अलमारी को छत्तीसगढ़ी में क्या कहते हैं? - alamaaree ko chhatteesagadhee mein kya kahate hain?

रायपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला इन दिनों अधिकारियों की महत्वकांक्षा पूरी करने का गढ़ बना हुआ है। यहां पदस्थ अधिकारी शासकीय विभाग में सामानों की आपूर्ति छत्तीसगढ़ के पोर्टल e Manec को दरकिनार करते हुए GEM पोर्टल से कर की जा रही है। हैरत की बात यह है कि अधिकारी बाजार से करीब 7 गुना से ज्यादा कीमत पर सामानों की खरीदी कर रहे हैं।

क्या है e Manec पोर्टल

ई-मानक छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय खरीदी के लिये सुगम एवं सुविधायुक्त ऑनलाइन क्रय पोर्टल Chhattisgarh e-Procurment System है। यहां राज्य शासन के समस्त शासकीय विभाग/निगम/मंडल/ स्थानीय निकायों आदि द्वारा वस्तुओं की खरीदी की जा सकती है। जिसकी दरें सीएसआईडीसी द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

अलमारी को छत्तीसगढ़ी में क्या कहते हैं? - alamaaree ko chhatteesagadhee mein kya kahate hain?

मगर बस्तर में शासकीय विभागों में कार्यरत अधिकारी शासन की मंशा पर पानी फेरते हुए GEM पोर्टल से महंगे सामनों की खरीदी कर सरकारी खजाने को लूटा रहे हैं।

देखें किस तरह हो रही है लूट

यहां बस्तर के कुछ विभागों में पदस्थ अधिकारी विभागों के लिए सामान बाज़ार भाव से 7गुना दाम में खरीद रहे हैं। उदाहरण के तौर पर एक अलमारी की बाजार में कीमत 8 हजार रुपए है तो सरकार उसे 44000 रुपए में खरीद रही है वह भी नॉन ब्रांडडेड। आपको बता दें कि इस प्रोडक्ट मे सबसे महँगा सामान गोदरेज का 25000 रुपए में आता है।

कर्मठता ऐसी कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय अवकाश में हुए कई ऑर्डर जारी

स्वास्थ्य विभाग नारायणपुर और ट्राइबल विभाग दंतेवाड़ा में पदस्थ अधिकारियों को सामान आपूर्ति करने की इतनी जल्दी थी कि राष्ट्रीय अवकाश के दिन याने 26 जनवरी को भी वे काम करते नजर आए। वह भी ध्वजारोहण के ठीक 20 मिनट बाद ही GEM Portal पर कई सारे ऑर्डर जारी कर दिए गए।

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31 दिसंबर देर रात 12ः12 बजे खरीदी आदेश हुआ जारी

शासकीय विभागों में काम करने वाले अधिकारी 5 बजते ही अपने विभाग से अधिकांशतः नदारद मिलते हैं। मगर बस्तर में काम करने वाले अधिकारी रात 1.00 भी काम करते हैं। टीआरपी के पास पुख्ता सबूत हैं। दंतेवाड़ा ट्राइबल विभाग द्वारा 31 दिसंबर की रात 12ः12 बजे करीब 1 करोड़ के सीसीटीवी कैमरे का
ऑर्डर जारी कर दिया गया। जिसका बाजार भाव 21 लाख रुपए है।

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रात एक बजे अप्रूवल और ऑर्डर देते हैं अधिकारी

कोंडागांव के स्वास्थ्य विभाग में 31 दिसंबर की देर रात जब हम नव वर्ष सेलीब्रेट कर रहे थे वहीं अधिकारी सप्लायरों को रात एक बजे अप्रूवल और ऑर्डर दे रहे थे। इस दौरान 800 रुपए में मिलने वाली मेडिकल स्टूल को 4800 रुपए में खरीदा गया। विभाग ने इस रात एक बजे 15 स्टूल 67,000 रुपए में खरीदा।

