वाटरलू का युद्ध 18 जून 1815 में लड़ा गया था। नेपोलियन का ये अन्तिम युद्ध था एक तरफ फ्रांस था तो दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया, हंगरी की सेना थी। युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्म्सर्पण कर दिया था। मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना नामक टापू पर भेज दिया जहाँ 52 वर्षों की आयु में 1821 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
वाटरलू का युद्ध क्यों हुआ था?वाटरलू का युद्ध का कारण
उसका सपना था कि यूरोप के सभी देशों को जीत कर फ्रांस की छत्रछाया में एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की जाये। ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया को छोड़कर लगभग पूरा यूरोप फ्रांस के आधिपत्य में आ भी गया था। शक्ति क्षीण हुई थी।
वाटरलू की लड़ाई में किसकी पराजय हुई थी?अगर आप सैन्य मामलों के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं, तब भी शायद आपने वाटरलू की लड़ाई के बारे में सुना होगा. यह इतिहास में सबसे मशहूर लड़ाइयों में से एक है. 19वीं सदी की शुरुआत में अधिकांश यूरोप को जीतने वाले फ्रांसीसी सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट की हार हुई थी.
नेपोलियन का पतन कैसे हुआ?वर्ष 1812 में कई कारणों के चलते नेपोलियन रूस पर विजय प्राप्त करने में विफल रहा, जैसे- दोषपूर्ण रसद, खराब अनुशासन, बीमारी,और प्रतिकूल मौसम । वर्ष 1814 में नेपोलियन को पराजित कर एल्बा द्वीप पर निर्वासित कर दिया गया, इस प्रकार अंततः 1815 में वाटरलू के युद्ध में वह पराजित हो गया।
नेपोलियन की मौत कब हुई थी?5 मई 1821नेपोलियन बोनापार्ट / मृत्यु तारीखnull
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