12 तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में जाड़े के मौसम में अधिक वर्षा क्यों होती है? - 12 tamilanaadu ke tateey pradeshon mein jaade ke mausam mein adhik varsha kyon hotee hai?

तमिलनाडु में शीत ऋतु में वर्षा होने का कारण क्या है?

  1. उत्तर-पूर्वी मानसून
  2. दक्षिण-पश्चिमी मानसून
  3. पश्चिमी अव्यवस्था
  4. तूफान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उत्तर-पूर्वी मानसून

तमिलनाडु में मानसूनी वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसी वर्षा अक्टूबर महीने से शुरु होती है और जनवरी मध्य तक रहती है।

MCQ

जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा किस कारण होती है?

Options

  • दक्षिण-पश्चिमी मानसून

  • उत्तर-पूर्वी मानसून

  • शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात

  • स्थानीय वायु परिसंचरण

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Solution

उत्तर-पूर्वी मानसून

Concept: मानसून जलवायु में एकरूपता एवं विविधता

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Chapter 4: जलवायु - अभ्यास [Page 58]

Q 1. (i)PrevQ 1. (ii)

APPEARS IN

NCERT Geography Class 11 [भूगोल - भारत: भौतिक पर्यावरण ११ वीं कक्षा]

Chapter 4 जलवायु
अभ्यास | Q 1. (i) | Page 58

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तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में जाड़े के मौसम में अधिक वर्षा क्यों होती है?

तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है। सर्दियों के समय देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें समुद्र की ओर बहती हैं। इसलिए देश के ज़्यादातर इलाकों में शुष्क मौसम होता है। तमिलनाडु का तट अधिकतम वर्षा इन्ही पवनों से प्राप्त करता है क्योंकि वहाँ ये पवनें समुन्द्र से स्थल की तरफ बहती है।

जाड़े में तमिलनाडु के तटीय भागों में वर्षा का क्या कारण है?

Answer: (i) जाड़े के आरंभ में तमिलनाडु के तटीय प्रदेशों में वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण होती है।

तमिलनाडु में वर्षा होने का क्या कारण है?

तमिलनाडु में मानसूनी वर्षा उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण होती है। ऐसी वर्षा अक्टूबर महीने से शुरु होती है और जनवरी मध्य तक रहती है।

तमिलनाडु में मुख्य वर्षा ऋतु कब होती है?

औसत वार्षिक वर्षा दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वोत्तर मॉनसून पर निर्भर है तथा यह मुख्यतः अक्टूबर से दिसंबर के बीच और प्रतिवर्ष 635 मिमी से 1,905 मिमी के बीच होती है।