दीवार पर लक्ष्मी जी कैसे बनाएं? - deevaar par lakshmee jee kaise banaen?

ज्योतिषाचार्य, पं. मनोज कुमार द्विवेदी Published by: श्वेता सिंह Updated Thu, 04 Nov 2021 06:03 AM IST

हर साल की तरह कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानि आज दिवाली का त्योहार देश भर में धूम धाम से मनाया जा रहा है। दिवाली पर लोग घर या दुकानों की साफ-सफाई करते हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी को साफ-सफाई प्रिय है और मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगहों पर ही होता है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। पुराणों के अनुसार कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक पर आती हैं और हर घर में विचरण करती हैं। इस दौरान जो घर हर प्रकार से स्वच्छ और प्रकाशवान हो, वहां वे अंश रूप में ठहर जाती हैं इसलिए दिवाली पर साफ-सफाई करके विधि विधान से पूजन करने से माता महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। लक्ष्मी पूजा के साथ-साथ कुबेर पूजा भी की जाती है। 

आइए जानते हैं पूजन के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

  • दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन से पहले घर की साफ-सफाई करें और पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। साथ ही घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक शृंखला बनाएं।
  • पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति रखें या दीवार पर लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं। चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें।
  • माता लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और दीपक जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित करें और माता महालक्ष्मी की स्तुति करें।
  • इसके साथ देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें।
  • महालक्ष्मी पूजन पूरे परिवार को एकत्रित होकर करना चाहिए।
  • महालक्ष्मी पूजन के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें।
  • पूजन के बाद श्रद्धा अनुसार ज़रुरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें।

दिवाली पर करें इन नियमों का पालन 

  • कार्तिक अमावस्या यानि दीपावली के दिन प्रात:काल शरीर पर तेल की मालिश के बाद स्नान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती है।
  • दिवाली के दिन वृद्धजन और बच्चों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों को भोजन नहीं करना चाहिए। शाम को महालक्ष्मी पूजन के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
  • दीपावली पर पूर्वजों का पूजन करें और धूप व भोग अर्पित करें। प्रदोष काल के समय हाथ में उल्का धारण कर पितरों को मार्ग दिखाएं। यहां उल्का से तात्पर्य है कि दीपक जलाकर या अन्य माध्यम से अग्नि की रोशनी में पितरों को मार्ग दिखाएं। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • दिवाली से पहले मध्य रात्रि को स्त्री-पुरुषों को गीत, भजन और घर में उत्सव मनाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में व्याप्त दरिद्रता दूर होती है।
  • दीपावली में पांच दिन स्त्री प्रंसग न करें ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है। 

दिवाली का ज्योतिषीय महत्व 
 

हिंदू धर्म में हर त्यौहार का ज्योतिष महत्व होता है। माना जाता है कि विभिन्न पर्व और त्यौहारों पर ग्रहों की दिशा और विशेष योग मानव समुदाय के लिए शुभ फलदायी होते हैं। हिंदू समाज में दिवाली का समय किसी भी कार्य के शुभारंभ और किसी वस्तु की खरीदी के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस विचार के पीछे ज्योतिष महत्व है। दरअसल दीपावली के आसपास सूर्य और चंद्रमा तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में स्थित होते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्रमा की यह स्थिति शुभ और उत्तम फल देने वाली होती है। तुला एक संतुलित भाव रखने वाली राशि है। यह राशि न्याय और अपक्षपात का प्रतिनिधित्व करती है। तुला राशि के स्वामी शुक्र जो कि स्वयं सौहार्द, भाईचारे, आपसी सद्भाव और सम्मान के कारक हैं। इन गुणों की वजह से सूर्य और चंद्रमा दोनों का तुला राशि में स्थित होना एक सुखद व शुभ संयोग होता है।

दीपावली का आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों रूप से विशेष महत्व है। हिंदू दर्शन शास्त्र में दिवाली को आध्यात्मिक अंधकार पर आंतरिक प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई का उत्सव कहा गया है।

आज खुशियों का ऐसा त्यौहार है जिसकी प्रतीक्षा की जाती है. इसे नई शुरुआत का भी पर्व माना जाता है. घरों का रंग-रोगन किया जाता है और लोग नए वस्त्र धारण कर सालभर की खुशहाली की कामना करते हैं. इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है. बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं कि दिवाली के दिन घर के मुख्य दरवाजे की पूजा का भी विशेष महत्व है. मुख्य दरवाजे की पूजा से लक्ष्मी की कृपा बनती है. नौकरी, रोजगार और व्यापार में वृद्धि होती है. दिवाली के मौके पर हम पांच ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनके जरिए देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जा सकती है.

