ड्राइंग बोर्ड का आकार कैसा होता है ड्राइंग बोर्ड का आकार आयताकार होता है। एक ड्राइंग बोर्ड, अपने प्राचीन रूप में, एक प्रकार का बहुउद्देश्यीय डेस्क है जिसका उपयोग किसी भी तरह के ड्राइंग, लेखन या कागज की एक बड़ी शीट पर तत्काल स्केचिंग के लिए या बड़े प्रारूप की किताब या अन्य बड़े दस्तावेज़ को पढ़ने के लिए या सटीक प्रारूपण के लिए किया जा सकता है। हाल ही में, इंजीनियर और ड्राफ्ट्समैन स्याही या
पेंसिल से कागज पर चित्र बनाने और संशोधित करने के लिए ड्राइंग बोर्ड का उपयोग करते हैं। समानांतर, लंबवत या तिरछी रेखाएँ खींचने के लिए इस पर विभिन्न ड्राइंग उपकरणों का उपयोग किया जाता है। हालाँकि, २०वीं सदी के अंतिम दशकों और २१वीं सदी के पहले कंप्यूटर एडेड ड्राफ्टिंग और डिज़ाइन (CADD या CAD) के क्रमिक परिचय के साथ, ड्राइंग बोर्ड कम आम होता जा रहा है। इस लेख में हमने, ड्राइंग बोर्ड का आकार कैसा होता है इसे जाना। बाकी ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए नीचे दिए गए
लेख पढ़े: Free ISRO Draughtsman Civil 2019 Official Paper held on 24/03/2019 60 Questions 180 Marks 90 Mins With hundreds of Questions based on Engineering Drawing, we help you gain expertise on Basic Science and Engineering. All for free. Explore Testbook Learn to attain the subject expertise with us. Drawing Instruments and Conventional Lines परिचय (Introduction) इंजीनियरिंग ड्राइंग, अभियन्ताओं की एक ऐसी ग्राफिक भाषा है जोकि किसी वस्तु को रेखाओं द्वारा कागज पर उसका आकार तथा परिमाण आदि को प्रदर्शित करती है।Drawing Instruments and Conventional Lines किसी भी ड्राइंग की गुणवत्ता ड्राइंग उपकरणों की अच्छी किस्म व अच्छी देखभाल पर निर्भर करती है जिसके विद्यार्थियों को आरम्भिक अवस्था में इनको खरीदने के लिए दिशा-निर्देश की जरूरत होती है ताकि पैंसिल, ड्राइंग टी-स्क्वेयर, सैट-स्क्वेयर, इन्स्ट्रूमैंट बॉक्स आदि का उचित चयन किया जा सके।Drawing Instruments and Conventional Lines ड्राइंग उपकरण सूची (List of Drawing Instruments)सुन्दर तथा स्पष्ट ड्राइंग के लिए निम्नलिखित उपकरणों का उपयोग किया जाता है 1- ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board) 2- टी-स्क्वेयर या मिनी ड्राफ्टर (T-square) 3- सैट-स्क्वेयर (Set-square) 4- इंस्ट्रूमैंट बॉक्स (Instrument Box) 5- इंजीनियरिंग स्केल (Engineering Scales) 6- कोण मापक (Protractor) 7- फ्रेंच कर्व (French Curves) 8-ड्राफ्टिंग टैम्प्लेट (Drafting Templates) 9- ड्राइंग पैंसिल (Drawing Pencil)/ 10- पैंसिल कटर (Pencil Cutter) 11- रबर (Rubber) 12- ड्राइंग पैन (Drawing Pen) 13- ड्राइंग स्याही (Drawing Ink) 14- क्लैम्प, सेलो टेप, ड्राइंग पिन (Clamp, Cellotape, Drawing Pin) 15- ड्राइंग पेपर (Drawing Paper) 16- ट्रेसिंग पेपर या कपड़ा (Tracing Paper or Cloth) 17- रेगमार (Sand-paper) 18- स्केच बुक (Sketch Book) 19- इरेजिंग शील्ड (Erasing Shield) 20- ड्राफ्टिंग मशीन (Drafting Machine) 21- झाड़न (Duster) 1- ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board) : ड्राइंग बोर्ड अच्छी सीजन की उत्तम गुणवत्ता वाली नर्म लकड़ी से बनाए जाते हैं ताकि ड्राइंग पिन सुगमता से लगाए व बाहर निकाला जा सके। इसकी सतह पूर्णतया चिकनी, समतल व किनारे सीधे तथा आपस में समकोण होने चाहिए। बोर्ड की लकड़ी का चयन करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि इस पर मौसम का कोई प्रभाव न पड़े और किनारे हमेशा समकोण पर बने रहे। बोर्ड कई पट्टियों को आपस में स्क्रू द्वारा जोड़ कर बनाया जाता है।