Astro Tips: वास्तु शास्त्र में घर में रखी हर एक वस्तु पर जोर दिया गया है। घर के सभी कोने अहम होते हैं। वास्तु शास्त्र में घर के सभी कोने और वहां रखी हर चीज काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। घर में अक्सर हम सामान को अपने हिसाब से रख देते हैं लेकिन वास्तु जानकारों का कहना है कि अगर घर के सामान को सही दिशा और सही जगह पर रख लिया जाए तो सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं। वहीं घर की अलमारी को लेकर भी वास्तु में कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों को ध्यान में रखते हुए अलमारी में चीजें रखी जाए तो आपको काफी शुभ परिणाम मिल सकते हैं। वास्तु जानकारों के अनुसार अगर अलमारी में इन शुभ चीजों को रख लिया जाए तो घर में धन और खुशियों का आगमन होता है।

अलमारी में रखें ये चीजें

- वास्तु के अनुसार अलमारी में अखंडित भोजपत्र रखें। इस दौरान इस भोजपत्र पर लाल चंदन और मोरपंख से श्री लिखें और इसे अपनी तिजोरी में रख लें। इस उपाय को करने से तिजोरी में रखा पैसा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।

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- घर की अलमारी में हल्दी की गांठ बहुत लाभकारी होती है। इस उपाय को करने के लिए एक नीले रंग के कपड़े में हल्दी की गांठ को बांध दें। इसके साथ ही कुछ कौड़ियां, चांदी या तांबे के सिक्कों को भी आसपास रखने से विशेष लाभ मिलता है। ज्योतिष के अनुसार पीले चावलों को तिजोरी में रख सकते हैं। इससे धन, वैभव और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

- इसके अलावा तिजोरी में अगरबत्ती, चंदन की बट्टी या इत्र की शीशी रखी जा सकती है। ऐसा करने से तिजोरी में खुशबू बनी रहेगी। इसके साथ ही आप पीतल या तांबे के सिक्के, पीली कौड़ी व दक्षिणावर्ती शंख भी रख सकते हैं। इसे रखने से व्यक्ति को दोगुना लाभ होने लगता है।

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- घर की अलमारी में श्रीफल या पूजा की सुपारी को भी रखा जा सकता है। ज्योतिष में छोटी सुपारी को गणेश या गौरी का रूप माना जाता है। ऐसे में आप इसे अलमारी में रखकर मां लक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।

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डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'

छत्तीसगढ़ी में भिंडी को क्या बोलते हैं?

भिण्डी एक फल है। इसका वृक्ष लगभग १ मीटर लम्बा होता है। बनारस में इसे 'राम तरोई' कहते हैं और छत्तीसगढ में इसे 'रामकलीय' कहते हैं

छत्तीसगढ़ी शब्द अलकरहा का हिंदी अर्थ क्या है?

' (अनपेक्षित मारा यार) 'अलकरहा हस जी तैं ह!' (बेढंगे हो जी तुम) का प्रयोग छत्तीसगढ़ी में होता है. शब्दकोश शास्त्री बतलाते हैं कि यह शब्द विशेषण हैं जो अलकर के साथ 'हा' प्रत्यय लगकर बना है. शब्दार्थ है अनपेक्षित, बेढंगा,बेतुका (Awkward, Absurd).

धन्यवाद को छत्तीसगढ़ी भाषा में क्या कहते हैं?

धन्यवाद माने आभार व्यक्त करई। छत्तीसगढ़ी म कोनो हमर बर हने बुता करथे त सिरिफ आभार भर व्यक्त नइ करन, संग म वोला सुभकामना घलो देथन। वोला कहिथन- बने करे जी, भगवान तोर भला करय या तोर भला होय, तोर जस होय आदि आदि।

छत्तीसगढ़ी में लड़का को क्या कहते हैं?

जैसे- लड़का (पुरूष), लड़की (स्त्री), आदमी (पुरूष), औरत (स्त्री)। नोट :- छत्तीसगढ़ी बोली में कुछ संज्ञाएं उभयलिंग में प्रयुक्त होते हैं पर नपुसंक लिंग नहीं होते हैं। पुल्लिग — जिस संज्ञा शब्द से उसके पुरूष जाति होने का बोध होता है, उसे पुल्लिग कहते हैं