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भारत के गर्वनर जनरल और वायसरायकुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
बंगाल के गर्वनरप्लासी के युद्ध में विजय के बाद क्लाइव को बंगाल का गर्वनर बनाया गया।
इतिहासकार पर्सिवल स्पियर ने उसे भविष्य का अग्रदूत कहा। क्लाइव ने इंग्लैण्ड में जाकर आत्महत्या कर ली। (1773 के रेगुलेटिंग एक्ट के द्वारा)रेगुलेटिंग एक्ट के तहत पहली बार गर्वनर जनरल की नियुक्ति की गई। इस प्रकार भारत में प्रथम गर्वनर जनरल की नियुक्ति की गयी। इस प्रकार प्रथम भारत के गर्वनर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया। 1. वारेन हेस्टिंग्स (1774-85)इसके काल की प्रमुख घटना निम्नलिखित है।
2. कार्नवालिस (1786-93)यही एक मात्र गर्वनर जनरल है जिसकी स्वतः मृत्यु भारत में हुई तथा गाजीपुर में समाधि बनायी गयी। इसके काल की अन्य महत्वपूर्ण घटनाएँ निम्नलिखित हैं-
सुरेन्द्र नाथ बनर्जी असम के कलक्टर पद पर रहते हुए निलम्बित कर दिये गये थे। जबकि अरबिन्द घोष घुड़सवारी परीक्षक पास नही कर पाये थे। सुभाष चन्द्र बोस ने I.E.S. परीक्षा पास करने के बावजूद अपने राजनैतिक गुरु म्ण्त्ण् क्ंे के कहने पर इस्तीफा दे दिया था। प्रारम्भ में यह परीक्षा इंग्लैण्ड में होती थी लेकिन 1923 से भारत में भी होने लगी। सिविल सेवा को इस्पात का चैखट कहा जाता है।
3. सर जाॅन शोर (1793-98)जान शोर ने सुझाव दिया था कि जमींदारों के साथ भू-राजस्व बन्दोबस्त किया जाय। इसने मैसूर के प्रति अ-हस्तक्षेप की नीति अपनायी। 4. लार्ड वेलेजली (1798-1805)1. फोर्ट विलियम कालेज की स्थापना:- इस कालेज की स्थापना I.E.S. में भर्ती किये गये युवकों के प्रशिक्षण के लिए किया गया था। परन्तु बाद में इसे बन्द कर इसकी जगह इंग्लैण्ड के हेलेवरी में प्रशिक्षण दिया जाने लगा।
5. सर जार्ज वारलो (1805-07)इसने होल्कर के साथ 1806 में राजपुर घाट की सन्धि की परन्तु मराठों के प्रति शान्तिपूर्ण नीति अपनायी, इस तरह इसे मराठों के प्रति अहस्तक्षेप की नीति को अपनाने का श्रेय दिया जाता है। 6. मिण्टों प्रथम (1807-13)इसी के समय में रणजीत सिंह के साथ 1809 में अमृतसर की प्रसिद्ध सन्धि की गयी, इस सन्धि पर अंग्रेजों की तरफ से हस्ताक्षर मेटकाॅफ ने किया, जबकि सिक्खों की तरफ से रणजीत सिंह ने। 7. लार्ड हेस्टिंग्स (1813-23)इसका काल ब्रिटिश सर्वोच्चता का काल माना जाता है, इसी समय ब्रिटिश प्रभुसत्ता भारत पर पूर्ण रूप से स्थापित हो गयी, इसके काल की प्रमुख घटना निम्नलिखित है- 1. आंग्ल-नेपाल
युद्ध (1814-16):- इस युद्ध की शुरुआत तब हुई जब नेपाल ने भारत के कुछ क्षेत्रों पर अपना दावा पेश किया तथा आक्रमण कर दिया, अन्ततः हेस्टिंग्स ने उनहें पराजित किया। दोनों पक्षों ने संगोली की सन्धि (1816) के द्वारा शान्ति की स्थापना हुई। इसी सन्धि से नेपालियों ने काठमाण्डु में एक ब्रिटिश रेजीडेन्ट रखना स्वीकार कर लिया।
8. लार्ड एडम्स (1823)यह स्थानापन्न गर्वनर जनरल था, इसके समय में प्रेस पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। 9. लार्ड एमहस्र्ट (1823-28)यह पहला गर्वनर जनरल था, जो मुगल शासक अकबर-द्वितीय से बराबरी के स्तर पर मिला, इसके काल की अन्य प्रमुख घटना निम्नलिखित है-
लार्ड विलियम बैटिंग (1828-33 या 35)1833 का अधिनियम पहली बार भारत का गर्वनर जनरल शब्द प्रयुक्त। कार्य 1.:- बैटिंग जब 1806 में मद्रास का गर्वनर था, तब उसने सैनिकों को जातीय चिन्ह लगाने और कानों में बालियां आदि पहनने पर प्रतिबन्ध लगा दिया, जिससे वेल्लौर में प्रथम धार्मिक विद्रोह हुआ था। बैटिंग का काल विभिन्न सामाजिक सुधारों के कारण याद किया जाता है-
चाल्र्स मेटकाॅफ (1835-36)इसने समाचार पत्रों पर से सारे प्रतिबन्ध हटा लिए। इसी कारण इसे समाचार पत्रों का मुक्तिदाता कहा जाता है। लाॅर्ड आॅकलैण्ड (1836-42)1. आंग्ल-अफगान युद्ध (1838-42):- इस युद्ध में अंग्रेजों की पराजय हुई, इतिहासकार इन्नस ने इस युद्ध को भारतीय इतिहास के सर्वाधिक मूर्खतापूर्ण युद्धों में गणना की है। लार्ड एलनबरो (1842-44)1. दास प्रथा पर प्रतिबन्ध:- एलनबरों ने 1843 के अधिनियम द्वारा दास प्रथा पर रोक लगा दी। इस तरह दासता समाप्त हो गयी। लार्ड हार्डिंग (1844-48)1. इसने नर बलि प्रथा को 1846 में समाप्त किया, इसके लिए एक अधिकारी कैम्पबेल की नियुक्ति की, यह नर बलि की प्रथा गोंड जनजाति में प्रचलित थी। लार्ड डलहौजी (1848-56)यह बहुत कम अवस्था में करीब 26 वर्ष की आयु में गर्वनर बना, इसके समय में प्रमुख कार्य निम्नलिखित हुए-
बोर्ड आॅफ डाइरेक्टर्स ने करौली हड़पने की आज्ञा नही दी। 1857 के विद्रोह का एक प्रमुख कारण अवध का विलय माना जाता है। क्योंकि कुशासन के आधार पर विलय से जनता में अंग्रेजों के प्रति अविश्वास की भावना बहुत तीव्र हो गयी। |