बोर्ड के बाएँ सिरे पर एबोनाइट की काले रंग की पट्टी लगी होती है जिसे ‘एबोनी’ कहते हैं जो कि पूर्णरूप में समतल व बोर्ड के साथ समकोण पर लगी होती है।
ड्राइंग बोर्ड के अन्दर की तरफ दो लगभग तीन इंच चौड़ी लकड़ी की बैटन पेंचों से लगी होती है जिसके अन्दर ‘टी’ को रखा जाता है।
2- टी-स्क्वेयर (T-Square) : यह दो भागों को मिलाकर अच्छी किस्म की सूखी लकड़ी या पारदर्शक सैल्यूलॉइड् की बनाई जाती है। लम्बी पट्टी को ब्लेड तथा छोटी पट्टी को हैड कहते हैं। ब्लेड और हैड आपस में स्क्रू द्वारा 90° पर जुड़े होते हैं। इसका आकार ‘टी’ जैसा होता है, इसलिए टी-स्क्वेयर कहते हैं।
3- सैट-स्क्वेयर (Set-square) : सैट-स्क्वेयर पारदर्शक सैल्यूलॉइड् या प्लास्टिक से बनाए जाते हैं। इनको हमेशा सीधा रखना चाहिए। यह अलग-अलग साइजों में उपलब्ध हैं; जैसे-सामान्य कार्य के लिए 200 मि०मी० 45° और 240 मि०मी० 30°- 60° आदि। इनके किनारे तिरछे बनाए जाते हैं क्योंकि स्याही का प्रयोग करते समय स्याही कागज को खराब ना कर सके। प्रत्येक सैट-स्क्वेयर को हलका तथा पकड़ने में आसान बनाने के लिए इसके अन्दर खाली खाँचे काट दिए जाते हैं जैसाकि चित्र में दर्शाया गया है। कभी-कभी अन्दरूनी खिंचाव के कारण सैट-स्क्वेयरों की यथार्थता (Accuracy) कम हो जाती है। सैट-स्क्वेयर को जाँचने के लिए लम्ब रेखा खींचें, पुनः उल्टा कर उसी स्थान पर रेखा खींचें, यदि दोनों रेखाओं में अन्तर है तो इसका अर्थ है सैट-स्क्वेयर में खराबी है। इस अवस्था में सैट-स्क्वेयर को रेगमार द्वारा घिस कर या किनारों को रेती से रगड़ कर ठीक किया जा सकता है।
नोट : सैट-स्क्वेयर की तरह एडजस्टेबल सैट-स्क्वेयर भी मार्किट में उपलब्ध है जोकि दो भागों में बने होते हैं तथा एक प्रोटेक्टर के साथ क्लैम्प स्क्रू द्वारा बँधे होते हैं। 4- इन्स्ट्रूमैंट बॉक्स (Instrument Box) : ड्राइंग में काम आने वाले विभिन्न प्रकार के सामान; जैसे-बड़ी व छोटी कम्पास, बो-कम्पास, डिवाइडर, स्याही पैन, पैंसिल लैड तथा केस स्क्रू-ड्राइवर, पैंसिल शार्पनर, छोटे पेंचकस आदि। 5- इंजीनियरिंग स्केल (Engineering Scales) : यह मापने का एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। यह लकड़ी या प्लास्टिक का बना होता है। इस पर कार्य के अनुसार निशान लगे होते हैं। ड्राइंग के लिए यह बहुत सही होने चाहिए। भारतीय मानक संस्थान द्वारा स्केल निम्नलिखित प्रकार के होते हैं।
