अलंकार क्या है अलंकार की परिभाषा? - alankaar kya hai alankaar kee paribhaasha?

अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना हैं -'अलम्' तथा 'कार'  'अलम्' का अर्थ है-सजावट। अर्थात् जो अलंकृत या भूषित करे वही अलंकार है। जिस प्रकार आभूषण शरीर की शोभा बढ़ाते हैं यानी की आभूषन शारीर का अलंकार हैं, वैसे ही अलंकार के प्रयोग से काव्य में चमत्कार, सौन्दर्य और आकर्षण उत्पन्न हो जाता है। 

Show

इस लेख में हमने सभी अलंकार व उनके उनके उदाहरणो को दिया हैं, जिससे आपको अलंकारों को पहचानने व याद रखने में आसनी होगी.

अलंकार क्या है अलंकार की परिभाषा? - alankaar kya hai alankaar kee paribhaasha?

अलंकारों की परिभाषा तथा उदाहरण को ध्यानपूर्वक पढ़े और इनका अभ्यास करें | 

Reed Now - हिंदी लोकोक्तियों अथवा कहावते

अलंकार के प्रकार (अलंकार के भेद )

  • अनुप्रास अलंकार
  • यमक अलंकार
  • श्लेष अलंकार
  • उपमा अलंकार
  • उत्प्रेक्षा अलंकार
  • अतिशयोक्ति अलंकार
  • व्यतिरेक अलंकार
  • विरोधाभास अलंकार
  • दृष्टान्त अलंकार
  • काव्य अलंकार
  • विशेषोक्ति अलंकार
  • अर्थान्तरन्यास अलंकार
  • वक्रोक्ति अलंकार
  • अन्योक्ति अलंकार
  • विशेषोक्ति अलंकार

अनुप्रास अलंकार क्या हैं ? अनुप्रास अलंकार उदाहरण |

अनुप्रास-जहाँ एक ही वर्ण की आवृत्ति बार-बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। 

जैसे-

मुदित महीपति मन्दिर आये। 

सेवक सचिव सुमंत बुलाये। 

इस चौपाई में पूर्वाद्ध में म की और उत्तरार्द्ध में स की तीन बार आवृत्ति हुई है। 

अनुप्रास के पाँच भेद हैं-

  • छेकानुप्रास
  • व्रत्यानुप्रास
  • श्रुत्यानुप्रास
  • अन्त्यानुप्रास 
  • लायानुप्रास

यमक अलंकार क्या हैं ? यमक अलंकार उदाहरण |

यमक-जहाँ एक शब्द की आवृत्ति दो या दो से अधिक बार होती है, परन्तु उनके अर्थ अलग-अलग होते हैं, वहाँ यमक अलंकार होता है; जैसे 

कनक, कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाया वा खाये बौराए नर, या पाए बौराय 

यहाँ कनक शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है, दोनों के अर्थ भिन्न-भिन्न हैं-धतूरा और सोना।

श्लेष अलंकार क्या हैं ? श्लेष अलंकार उदाहरण |

श्लेष-जहाँ एक शब्द का एक ही बार प्रयोग होता है, परन्तु उसके अर्थ अनेक होते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है; जैसे 

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। 

पानी गए न ऊबर, मोती मानुष चून। 

इस उदाहरण में 'पानी' के तीन अर्थ हैं-चमक (मोती के लिए), प्रतिष्ठा (मनुष्य के लिए) तथा जल (आटे के लिए)। 

उपमा अलंकार क्या हैं ? उपमा अलंकार उदाहरण |

उपमा-जहाँ दो वस्तुओं के बीच समानता का भाव व्यक्त किया जाता है, वहाँ उपमा अलंकार होता है; 

जैसे-हरि पद कोमल कमल से (भगवान के चरण कमल के समान कोमल हैं।) 

इन्हें पढ़े - हिंदी मुहावरे और उनके प्रयोग

रूपक अलंकार क्या हैं ? रूपक अलंकार उदाहरण |

रूपक-जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप करके उनकी एकरूपता का प्रतिपादन किया जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है। यहाँ पर उपमेय उपमान का रूप धारण कर लेता है। जैसे-

चरण कमल बन्दी हरि राई। इसमें 'चरण' (उपमेय) पर 'कमल' (उपमान) का आरोप हुआ है। 

अतः यहाँ रूपक अलंकार है।

Reed Now - हिंदी मुहावरे और उनके प्रयोग

उत्प्रेक्षा अलंकार क्या हैं ? उत्प्रेक्षा अलंकार उदाहरण |

उत्प्रेक्षा-जहाँ पर उपमेय में उपमान की सम्भावना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसमें प्रायः मनु, जनु, मानो, जानो, निश्चय जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे 

सोहत ओढ़े पीत पट श्याम सलोने 

गाता मनो नीलमनि-सैल पर, आतपु पर्यो प्रमात |

श्रीकृष्ण पीताम्बर पहने हुए हैं। उनके शरीर को देखकर ऐसा लगता है (मानो) नील पर्वत पर प्रभात के सूर्य का (पीले रंग का) प्रकाश पड़ रहा हो। यहाँ उपमेय (श्रीकृष्ण) में उपमान (नील पर्वत पर सूर्य का प्रकाश) की सम्भावना की गयी है। यह मनो शब्द से प्रकट हो रहा है। 

अतिशयोक्ति अलंकार क्या हैं ? अतिशयोक्ति अलंकार उदाहरण |

अतिशयोक्ति-जहाँ किसी वस्तु का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है; जैसे 