#1.चांदी का स्वास्तिक 

घर के मुख्य दरवाजे पर चांदी का स्वास्तिक लगाना चाहिए. अगर चांदी का स्वास्तिक नहीं लगा पा रहे हैं तो मुख्य दरवाजे पर रोली का स्वास्तिक बना सकते हैं. ये सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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#2. तोरण बनाकर मां का स्वागत करें 

मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी भक्तों के घरों में वास करने आती हैं. इसलिए घर के मुख्य दरवाजे पर आगमन उनके स्वागत के लिए विधि-विधान से तोरण बनाना चाहिए. आम और केले के पत्तों से तोरण बनाना शुभ होता है. पुष्प का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

#3. साफ पात्र में पानी भरकर रखें

मां लक्ष्मी के स्वागत के लिए दिवाली के मौके पर किसी साफ़ सुंदर पात्र में पानी भरकर रखें. पानी में मौसमी सुगंधित फूल भी डाल दें. मां लक्ष्मी जी के पैर के चिन्ह को मुख्य दरवाजे पर अंकित करें. ध्यान रहे, पैरों के ये निशान घर के अंदर की तरफ हों. मानों मां घर के अंदर प्रवेश कर रही हैं.

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#4. दो कलश की स्थापना

इस दिन दो स्वच्छ कलश मुख्य दरवाजे पर रखने से लाभ मिलता है. कलश में जल भरकर मुख्य दरवाजे के दोनों ओर रख दें. ध्यान रहे एक कलश उत्तर दिशा की ओर तो दूसरा पूर्व दिशा की ओर हो. इस तरह की विधि से धन प्राप्ति के सुंदर योग बनते हैं.  

 #5. अष्ठमंगला

दिवाली के मौके पर घर के मुख्य दरवाजे पर अष्ठमंगला रखना शुभ माना जाता है. अष्ठमंगला पर एक कमल का फूल भी रखना चाहिए. कमल के फूल में मां लक्ष्मी विराजती हैं. इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न घर में वास करने आती हैं.

लक्ष्मी जी का मुंह किधर होना चाहिए?

लक्ष्मी पूजन में इस तरह मुख रखें लक्ष्मी गणेश की पूजा करते समय लक्ष्मीजी को हमेशा गणेशजी के दाएं हाथ की तरफ होना चाहिए। पूजा के लिए उत्तर और उत्तर-पूर्व की दिशाओं को शुभ माना गया है अतः कोशिश करें, जब आप पूजा करें तो उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ आपका मुख रहे।

क्या करने से घर में लक्ष्मी आती है?

प्रतिदिन सुबह उठकर अपने घर की साफ-सफाई करने के बाद स्नान करने के बाद शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, ऐसा करने से घर में देवी-देवताओं का वास होता है और लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।

लक्ष्मी जी का चित्र कैसे बनाते हैं?

लक्ष्मी जी का चित्र बनाना सीखे | how to Draw lakshmi mata Drawing step by step | Happy Diwali Easy - YouTube.

लक्ष्मी जी की तस्वीर कौन सी दिशा में रखनी चाहिए?

इसलिए मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की मूर्ति अवश्य रखें। घर में मां लक्ष्मी की मूर्ति भगवान गणेश जी के साथ रखने से सुख समृद्धि का वास होता है, लेकिन मंदिर में भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की तस्वीर सही दिशा में लगाना बेहद जरूरी है। मंदिर में हमेशा मां लक्ष्मी की मूर्ति को गणेश जी के दाईं ओर ही रखा जाना चाहिए