6- कोण मापक (Protractor) : यह अर्द्ध गोलाकार पारदर्शक सैल्यूलॉइड् प्लास्टिक की लगभग 2 मि०मी० मोटी शीट का बना होता है। इस पर 0° से 180° तक क्लॉक वाइज व एण्टी क्लॉक वाइज चिह्न अंकित किए होते हैं। इसका उपयोग कोण मापने या बनाने के लिए किया जाता है। 7- फ्रेंच कर्व (French Curves) : कर्व रूलर का उपयोग ड्राइंग में कर्व रेखा खींचने के लिए किया जाता है प्लास्टिक या सैल्यूलॉइड् के बने होते हैं। यह विभिन्न आकार के रूप में दस के सैट में मिलते हैं। 8- ड्राफ्टिंग टैम्प्लेट (Drafting Template) : यह अधिक पारदर्शक सैल्यूलॉइड् के भिन्न-भिन्न आकार में; जैसे– आयताकार, त्रिभुज, गोल आदि के बने होते हैं जिनके अन्दर विभिन्न प्रकार के त्रिभुज, वृत्त, षट्भुज आदि कटे होते हैं। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आकृतियाँ बनाने के लिए किया जाता है। 9- ड्राइंग पैंसिल (Drawing Pencil) : किसी ड्राइंग की सुन्दरता तथा सफाई जिस महत्त्वपूर्ण उपकरण पर निर्भर करती है, वह ड्राइंग पैंसिल कहलाती Chisel edge है। पैंसिल का ऊपरी भाग लकड़ी का बना होता है। जिनमें ग्रेफाइट का सिक्का Conical edge अलग-अलग मोटाई में 0.3, 0.5 व 0.8 में भरा होता है। यह विभिन्न प्रकार की श्रेणी में उपलब्ध हैं, जैसे कि H से 9 H और B से 7 B तथा F व HB आदि। कार्य के अनुसार पैंसिल को दो प्रकार से बनाया जाता है। लेखन कार्य के लिए शंकु- आकार बिन्दु तथा मोटाई वाली रेखाओं के लिए छैनी किनारी वाली पैंसिल का उपयोग किया जाता है।
10- पैंसिल कटर (Pencil Cutter): पैंसिल को छीलने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसका ढाँचा प्लास्टिक या स्टील का बना होता है, जिसके साथ कटर लगा होता है। पैंसिल को छीलने के बाद शार्पनर द्वारा पैंसिल की कार्य अनुसार नोंक बनाई जाती है। 11- रबर (Rubber) : रबर का उपयोग किसी ड्राइंग को मिटाने के लिए किया जाता है। यह विभिन्न डिग्री की कठोरता अनुसार नम्बर में उपलब्ध हैं। रबर को प्रयोग करने से पहले उसे किसी साफ कपड़े से साफ कर लेना चाहिए अन्यथा यह ड्राइंग को काला करने लगेगा। 12- ड्राइंग पैन (Drawing Pen) : यह मार्किट में विभिन्न कम्पनियों (भारतीय व विदेशी) जैसे, Bropal, Aristo, 0.8 में कार्य के Rotring द्वारा विभिन्न प्रकार के बनाए जाते हैं। यह अलग-अलग मोटाई ; जैसे-0.1, 0.2, 0.3 अनुसार उपयोग किए जाते हैं। 13- ड्राइंग स्याही (Drawing Ink): ड्राइंग बनाने के लिए अधिकतर वाटर-प्रूफ काली स्याही का प्रयोग किया जाता है। यह निर्माता अनुसार अलग-अलग नामों में; जैसे-वीटो, कैमल, रोटरिंग आदि अनेक रंगों में मिलती है। 14- क्लैम्प, सेलोटेप, ड्राइंग पिन (Clamp, Cellotape Drawing Pin): इनका प्रयोग बोर्ड पर कागज को ठीक प्रकार से रखने के लिए किया जाता है। इसके लगाने से ड्राइंग शीट अपनी जगह पर रहती है और रेखाओं को भली-भाँति खींचा जा सकता है। ड्राइंग पिन लोहे की एक तरफ से नुकीली तथा ऊपर की ओर पीतल की कैप द्वारा बनी होती है। इसके अधिक उपयोग से बोर्ड में सुराख हो जाने के कारण बोर्ड भी खराब हो जाता है, इसलिए आजकल सेलोटेप का अधिक प्रयोग किया जाता है, जोकि ड्राइंग शीट को बोर्ड पर चिपका कर स्थिर कर देती है। 15- ड्राइंग पेपर (Drawing Paper): ड्राइंग पेपर एक विशेष गुण वाले पेपर जोकि रबर द्वारा ड्राइंग रेखाएँ मिटाने पर काला नहीं होता है। यह आई०एस० 10711 : 2001 के अनुसार निम्नलिखित विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं।
