NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 मियाँ नसीरुद्दीन are part of NCERT Solutions for Class 11 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 मियाँ नसीरुद्दीन. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास पाठ के साथ प्रश्न.
1. प्रश्न. 2. प्रश्न. 3. प्रश्न. 4. प्रश्न. 5. पाठ के आस-पास प्रश्न. 1. (क) वे काम को अधिक महत्त्व देते हैं। बातचीत के दौरान भी उनका ध्यान अपने काम में होता है। प्रश्न. 2. प्रश्न. 3.
प्रश्न. 4. पकवानों को जानें प्रश्न. 1. सूची –
अपने परिवेश के ऐसे लोगों से संपर्क बनाएँ जो इन रोटियों की जानकारी दे सकें। भाषा की बात प्रश्न. 1. प्रश्न. 2. प्रश्न. 3. अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर प्रश्न. 1. प्रश्न. 2. प्रश्न. 3. प्रश्न. 4. प्रश्न. 5. प्रश्न. 6. प्रश्न. 7. प्रश्न. 8. We hope the given NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 मियाँ नसीरुद्दीन will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 मियाँ नसीरुद्दीन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. उतर गए हुए जमाने कथन से मियाँ का क्या आशय है?यह कथन मियाँ उस समय कहते हैं जब वे बता रहे थे कि बचपन से इस नानबाई काम को देखते हुए भट्ठी सुलगाना, बरतन धोना आदि अनेक कामों को करते-करते उन्हें तालीम की पकड़ आती गई। अतः यहाँ दूसरी बार प्रयुक्त तालीम शब्द के स्थान पर पकड़/समझ को प्रयोग किया जा सकता है।
खानदानी नानबाई से क्या अभिप्राय है?पर वे काम से बड़े मेहनती हैं और उनकी मेहनतकशी अनुसरण करने योग्य है। उनकी आंखों में चालाकी भी है भोलापन भी है। उनके माथे पर यह हुनरमंद कारीगर की तरह के तेवर दिखाई देते हैं। वक्त की मार के साथ वे स्वयं को बढ़ा खानदानी व्यक्ति समझते हैं और उसके लिए तरह-तरह के उदाहरण भी देते हैं ।
मियां नसीरुद्दीन ने तुनकी रोटी की क्या विशेषता बताई?लेखिका से पीछा छुड़ाने की गरज से उन्होंने बब्बन मियाँ को भट्टी सुलगाने का आदेश दिया। लेखिका ने उनके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि वे उन्हें मजदूरी देते हैं। लेखिका ने रोटियों की किस्में जानने की इच्छा जताई तो उन्होंने फटाफट नाम गिनवा दिए। फिर तुनक कर बोले-तुनकी पापड़ से ज्यादा महीन होती है।
अखबारवालों के बारे में मियाँ की क्या राय है?उत्तर- मियाँ नसीरूददीन का मानना है कि अखबार छापने वाले व पढ़ने वाले-दोनों बेकार होते हैं। ये वक्त खराब करते हैं। वे खबरों को मसाला लगाकर छापते हैं। मियाँ अखबार पढ़ने से ज्यादा महत्व काम को देते हैं।
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