पंचांग - 10 अक्टूबर 2022 - सोमवार Show तिथि - कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तिथि नक्षत्र योग सूर्य और चंद्रमा का समय अशुभ काल शुभ काल शुभ योग आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। 'वेबदुनिया' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए आज के दिन के विशिष्ट मुहूर्त। अगर आप आज वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं या आज कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं तो आज के शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें। ज्योतिष एवं धर्म की दृष्टि से इन मुहूर्तों का विशेष महत्व है। मुहूर्त और चौघड़िए के आधार पर 'वेबदुनिया' आपके लिए प्रतिदिन के खास मुहूर्त की सौगात लेकर आई है। प्रस्तुत हैं आज के मुहूर्त शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022 संवत्सर नाम-राक्षस अयन-दक्षिणायण मास-आश्विन पक्ष-शुक्ल ऋतु-शरद वार-मंगलवार तिथि (सूर्योदयकालीन)-नवमी नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराषाढ़ा योग (सूर्योदयकालीन)-अतिगण्ड करण (सूर्योदयकालीन)-कौलव लग्न (सूर्योदयकालीन)-कन्या शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक दिशा शूल-उत्तर योगिनी वास-पूर्व गुरु तारा-उदित शुक्र तारा-अस्त चंद्र स्थिति-मकर व्रत/मुहूर्त-दुर्गा नवमी यात्रा शकुन- दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें। आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:। आज का उपाय-देवी मंदिर में रक्त चंदन भेंट करें। वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं। (निवेदन-उपर्युक्त विवरण पंचांग आधारित है पंचांग भेद होने पर तिथि/मुहूर्त/समय में परिवर्तन होना संभव है।) -ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र Dev Uthani Ekadashi 2022 Date: देवउठनी एकादशी या देवोत्थान 2022, 4 नवंबर, दिन शुक्रवार को है. देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi 2022) कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होती है. इसे प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाता है और फिर कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन, चातुर्मास का समापन होता है. इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा
से जगते हैं और शुभ मांगलिक कार्य शुरू होते हैं. जानें देवउठनी (Dev Uthani Ekadashi 2022 Shubh Muhurat) एकादशी 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, नियम और महत्व. कादशी तिथि प्रारम्भ - नवम्बर 03, 2022 को शाम 07 बजकर 30 मिनट से शुरू एकादशी तिथि समाप्त - नवम्बर 04, 2022 को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर खत्म पारण (व्रत
तोड़ने का) समय - नवम्बर 05, 2022 को सुबह 06 बजकर 36 मिनट से 08 बजकर 47 मिनट तक पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय - 05:06 शाम तक है. देवउठनी एकादशी व्रत पूजा विधि (Dev Uthani Ekadashi Puja Vidhi)
देवउठनी एकादशी का महत्व (Significance of Dev Uthani Ekadashi)मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने वालों के पितृ मोक्ष को प्राप्त कर स्वर्ग में चले जाते हैं. एकादशी का व्रत करने वालों के पितृपक्ष के दस पुरुष, मातृपक्ष के दस पुरुष और दूसरे पितृजन बैकुण्ठवासी होते हैं. एकादशी का व्रत यश, कीर्ति , वैभव, धन, संपत्ति और संतान को उन्नति देने वाला है. Follow Us:
Share Via :Published Date Fri, Nov 4, 2022, 7:46 AM IST |