16- ट्रेसिंग पेपर या कपड़ा (Tracing Paper or Cloth): ट्रेसिंग पेपर पारदर्शक, पतला तथा चिकना होता है। इसका प्रयोग अधिकतर ब्लू-प्रिन्ट बनाने के लिए किया जाता है। ड्राइंग को ट्रेस कर इसे काफी दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। आजकल ट्रेसिंग पेपर के स्थान पर ट्रेसिंग क्लॉथ का भी उपयोग किया जाता है जोकि पारदर्शक कपड़े पर विशेष प्रकार का पदार्थ लगाकर बनाया जाता है। कपड़े की एक साइड चिकनी तथा दूसरी खुरदरी होती है। 17- स्केच बुक (Sketch Book): स्केच बुक का प्रयोग रफ ड्राइंग बनाने के लिए किया जाता है। इसे ड्राइंग कॉपी भी कहा जाता है। 18- रेगमार (Sand-paper): यह ड्राइंग पैंसिल के सिक्के को नोकदार बनाने के काम आता है। यह विभिन्न ग्रेड में मिलता है, परन्तु ड्राइंग में फाइन ग्रेड का रेगमार अधिकतर प्रयोग किया जाता है। 19- इरेजिंग शील्ड् (Erasing Shield): इसका उपयोग रबर द्वारा किसी रेखा को मिटाने तथा बाकी रेखाओं को खराब होने से बचाने के लिए किया जाता है। 20- झाड़न (Duster): यह एक सेमी रफ कपड़ा है जिसका उपयोग ड्राइंग शीट व ड्राइंग उपकरणों को साफ करने के लिए किया जाता है। 21- ड्राफ्टिंग मशीन (Drafting Machine): यह एक बहुउद्देश्यीय विशेष प्रकार की ड्राइंग मशीन है। यह दो जोड़े स्ट्रिप, स्केल तथा टी-स्क्वेयर क्लैम्प की सहायता से एक साथ लगे होते हैं। दोनों स्केल आपस में एक-दूसरे से 90° पर स्थिर रहते हैं। जिनको एक डायल पर घुमाकर किसी भी कोण पर रखा जा सकता है। दोनों स्केलों पर सेन्टीमीटर के निशान लगे होते हैं। इसका उपयोग व्यावसायिक स्तर पर अधिक ड्राइंग बनाने तथा सीधी, तिरछी, खड़ी तथा समानान्तर रेखाओं को जल्द व आसानी से खींचने के लिए किया जाता है। Drafting Machineसांकेतिक रेखाएँ (Conventional Line)व्यावसायिक ड्राइंग का आधार “रेखा” है। आई० एस० 696-1972 के अनुसार सभी प्रकार की रेखाओं को निम्नलिखित रूप में प्रदर्शित किया गया है। यह रेखाएँ आपस में दो तरह से भिन्न होती हैं।Drawing Instruments and Conventional Lines (1) अपनी मोटाई व वजन अनुसार; जैसे-मोटी, मध्यम, पतली आदि। क्र.सं. नामावली (Name) (Convention) 1- (Out Line) Thick 2- डाइमेन्शन लाइन (Dimension Line) Thin 3- हिडन लाइन (Hidden Line) Medium 4- सैंटर लाइन (Centre Line) Thin 5- कटिंग प्लेन लाइन (Cutting Plane Line) Thick Thin Thick Thin 6- शॉर्ट ब्रेक लाइन (Short Break Line) Thin 7- लम्बी ब्रेक लाइन (Long Break Line) 8- सैक्शन लाइन (Section Line) Thin 9- डिटो लाइन (Ditto Line) Medium Drawing Instruments and Conventional Lines(क) आउट लाइन या ऑबजेक्ट लाइन (Out Line or Object Line) : किसी भी ड्राइंग में किनारों को दर्शाने वाली रेखा को आउट लाइन या ऑबजेक्ट लाइन कहते हैं। यह मोटी, निरन्तर तथा वस्तु के आकार को दर्शाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह लगभग 6 मि०मी० मोटी होती है। (ख) सैक्शन लाइन (Section Line) : किसी भी ड्राइंग में अनुप्रस्थ काट (Section View) को दर्शाने के लिए प्रयोग की जाती है। यह पतली व 45° के कोण पर बनी होती है। 