Show ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- (नीला: ध्वनि तरंग, लाल: कान का पर्दा, पीला: कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। हरा: श्रवण तंत्रिकाएँ, नीललोहित (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, नारंगी: तंत्रिका में गया संकेत) ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं। ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ[संपादित करें]राइफल दागने से उत्पन्न ध्वनि तरंग (उपर); एक 'ज्या तरंग' (साइन वेव) जिसकी आवृत्ति क्रमशः बढ़ रही है (मध्य); 'विकिपीडिया' शब्द के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंग (नीचे)
जहाँ v तरंग का वेग, f आवृत्ति तथा : तरंगदर्ध्य है। आवृत्ति के अनुसार वर्गीकरण[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
ध्वनि में कौन सी तरंग होती है?1. ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं. 2. जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं.
अवश्रव्य तरंग कौन सुन सकता है?मानव 20 हर्ट्ज से 20000 हर्ट्ज (या 20 हर्ट्ज से 20 किलोहर्ट्ज़) की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को सुन सकते है। इस परास को ध्वनि की श्रव्यता परास कहा जाता है। इस परास के कम की आवृत्ति को अवश्रव्य या अपश्रव्य कहा जाता है और इससे ज्यादा की ध्वनि की आवृत्ति को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है।
ध्वनि तरंग कितने प्रकार के होते हैं?ध्वनि तरंग तीन प्रकार की होती है. अवश्रव्य तरंग. श्रव्य तरंग. पराश्रव्य तरंग. ध्वनि तरंगों की प्रकृति क्या है?ध्वनि तरंग : एक प्रत्यास्थ माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंग जो श्रव्य संवेदना पैदा करती है उसे ध्वनि तरंग कहते हैं। जैसे ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं , वायु के कण ध्वनि के प्रसार की दिशा में कंपन करते हैं। यह संपीड़न और विरलीकरण की एक तरंग है। संपीडन और विरलीकरण एक ध्वनि तरंग का हिस्सा हैं।
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