उद्धव कौन था उसके दो गुणों का वर्णन करें - uddhav kaun tha usake do gunon ka varnan karen

ब्रह्मवैवर्त पुराण में उद्धव के ब्रजगमन का प्रसंग आता है। उसमें उद्धव के ब्रजगमन और गोपियों को ब्रह्मज्ञान की शिक्षा देके का उल्लेख मिलता है। उद्धव का मानना था कि श्रीकृष्‍ण ने गोपियों को अपने प्रेमजाल में फांस रखा है तो इन्हें सच्चे ज्ञान ज्ञान की अनुभूति कराना जरूरी है। खैर, जानिए उद्धव कौन थे।


उद्धव श्रीकृष्ण के चाचा देवभाग के लड़के थे जो आयु में श्रीकृष्ण से थोड़े बड़े थे। उनका असली नाम बृहदबल था। उनके पिता का नाम 'उपंग' कहा गया। एक अन्य मत के अनुसार ये सत्यक के पुत्र तथा कृष्ण के मामा कहे गए हैं। उद्धव वृष्णिवंशीय यादवों के माननीय मन्त्री भी थे। उद्धव यादवों के परामर्शदाता होने के साथ-साथ योद्धा भी थे। जरासंध के आक्रमणों में इन्होंने अपने पराक्रम का परिचय दिया था।

बाल्यकाल में ही उन्हें देवताओं के गुरु बृहस्पति ने अपना शिष्य बना लिया था। देवगुरु बृहस्पति से उन्हें ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हुई और वे निरंतर प्रभु के निराकार और निर्गुण रूप की उपासना करते रहते थे।

उनके गुरु बृहस्पति ने उन्हें बताया था कि कृष्ण रूप में तुम्हारे छोटे भाई भगवान विष्णु का अवतार हैं। इसलिए यह जानते हुए भी कि श्रीकृष्ण भगवान के पूर्णवातर है फिर भी उन्हें श्रीकृष्‍ण के शारीरिक रूप से उन्हें कोई मोह नहीं था। उनके अंतर में भी कहीं न कहीं ज्ञान का अहंकार छिपा हुआ था और वे निराकर परब्रह्म की उपासना को ही सच्चा मार्ग मानते थे। उनकी दृष्‍टि में ज्ञान ही महत्वपूर्ण था। श्रीकृष्‍ण यह बात जानते थे।

द्वारका में यादवों के कुल नाश के बाद जब श्रीकृष्ण ने अपने धाम जा रहे थे तो उद्धव ने भी उनके साथ जाने का आग्रह किया। उस समय श्रीकृष्ण ने बताया कि वह वसु नामक देव के अवतार हैं और यह उनका अंतिम जन्म है। इसके बाद श्रीकृष्ण ने उद्धव को योग मार्ग का उपदेश दिया। यह उपदेश उद्धव गीता या अवधूत गीतार्ध के नाम से प्रसिद्ध है। कृष्ण के इच्छा से उद्धव बदरिकाश्रम चले गए और वहीं तपस्या करते हुए उन्होंने अपनी देह त्याग दी थी।

उद्धव जी कौन थे?

उद्धव भागवत के अनुसार श्रीकृष्ण के प्रिय सखा और साक्षात बृहस्पति के शिष्य थे। महामतिमान उद्धव वृष्णिवंशीय यादवों के माननीय मन्त्री थे। उनके पिता का नाम 'उपंग' कहा गया है। कहीं-कहीं उन्हें वसुदेव के भाई 'देवभाग' का पुत्र कहा गया है, अत: उन्हें श्रीकृष्ण का चचेरा भाई भी बताया गया है।

उद्धव कौन था उसके दो गुणों का वर्णन करें १ ५?

(1)गोपियों ने उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते से की है जो नदी के जल में रहते हुए भी जल की ऊपरी सतह पर ही रहता है। अर्थात् जल का प्रभाव उस पर नहीं पड़ता। श्री कृष्ण का सानिध्य पाकर भी वह श्री कृष्ण के प्रभाव से मुक्त हैं। (2)वह जल के मध्य रखे तेल के गागर (मटके) की भाँति हैं, जिस पर जल की एक बूँद भी टिक नहीं पाती।

उद्धव कौन थे Class 10?

उत्तर: उद्धव ज्ञानी थे, किंतु उन्हें व्यावहारिकता का अनुभव नहीं था। उस पर भी वे प्रेम के क्षेत्र में तो पूर्णतः अनभिज्ञ थे। इसलिए गोपियों ने कहा था 'प्रीति नदी में पाउँ न बोरयौ'-इस कारण व्यावहारिक ज्ञान के अभाव में गोपियों की वाक्पटुता के सम्मुख उद्धव को विवश हो चुप रहना पड़ा।

उद्धव कृष्ण के क्या है?

कुछ ग्रंथों के अनुसार उद्धव कृष्ण के चचेरे भाई भी थे क्योंकि वे देवभाग के पुत्र थे, जो कृष्ण के पिता वसुदेव के भाई थे। महाभारत में उल्लेख है कि उद्धव वृष्णियों के सलाहकार थे, जिन्हें वे सभी मानते और सम्मान करते थे। भागवत पुराण में यह भी उल्लेख है कि उद्धव बृहस्पति के शिष्य थे।