30,45, 60 (ग) कन्स्ट्रक्शन् लाइन (Construction Line) : यह मंद निरन्तर रेखाएँ हैं जो कि एक दृश्य से दूसरे दृश्य के लिए ड्राइंग में प्रयोग की जाती हैं। इनका उपयोग रेखागणित तथा निर्माण ड्राइंग को पूर्ण करने के लिए किया जाता है। (घ) हिडन लाइन (Hidden Line) : ड्राइंग में किसी वस्तु के नीचे छिपे किनारों को प्रदर्शित करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। इनकी मोटाई आउट लाइन से कम लगभग 3 मि०मी० होती है। जिसे छोटे-छोटे एक समान दूरी पर डैश-डैश में खींचा जाता है। (ङ) सैन्टर लाइन (Centre Line) : सैन्टर लाइन को अधिक व कम डैश द्वारा बनाया जाता है जिनका अनुपात 6:1 से 4 : 1 तक रखा जाता है। इसे ड्राइंग में आउट लाइन से लगभग 5 मि०मी० बाहर तक बनाया जाता है। यह एक काल्पनिक रेखा है जोकि किसी गोल, बेलनाकार जैसी वस्तुओं के अक्ष को प्रदर्शित करती है। (च) डाइमेन्शन लाइन (Dimension Line) : इसका उपयोग ड्राइंग में वस्तु के साइज को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह एक पतली रेखा है जिसके किनारों पर तीर (Arrow) बनाया जाता है जोकि किन्हीं दो बिन्दुओं के बीच दूरी प्रकट करता है। (छ) विस्तार लाइन (Extension Line) : यह पतली तथा निरन्तर रेखा है जोकि किसी बिन्दु लाइन या सतह से आगे दिखाने के लिए खींची जाती है। विस्तार लाइन का उपयोग डाइमेन्शन लाइन से लगभग 3 मि०मी० आगे तक किया जाता है। (ज) कटिंग लाइन (Cutting Line) : यह रेखा क्रमशः लम्बी डैश व छोटी डैश द्वारा बनाई जाती है जोकि सैन्टर लाइन की तरह होती है, केवल इसके किनारों को मोटा कर दिया जाता है। (झ) चैन लाइन (Chain Line) : यह रेखा क्रमशः लम्बी डैश व बिन्दु द्वारा बनाई जाती है इसका उपयोग ओवर-हैड लाइन जैसेकि टेलीग्राफ, टेलीफोन, विद्युतीय ट्रांसमिशन लाइन आदि में किया जाता है। (ज) डिटो लाइन (Ditto Line) : यह रेखा मध्यम मोटाई की शॉर्ट डैश द्वारा बनाई जाती है। जिसकी मोटाई लगभग 0.3 मि०मी० होती है। इसका उपयोग ड्राइंग में बार-बार होने वाली वस्तु के लिए किया जाता है। Drawing Instruments and Conventional Lines, Drawing Instruments and Conventional Lines , Drawing Instruments and Conventional Lines , Drawing Instruments and Conventional Lines , Drawing Instruments and Conventional Lines इसे भी पढ़े…..
ड्राइंग बोर्ड का आकार क्या होता है?ड्राइंग बोर्ड का आकार आयताकार होता है।
ड्राइंग बोर्ड किसका बना होता है?1- ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board) : ड्राइंग बोर्ड अच्छी सीजन की उत्तम गुणवत्ता वाली नर्म लकड़ी से बनाए जाते हैं ताकि ड्राइंग पिन सुगमता से लगाए व बाहर निकाला जा सके। इसकी सतह पूर्णतया चिकनी, समतल व किनारे सीधे तथा आपस में समकोण होने चाहिए। जो कि पूर्णरूप में समतल व बोर्ड के साथ समकोण पर लगी होती है।
ड्राइंग बोर्ड कई प्रकार के होते हैं do नामित ड्राइंग बोर्ड का साइज क्या होगा?ड्राइंग बोर्ड का मानक आकार नीचे तालिका 1.1 में दिखाया गया है। प्रथम वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए आम तौर पर D2 आकार का ड्राइंग बोर्ड अनुशंसित किया जाता है। यह वह उपकरण है जिसका उपयोग समानांतर या झुकी हुई रेखाओं को बहुत आसानी से खींचने में किया जाता है।
ड्राइंग कितने प्रकार के होते हैं?इसे सुनेंरोकेंइंजीनियरिंग ड्राइंग 4 प्रकार की होती है.
|