आय के चक्रीय प्रवाह में अंतक्षेपन या भरण क्या है? - aay ke chakreey pravaah mein antakshepan ya bharan kya hai?

विषयसूची

  • 1 आय के चक्रीय प्रवाह का क्या अर्थ है?
  • 2 आय के चक्रीय प्रवाह में अंतक्षेपन या भरण क्या है?
  • 3 आय के चक्रीय प्रवाह क्या है इसको प्रभावित करने वाले तत्वों का वर्णन किजिए?
  • 4 आय का प्रभाव क्या है?
  • 5 प्रवाह कितने प्रकार के होते हैं?
  • 6 मांग की लोच से आप क्या समझते हैं?
  • 7 निम्न में कौन आर्थिक क्रिया का चक्रीय प्रवाह है?

आय के चक्रीय प्रवाह का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंआय का परिपत्र प्रवाह अर्थशास्त्र का एक मॉडल है। यह मॉडल अर्थव्यवस्था के प्रमुख बाजारों मे होने वाले लेन-देन को आर्थिक एजेंटों के बीच के पैसे एव्ं माल और सेवाओं के प्रवाह के रूप में दार्शाता है। इसके अभिन्न भाग है – राजनीतिक अर्थव्यवस्था की आलोचना, जॉन मेनार्ड कीन्स की “जनरल थ्योरी”, ब्याज और पैसा, आदि।

इसे सुनेंरोकेंउपभोक्ता उत्पादकों द्वारा उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं को पैसे के लिए खरीदते हैं, जिससे आय उत्पन्न होती है। और इसलिए, प्रक्रिया में उत्पन्न आय एक परिपत्र गति में चलती है। इसे आय का चक्रीय प्रवाह कहते हैं।

समग्र मांग क्या व्यक्त करती है?

इसे सुनेंरोकेंसमग्र मांग को उन वस्तुओं और सेवाओं पर एक विशिष्ट मूल्य स्तर और समय पर खर्च की गई कुल राशि के रूप में व्यक्त किया जाता है । कुल मांग में सभी उपभोक्ता सामान, पूंजीगत सामान (कारखाने और उपकरण), निर्यात, आयात और सरकारी खर्च शामिल हैं।

आय के चक्रीय प्रवाह में अंतक्षेपन या भरण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआय का अन्तःक्षेपण (Injection of Income)-आय का अन्तः क्षेपण आय में होने वाली वह वृद्धि है जो चक्रीय प्रवाह में बाहर से किसी और स्रोत द्वारा होती है। आय का अन्तःक्षेपण अर्थव्यवस्था में आय सृजन प्रक्रिया में वृद्धि करता है।

सामूहिक मांग क्या है?

इसे सुनेंरोकेंसामूहिक मांग का आशय एेसी वस्तुओं से है, जिनको एक से अधिक उपयोगों में लगाया जा सकता है। जैसे कोयला व बिजली, सामूहिक मांग के उदाहरध हो सकते हैं, क्योंकि इनका प्रयोग विभिन्न कामों में हो सकता है।

आय के चक्रीय प्रवाह क्या है इसको प्रभावित करने वाले तत्वों का वर्णन किजिए?

इसे सुनेंरोकेंआय का परिपत्र प्रवाह के चरण परिपत्र प्रवाह के तीन चरण – उत्पादन, उपभोग व्यय और आय की सृष्टि हैं। यह तीन एक अर्थव्यवस्था के अंतहीन बुनियादी आर्थिक गतिविधियों हैं। उत्पादन आय को जन्म देता है, आय वस्तुओं और सेवाओं के लिए मांग को जन्म देता है, ऐसी मांग व्यय को जन्म देता है और व्यय अधिक उत्पादन के लिए प्ररणा बनता है।

आय का चक्रीय प्रवाह के कितने क्षेत्र होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंआय के चक्रीय प्रवाह का चार क्षेत्रीय माॅडल – में चार क्षेत्र होते है। परिवार तथा व्यावसायिक फर्में, सरकार, शेष विश्व क्षेत्र और पूँजी बाजा़र। यह क्षेत्रीय माॅडल खुली अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। इसमें विदेशी क्षेत्र या शेष विश्व क्षेत्र को भी सम्मिलित किया जाता है।

आय का प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंआय प्रभाव एक शब्द है जिसका उपयोग उपभोक्ता की आय में परिवर्तन के कारण किसी उत्पाद या सेवा की मांग में परिवर्तन को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। यह परिवर्तन मौजूदा आय के कारण वेतन या वेतन में वृद्धि के अधीन है।

आय का प्रभाव क्या है आय के प्रभाव के प्रकार बताओ?

