉमी - इसका चयन आमतौर पर तब किया जाता है, जब बच्चेदानी का आकार बड़ा होता है। सर्जरी के दौरान लगाया गया चीरा इतना बड़ा हो कि उसमें से बच्चेदानी को निकाला जा सके। इसे ओपन सर्जरी भी कहा जाता है, क्योंकि गर्भाशय को निकालने के लिए पूरा खोला जाता है। यह प्रक्रिया निम्न तरह से की जाती है -
वजाइनल हिस्टेरेक्टॉमी - यह एक आसान और सामान्य तौर पर प्रयोग में लाया जाने वाला तरीका है जिसका प्रयोग गर्भाशय के साथ-साथ गर्भाशय ग्रीवा और फैलोपियन ट्यूब को निकालने के लिए भी किया जाता है। इसमें अंडाशय को भी निकाला जा सकता है, लेकिन उसमें कठिनाई आती है। यह प्रक्रिया निम्न तरह से की जाती है -
लेप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी - इस सर्जरी में किसी भी अंग को होने वाली क्षति की आशंका सबसे कम होती है। यह एक ओपन सर्जरी नहीं है। यह गर्भाशय को निकालने के लिए पेट व योनि दोनों तरह से की जा सकती है। लप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टॉमी निम्न प्रक्रिया द्वारा की जाती है -
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद सावधानियांसर्जरी के बाद आपको फिर से शारीरिक गतिविधियों में लौटने में और पूरी तरह से ठीक होने में छह से आठ हफ्ते का समय लगेगा। तब तक आपको स्वयं का और घाव का निम्न तरह से ठीक प्रकार ध्यान रखना है -
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद खतरे और जटिलताएंऐसी कुछ बातें हैं जिनके बारे में आपको सर्जरी के बाद सावधानी बरतनी होगी। इन्हें निम्न तरह से बताया गया है -
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद डॉक्टर से फॉलो अपहिस्टेरेक्टॉमी के बाद खतरे और जटिलताएं
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद फॉलो अपआपकी सर्जरी की प्रगति का पता लगाने के लिए और स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए डॉक्टर फॉलो अप अपॉइंटमेंट रखते हैं। सर्जरी के आधार पर निर्भर करते हुए कुछ विशेष टेस्ट भी किए जा सकते हैं, जिनमें रिकवरी की जांच की जाएगी। आपको किसी भी तरह के जोखिम से बचाने के लिए ऐसा किया जाता है। हिस्टेरेक्टॉमी के बाद आपको डॉक्टर के बताए अनुसार उनसे मिलने जाना होगा। आपको सर्जरी के बाद टांकें हटाने के लिए डॉक्टर के पास जाना होगा जो कि आमतौर पर सर्जरी के 15 दिन बाद किया जाता है। आप अपना ध्यान किस प्रकार से रख सकते हैं इसके बारे में डॉक्टर आपको बताएंगे ताकि आप जल्दी से ठीक होकर अपनी सामान्य दिनचर्या व गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकें। शहर के ऑब्स्टट्रिशन एंड गयनेकोलॉजिस्ट खोजें
सर्जरी की लागत
गर्भाशय हटाने का ऑपरेशन के डॉक्टरसंदर्भ
सम्बंधित लेखबच्चेदानी निकालने के बाद होने वाली नुकसान क्या है?Women health: क्या होता है जब महिला के शरीर से निकालना पड़ता है यूट्रस, क्या-क्या होते हैं Side effects. संक्रमण का खतरा ... . दर्द का अहसास होना ... . आसपास के अंगों में चोट लगना ... . एनीमिया की संभावना ... . जल्दी मीनोपॉज आना ... . योनि को होता है नुकसान ... . कैंसर का रिस्क बढ़ाए ... . दर्दनाक सेक्स. बच्चेदानी के ऑपरेशन के बाद कितने दिन बाद काम करना चाहिए?अलग-अलग महिला के लिए बच्चेदानी का ऑपरेशन के बाद का रिकवरी टाइम अलग-अलग हो सकता है। आमतौर पर महिला 6 सप्ताह के भीतर पूरी तरह से रिकवर हो जाती है।
गर्भाशय हटाने की सर्जरी के दुष्प्रभाव क्या हैं?फिजिकल साइड इफेक्ट्स. अत्यधिक ब्लीडिंग रिकवरी पीरियड के दौरान महिला योनि से रक्तस्त्राव देख सकती है। ... . सूजन और जलन गर्भाशय हटाने की सर्जरी के बाद श्रोणि क्षेत्र या चीरे के पास सूजन और जलन की समस्या हो सकती है। ... . रजोनिवृत्ति ... . पेल्विक अंगो का प्रोलैप्स होना ... . एनेस्थीसिया का प्रभाव ... . पेल्विक फ्लोर डिसफंक्शन ... . ब्लीडिंग ... . इन्फेक्शन. गर्भाशय निकालने के लिए कौन सी सर्जरी सबसे अच्छी है?गर्भाशय हटाने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी सबसे अच्छी उपचार विधि है। इस प्रक्रिया में छोटा कट होने के कारण महिला को रिकवर होने में कम समय लगता है। जटिलता होने की बहुत कम संभावना, कोई रक्तस्त्राव नहीं, अंगों को कोई नुकसान न होना आदि इसके कुछ अन्य फायदे हैं।
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