अब जीवन की है कपि न कोय। 

कनगुरिया की मुंदरी कंगना होय॥ 

व्यतिरेक अलंकार क्या हैं ? व्यतिरेक अलंकार उदाहरण |

व्यतिरेक-जहाँ उपमेय को उपमान से बढ़ाकर या उपमान को उपमेय से घटाकर वर्णन किया जाता है, वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है; 

जैसे संत हृदय नवनीत समाना, 

कहा कविन पै कहन न जाना।

इन्हें पढ़े - अनुवाद क्या है ? प्रकार और विशेषताए 

विरोधाभास अलंकार क्या हैं ? विरोधाभास अलंकार उदाहरण |

विरोधाभास-जहाँ विरोध न होते हुए भी विरोध का आभास किया जाये वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है; जैसे -

अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहिं कोई। 

ज्यों-ज्यों बूड़े श्याम रंग, त्यों-त्यों उज्ज्वल होई। 

यहाँ कहा गया है कि श्याम रंग (काले रंग) अर्थात् श्रीकृष्ण की भक्ति में मन जितना अधिक दूबता है, उतना ही अधिक उज्ज्वल होता जाता है। 

दृष्टान्त अलंकार क्या हैं ? दृष्टान्त अलंकार उदाहरण |

दृष्टान्त-जहाँ उपमेय, उपमान और साधारण धर्म का बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव होता है, वहाँ दृष्टांत अलंकार होता है। जैसे 

बस बुराई जासु तन, ताही को सन्मान। 

भलो भलो कहि छोड़िए, खोटे ग्रह जप दान।। 

काव्य अलंकार क्या हैं ? काव्य अलंकार उदाहरण |

काव्य लिंग-जहाँ पर युक्ति द्वारा कारण देकर पद वाक्य के अर्थ का समर्थन किया जाए वहाँ काव्यलिंग अलंकार होता है; जैसे-

श्याम गौर किमि कहाँ बखानी। 

गिरा अनयन नयन विनु बानी।

अर्थान्तरन्यास अलंकार क्या हैं ? अर्थान्तरन्यास अलंकार उदाहरण |

अर्थान्तरन्यास-जहाँ किसी सामान्य कथन का विशेष कथन से अथवा विशेष कथन से सामान्य कथन का समर्थन किया जाए, वहाँ अर्थान्तरन्यास अलंकार होता हैं | 

जैसे-

बड़े न हुजे गुनन बिनु, बिरद बड़ाई पाय। 

कहत धतूरे सों कनक, गहनो गढ़ो न जाय | 

वक्रोक्ति अलंकार क्या हैं ? वक्रोक्ति अलंकार उदाहरण |

वक्रोक्ति-जहाँ सुनने वाला, वक्ता के शब्दों का मूल आशय से भिन्न अर्थ लगाता है, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार के दो भेद हैं 

(1) काकू-वक्रोक्ति-जहाँ बोलने वाले की बात का कण्ठ ध्वनि के कारण सुनने वाला भिन्न अर्थ लगाता है, वहाँ यह अलंकार होता है जैसे 

अरे कुलाधमराज तैं, राम! राम कहाँ क्रोधि। 

सत्य कुलाघमराज हम, विप्र अस्व धरि सोधि। 

(2) श्लेष-वक्रोक्ति-जहाँ सुनने वाला जान बूझकर अन्य अर्थ लेकर उत्तर देता है, वहाँ यह अलंकार होता है; जैसे

मेरे मन तुम बसति हो, मैं न कियो अपराध। 

तुम्हें दोष को देत हरि, है यह काम असाध। 

अन्योक्ति अलंकार क्या हैं ? अन्योक्ति अलंकार उदाहरण |

अन्योक्ति-जहाँ किसी प्रस्तुत वस्तु का वर्णन न करके उसके समान किसी अन्य वस्तु का वर्णन किया जाए अर्थात् प्रस्तुत वस्तु का प्रतीकों के माध्यम से वर्णन किया जाए, वहाँ अन्योक्ति अलंकार होता है जैसे-

नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहि विकास इहि काल। 

अली कली ही सौं विंध्यौं, आगे कौन हवाल। 

इन पंक्तियों में भ्रमर और कली के प्रतीकों के माध्यम से राजा जयसिंह को सचेत किया गया है, इसलिए अन्योक्ति अलंकार है। 

अलंकार क्या है इसकी परिभाषा?

अलंकार (Figure of Speech) परिभाषा: अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

अलंकार किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?

अलंकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- शब्दालंकार : जहाँ शब्दें में अलंकार हो। अलंकार में शब्द विशेष को बदल दिया जाए तो अलंकार नहीं रह पाएगा। अर्थालंकार : जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हो, वहां अर्थालंकार होता है। इस अलंकार में शब्दों के परिवर्तन कर देने पर भी अर्थ में बदलाव नहीं आता है।

अलंकार क्या है अलंकार के प्रकार?

अलंकार के प्रकार एवं उदाहरण.
शब्दालंकार.
अर्थालंकार.
उभयालंकार.
श्लेष अलंकार.
रूपक अलंकार.
यमक अलंकार.
उत्प्रेक्षा अलंकार.
अतिशयोक्ति अलंकार.

अलंकार कितने प्रकार के होते हैं Class 12?

अलंकार Alankar के दो भेद होते हैं—(क) शब्दालंकार तथा (ख) अर्थालंकार।