इसे सुनेंरोकेंआय प्रभाव उपभोक्ता की पसंद के सिद्धांत का एक हिस्सा है जो उपभोक्ता के उपभोग व्यय में परिवर्तन की व्याख्या करता है जो प्रभावित करता हैमांग वक्र. आय बढ़ने पर उपभोक्ता की महत्वपूर्ण वस्तुओं की मांग बढ़ेगी। ध्यान दें कि आय प्रभाव और प्रतिस्थापन प्रभाव आर्थिक अवधारणाएं हैं जो उपभोक्ता पसंद सिद्धांत का एक हिस्सा हैं।

प्रवाह कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस प्रकार वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह (वास्तविक प्रवाह) एक दिशा में होते हैं तो दसरी ओर मौद्रिक भुगतान के रूप में प्रवाह (मौद्रिक प्रवाह) होते हैं। ये एक साथ मिलकर चक्रीय प्रवाह कहलाते हैं। वास्तविक प्रवाह : भूमि, श्रम, पूंजी और उद्यम के स्वामी के रूप में परिवार अपनी साधन सेवाएं फर्मों को प्रदान करते हैं।

अर्थशास्त्र के कितने क्षेत्र होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवर्तमान में अर्थशास्त्र का अध्ययन दो भागों में किया जाता है-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र।

मांग की लोच से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकिसी वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप उस वस्तु की माँगी गई मात्रा में होने वाले परिवर्तन की माप को ही माँग की लोच कहा जाता है। अर्थशास्त्र में माँग का नियम एक महत्त्वपूर्ण नियम है जो किसी वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के परिणामस्वरूप उस वस्तु की माँग में होने वाले परिवर्तन की दिशा को बताता है।

आय के चक्रीय प्रवाह क्या है इसके प्रभावित करने वाले तत्व का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसरकारी क्षेत्र से प्राप्त आय व्यापार और घरेलू क्षेत्र को जाती है वस्तुओं और सेवाओं की सरकारी खरीदारी के भुगतान और उतरे और हस्तांतरण भुगतान के रूप में। हर भुगतान यह की एक रसीद है जिससे एक अर्थव्यवस्था के व्यय, कुल आय के समान रहता है और इस परिपत्र प्रवाह को अंतहीन बनाता है।

निम्न में कौन आर्थिक क्रिया का चक्रीय प्रवाह है?

इसे सुनेंरोकेंचक्रीय प्रवाह के विश्लेषण के आधार पर हम तथा उसके विभिन्न अवयवों जैसे तथा उनके सापेक्षिक अंश का ज्ञान कर पाते है । इस प्रकार के विश्लेषण का आर्थिक नीतियों के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण योगदान होता है । सरकारी बचत ( पर प्रकाश डालता है । इस प्रकार का विश्लेषण अर्थव्यवस्था में बचत के विश्लेषण में अत्यन्त ही उपयोगी है ।

हिक्स का प्रतिस्थापन प्रभाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयदि इसके बजाय, नई कीमतों द्वारा निर्धारित ढलान के साथ एक नई बजट रेखा पाई जाती है, लेकिन पुराने बंडल से गुजरने वाले उदासीनता वक्र के स्पर्शरेखा के साथ, स्पर्शरेखा के नए बिंदु और पुराने बंडल के बीच का अंतर हिक्स प्रतिस्थापन प्रभाव है ।

आय के चक्रीय प्रवाह में अंत क्षेपण या भरण क्या है?

Solution : आय का रिसाव (Leakage of Income)-यदि उत्पादन के साधन अपनी समस्त आय को देश में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं पर व्यय नहीं करते तो इसे आय का रिसाव कहा जाता है। <br> आय का अन्तःक्षेपण (Injection of Income)-आय का अन्तः क्षेपण आय में होने वाली वह वृद्धि है जो चक्रीय प्रवाह में बाहर से किसी और स्रोत द्वारा होती है।

आय के चक्रीय प्रवाह से आप क्या समझते हैं?

यह मॉडल अर्थव्यवस्था के प्रमुख बाजारों मे होने वाले लेन-देन को आर्थिक एजेंटों के बीच के पैसे एव्ं माल और सेवाओं के प्रवाह के रूप में दार्शाता है। एक क्लोज सर्किट में पैसे और माल के आदान-प्रदान का प्रवाह दिखाया जाता है जिसमे यह दो आर्थिक चरो का प्रवाह विपरीत दिशा में चलता हैं।

चक्रीय प्रवाह कितने प्रकार के होते हैं?

आय के चक्रीय प्रवाह का चार क्षेत्रीय माॅडल - में चार क्षेत्र होते है। परिवार तथा व्यावसायिक फर्में, सरकार, शेष विश्व क्षेत्र और पूँजी बाजा़र। यह क्षेत्रीय माॅडल खुली अर्थव्यवस्था को प्रदर्शित करता है। इसमें विदेशी क्षेत्र या शेष विश्व क्षेत्र को भी सम्मिलित किया जाता है।

चक्रीय प्रवाह के अंतर्गत निम्नलिखित में कौन शामिल है?

2.2 चक्रीय प्रवाह की अवधारणा चक्रीय प्रवाह की अवधारणा एक आर्थिक इकाई से दूसरी आर्थिक इकाई के बीच वास्तविक लेन-देन या मौद्रिक लेन-देन से संबंधित है। यह प्रवाह एक तरफा नहीं है बल्कि दो तरफा है। इसलिए इसे चक्रीय प्रवाह कहा जाता है।