सीमेंट और ईंट का नया रेट घोषित
| Updated: Jun 13, 2011, 4:00 AM
यूपी सरकार ने सीमेंट और ईंट का नया रेट घोषित कर दिया है। इस घोषणा ने विकास कार्यों का टेंडर छोड़ने में सहूलियत पैदा कर दी है। दरअसल, सीमेंट और ईंट के...
बता
दें कि सीमेंट और ईंट का रेट रिवाइज करवाने के लिए तमाम निर्माण एजेंसियां कोशिश कर रही थी। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग की ओर से सीमेंट और ईंट का नया रेट रिवाइज किया गया था। यूपी सरकार ने उसी रेट पर काम कराने की इजाजत दे दी है।
विकास विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीमेंट का रिवाइज्ड रेट प्रति बैग 295 रुपये किया गया है। ऐसे ही ईंट का रिवाइज्ड रेट (प्रथम श्रेणी का) 3250 रुपये प्रति हजार रखा गया है। पहले सीमेंट का रेट 250 रुपये प्रति बैग और ईंट का रेट 2900 रुपये प्रति हजार था। इस विभाग के अधिशासी
अभियंता बी.के. गुप्ता का कहना है कि सीमेंट और ईंट के पुराने रेट पर काम करने के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे थे। जबकि यहां पर अधिकतर काम सड़क, खडं़जा और नालियों का है। इन तीनों कामों में ईंट और सीमेंट का अधिक प्रयोग होता है। ठेकेदार शासन की ओर से सीमेंट और इर्ंट के घोषित पुराने रेट पर काम करने के लिए तैयार नहीं थे, जबकि सरकारी रेट से अधिक ठेकेदारों को नहीं दिया जा सकता। ऐसे में विकास कार्यों की गति काफी धीमी हो गई थी। अब सीमेंट व ईंट के रेट रिवाज्ड होने से फिर से विकास कार्यों में तेजी आ जाएगी।
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यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं.
अब आपको आशियाना (Housing) बनाने में पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार के द्वारा 6 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाने के बाद प्रति हजार ईंटों के दाम (Brick Rate Increased) में 500 रुपये तक इजाफा हो गया है. यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं.
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- News18Hindi
- Last Updated : May 09, 2022, 13:39 IST
नई दिल्ली. अब आपको आशियाना (Housing) बनाने में पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी. केंद्र सरकार के द्वारा 6 प्रतिशत जीएसटी (GST) लगाने के बाद प्रति हजार ईंटों के दाम (Brick Rate Increased) में 500 रुपये तक इजाफा हो गया है. यूपी, बिहार, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पं बंगाल और हरियाणा जैसे राज्यों में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं. बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की थी. इससे आम आदमी को मकान बनवाना एक सपना ही रह जाएगा. बीते एक मई से ही केंद्र सरकार के द्वारा ईंट-भट्ठा कारोबारियों से 12 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है. इससे देश में ईंट-भट्ठा व्यवसाय पर भी संकट गहराने लगा है. काराबोरियों का कहना है कि पहले जीएसटी दरें अब कोयले के दाम बढने और कम उपलब्धता के साथ मजदूरों के पलायन से स्थिति और गंभीर हो गई है.
ईंट-भट्ठा मालिकों का कहना है कि कोरोना काल में कोयले के दाम तीन गुना बढ़ गए थे. फिर जीएसटी स्लैब में बदलाव कर दिया गया और अब कोयले की आपूर्ति सुचारू रूप से नहीं हो रही है. इसका सीधा असर व्यवसाय पर पड़ रहा है. कोरोना काल में कई तरह के कारोबार का हाल खास्ता हो गया था. अब हालात जब सुधरे तो केंद्र सरकार ने जीएसटी की दरें बढ़ा दी. जीएसटी की दरों से उबरे भी नहीं थे कि कोयला की कमी ने इस व्यवसाय को और मंदा कर दिया है.
ईंट-भट्ठा मालिकों का ये कहना है
काराबारियों का कहना है कि रोज नई-नई चुनौतियों के सामने आने से कारोबार करना मुश्किल होता जा रहा है. महंगाई के बढ़ते दौर में सभी चीजें की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. बता दें कि ईंट-भट्ठा व्यवसाय में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश हरियाणा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लाखों लोग जुड़े हुए हैं. ऐसे में सभी को मुश्किल हालात से गुजरना पड़ रहा
है.
कोरोना काल में चौपट हो गया था ईंटों का कारोबार
ईंट-भट्ठा मालिकों के एसोसिएशन का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण ईंट व्यवसाय चौपट हो गया है. अब देश मे कोयला संकट आ गया है. ऐसे में ईंट-भट्ठा उद्योग को कोयले की सुचारू आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार को नई नीति बनानी चाहिए. जीएसटी दरें घटानी चाहिए. साथ ही नदी, नहर और अन्य तरह के जलाशय से मिट्टी निकालने की सुगमता होनी चाहिए.
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भट्ठा संचालकों की चिंता नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों को लेकर भी है. बीते 17 फरवरी को आए एनजीटी के आदेश के बाद कई ईंट-भट्ठे के कारोबारी ने अपना कारोबार बंद कर दिया है. इधर तीन-चार महीने से कोयले के दाम दोगुने हो गए हैं. भट्ठा मालिकों का कहना है कि दो प्रकार के व्यवहारिक एवं अनुचित जीएसटी दर को थोपना अत्याचार की श्रेणी में आता है. केंद्र सरकार को इस बढ़े हुए दर के प्रस्ताव को वापस लिया जाना चाहिए.
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Tags: Brick and mortar retail, Coal Crisis, Gst, Inflation
FIRST PUBLISHED : May 09, 2022, 13:39 IST