Shani Pradosh Vrat: शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का काफी महत्व होता है. हर महीने में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. आज 5 नवंबर 2022 को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. Show
प्रदोष का दिन जब सोमवार को आता है तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं, मंगलवार को आने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष कहते हैं और जो प्रदोष शनिवार के दिन आता है उसे शनि प्रदोष कहते हैं. प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारम्भ हो जाता है. जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ होते हैं तो उस समय को शिव पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि प्रदोष के समय शिवजी प्रसन्नचित मनोदशा में होते हैं. आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत का मुहूर्त, पूजा विधि. शनि प्रदोष व्रत समय (Shani Pradosh Vrat Timings & Shubh Muhurat) सम्बंधित ख़बरेंकार्तिक, शुक्ल त्रयोदशी प्रारम्भ - नवम्बर 05, शाम 5 बजकर 6 मिनट से शुरू समाप्त- नवम्बर 06, सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर समाप्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4 बजकर 51 मिनट से सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक विजय मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से शाम 2 बजकर 37 मिनट तक अमृत काल- शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 47 मिनट तक रवि योग- रात 11 बजकर 56 मिनट से नवम्बर 06, सुबह 6 बजकर 36 मिनट तक शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Shani
Pradosh Vrat puja vidhi) शनि
प्रदोष व्रत का महत्व (Shani Pradosh Vrat Significance) हिंदी न्यूज़ धर्मPradosh Vrat Kab Hai : प्रदोष व्रत आज, जानें पूजा- विधि, शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट Pradosh Vrat : हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भी भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं।Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 09 Aug 2022 05:27 AM हर माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भी भोले शंकर को ही समर्पित होते हैं। सावन के माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत डेट, महत्व, पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट.... प्रदोष व्रत डेट-
मुहूर्त-
प्रदोष काल-
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प्रदोष व्रत पूजा- विधि
प्रदोष व्रत पूजा- सामग्री
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22 अक्टूबर 2022, शनिवार को पंचांग के अनुसार प्रदोष काल का समय शाम 6 बजकर 2 मिनट से रात्रि 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल प्रारंभ होता है. इस समय भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं ऐसी मान्यता है.
प्रदोष काल का समय कितने बजे से कितने बजे तक है?प्रदोष व्रत प्रदोष काल में किया जाता है. प्रदोष काल का मतलब है सूर्यास्त के 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद. इस बार प्रदोष व्रत का मुहूर्त शाम 6 बजकर 35 मिनट से 8 बजकर 52 मिनट तक है.
प्रदोष टाइम कब होता है?हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है. किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है. इस महीना का पहला प्रदोष व्रत 7 अक्टूबर, शुक्रवार को पड़ रहा है.
2022 में प्रदोष काल कब है?Shani Pradosh Vrat 2022: इस बार 05 नवंबर के दिन प्रदोष व्रत किया जाएगा. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष. मान्यताओं के अनुसार , जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, उन लोगों की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
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