ध्वनि तरंग कौन सी तरंग है? - dhvani tarang kaun see tarang hai?

ध्वनि तरंग कौन सी तरंग है? - dhvani tarang kaun see tarang hai?

ड्रम की झिल्ली में कंपन पैदा होता होता जो जो हवा के सम्पर्क में आकर ध्वनि तरंगें पैदा करती है

ध्वनि तरंग कौन सी तरंग है? - dhvani tarang kaun see tarang hai?

मानव एवं अन्य जन्तु ध्वनि को कैसे सुनते हैं? -- (नीला: ध्वनि तरंग, लाल: कान का पर्दा, पीला: कान की वह मेकेनिज्म जो ध्वनि को संकेतों में बदल देती है। हरा: श्रवण तंत्रिकाएँ, नीललोहित (पर्पल): ध्वनि संकेत का आवृति स्पेक्ट्रम, नारंगी: तंत्रिका में गया संकेत)

ध्वनि (Sound) एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं।

ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ[संपादित करें]

ध्वनि तरंग कौन सी तरंग है? - dhvani tarang kaun see tarang hai?

राइफल दागने से उत्पन्न ध्वनि तरंग (उपर); एक 'ज्या तरंग' (साइन वेव) जिसकी आवृत्ति क्रमशः बढ़ रही है (मध्य); 'विकिपीडिया' शब्द के उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि तरंग (नीचे)

  • ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है न कि विद्युतचुम्बकीय तरंग। (प्रकाश विद्युतचुम्बकीय तरंग है।
  • ध्वनि के संचरण के लिये माध्यम (मिडिअम्) की जरूरत होती है। ठोस द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण सम्भव है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता।
  • द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि केवल अनुदैर्घ्य तरंग (longitudenal wave) के रूप में चलती है जबकि ठोसों में यह अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) के रूप में भी संचरण कर सकती है।। जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उसे अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं; जब माध्यम के कणों का कम्पन ध्वनि की गति की दिशा के लम्बवत होता है तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
  • सामान्य ताप व दाब (NTP) पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। बहुत से वायुयान इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें सुपरसॉनिक विमान कहा जाता है।
  • मानव कान लगभग २० हर्ट्स से लेकर २० किलोहर्टस (२०००० हर्ट्स) आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को ही सुन सकता है। बहुत से अन्य जन्तु इससे बहुत अधिक आवृत्ति की तरंगों को भी सुन सकते हैं।
  • एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि का परावर्तन एवं अपवर्तन होता है।
  • माइक्रोफोन ध्वनि को विद्युत उर्जा में बदलता है; लाउडस्पीकर विद्युत उर्जा को ध्वनि उर्जा में बदलता है।
  • किसी भी तरंग (जैसे ध्वनि) के वेग, तरंगदैर्घ्य और आवृत्ति में निम्नलिखित संबन्ध होता है-

जहाँ v तरंग का वेग, f आवृत्ति तथा : तरंगदर्ध्य है।

आवृत्ति के अनुसार वर्गीकरण[संपादित करें]

  • अपश्रव्य (Infrasonic) 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं देती,
  • श्रव्य (sonic) 20 Hz से 20 kHz, के बीच की आवृत्तियों वाली ध्वनि सामान्य मानव को सुनाई देती है।
  • पराश्रव्य (Ultrasonic) 20 kHz से 1,6 GHz के बीच की आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं पड़ती,
  • अतिध्वनिक (Hypersonic) 1 GHz से अधिक आवृत्ति की ध्वनि किसी माध्यम में केवल आंशिक रूप से ही संचरित (प्रोपेगेट) हो पाती है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • ध्वनिकी (Acoustics)
  • वाद्य यंत्र
  • श्रव्य संकेत प्रसंस्करण (Audio signal processing)
  • स्पन्द (Beat)
  • अपवर्तन (Diffraction)
  • डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect)
  • प्रतिध्वनि (Echo)
  • संगीत
  • अनुनाद (Resonance)
  • परावर्तन (Reflection)
  • पराश्रव्य (Ultrasound)
  • माइक्रोफोन
  • लाउडस्पीकर
  • श्रव्य प्रवर्धक (ऑडियो ऐम्प्लिफायर)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • The accoustical knowledge of ancient Hindus (CV Raman ; 1922 ई)
  • HyperPhysics: Sound and Hearing
  • Introduction to the Physics of Sound
  • Hearing curves and on-line hearing test
  • Audio for the 21st Century
  • Conversion of sound units and levels
  • Sounds Amazing a learning resource for sound and waves
  • Sound calculations
  • Audio Check: a free collection of audio tests and test tones playable on-line

ध्वनि में कौन सी तरंग होती है?

1. ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं. 2. जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं.

अवश्रव्य तरंग कौन सुन सकता है?

मानव 20 हर्ट्ज से 20000 हर्ट्ज (या 20 हर्ट्ज से 20 किलोहर्ट्ज़) की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को सुन सकते है। इस परास को ध्वनि की श्रव्यता परास कहा जाता है। इस परास के कम की आवृत्ति को अवश्रव्य या अपश्रव्य कहा जाता है और इससे ज्यादा की ध्वनि की आवृत्ति को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है।

ध्वनि तरंग कितने प्रकार के होते हैं?

ध्वनि तरंग तीन प्रकार की होती है.
अवश्रव्य तरंग.
श्रव्य तरंग.
पराश्रव्य तरंग.

ध्वनि तरंगों की प्रकृति क्या है?

ध्वनि तरंग : एक प्रत्यास्थ माध्यम में अनुदैर्ध्य तरंग जो श्रव्य संवेदना पैदा करती है उसे ध्वनि तरंग कहते हैं। जैसे ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं , वायु के कण ध्वनि के प्रसार की दिशा में कंपन करते हैं। यह संपीड़न और विरलीकरण की एक तरंग है। संपीडन और विरलीकरण एक ध्वनि तरंग का हिस्सा हैं।