प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का अर्थ क्या है? - praathamik star par bhaasha seekhane sikhaane ka arth kya hai?

आलंकारिक भाषा का प्रयोगवर्णमाला सीखनाभाषा का प्रभावी प्रयोगसाहित्य की रचना

Solution : प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का अर्थ है भाषा का प्रयोग प्रभावी रूप से करना, क्योंकि भाषा भावों को अभिव्यक्त करने का एक माध्यम है।

प्राथमिक स्‍तर पर भाषा सीखने-सिखाने की सबसे पहली शर्त है-

  1. निवेश-समृद्ध संप्रेषण का वातावरण
  2. बाल साहित्‍यकारों का साहित्‍य
  3. चार्ट, पोस्‍टर से सुसज्जित कक्षा
  4. सरल पाठ्य-पुस्‍तक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : निवेश-समृद्ध संप्रेषण का वातावरण

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CT 1: Growth and Development - 1

10 Questions 10 Marks 10 Mins

भाषाएँ यथार्थ को गढ़ती हैं तथा साथ ही इसका अवयव होती हैं। भाषा शिक्षण में अन्तः क्रिया महत्वपूर्ण होती है। हमारे संज्ञानात्मक लचीलेपन को विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। ऐसा किसी विशेष यांत्रिक कारण या बी. आई. सी. एस. के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी धरती पर - सभी के जीवन के अस्तित्व रक्षा हेतु “अक्षर! - चाहे वह लिखा गया हो या बोला हुआ - संदभों, परिघटनाओं आदि के संबधों से प्रसंग लेकर हमारे अनुभवों क  समृद्ध बनाने की दक्षता रखता है और अमरत्व की स्थिति प्राप्त कर लेता है।

प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का अर्थ क्या है? - praathamik star par bhaasha seekhane sikhaane ka arth kya hai?
Important Points

  • इन सभी के संदर्भ में हमें अपने शिक्षकों को और बच्चों को औपचारिक एवं अनौपचारिक वक्ता बनाने हेतु एक जैसा ही पोषण देने की आवश्यकता है - शिक्षा, संस्कृति, शोध और सृजनात्मकता के सभी स्तरों पर।
  • जिस तरह स्वदेशी आंदोलन ने कुछ भौतिक वस्तुओं का बहिष्कार किया था, उसी तरह हमें भी “अमूर्त' वस्तुओं को बहिष्कृत करना सीखना चाहिए।
  • इसके लिए ज़रूरी है कि हम शिक्षाशास्त्र से प्रश्न पूछते रहें, न कि जवाब दें। इसलिए 
  • शिक्षकों और शिक्षार्थियों के लिए निवेश-समृद्ध संप्रेषण का वातावरण की पूरी सुविधाओं की उपलब्धता हानी चाहिए।
  • हमें सोचना चाहिए कि क्‍यों कुछ भाषाएँ कुछ दृश्य-धारणाएँ, संगीत रूप, ईडियम आदि विलुप्त हो गए।
  • पाली भाषा को ही लीजिए इसने हमें विचारों की कितनी समृद्ध परतें दीं जिन्हें हमने खो दिया।
  • संस्कृत के शिक्षकों की संख्या भी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। जो वहाँ हैं वे क्षेत्रीय पृष्ठभूमि पर इसके निरूपण के लिए लड़ाई करते हैं। इसे आधुनिक और सहज पहुँच वाली भाषा बनाने की वेदना में कुछ शिक्षक इसकीदोहरी अवनति  के मुद्दे पर हार मान लेते हैं।

अतः हम कह सकते हैं कि निवेश-समृद्ध संप्रेषण का वातावरण प्राथमिक स्‍तर पर भाषा सीखने-सिखाने की सबसे पहली शर्त है।

Last updated on Sep 21, 2022

The NCTE (National Council for Teacher Education) has revised the TET eligibility criteria recently and has issued a notification stating that a candidate who has been admitted or undergoing any of the Teacher Training Courses (TTC) is eligible for appearing in the TET Examination. Candidates appearing for the CTET (Central Teacher Eligibility Test) are exempted from any age limit. They have to just satisfy the required educational qualification. Candidates are qualified for the CTET exam based on their results in the written exam. The written exam will consist of Paper 1 and Paper 2 in which candidates have to score a minimum of 60% marks to qualify. Check out the CTET Selection Process here.

प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, बच्चों को

This question was previously asked in

CTET Paper 1 - 21st Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)

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  1. अपने मन की बात कहने के अवसर देना
  2. पढ़ने-लिखने के सीमित अवसर देना
  3. कक्षा को चार्ट, पोस्टर से सजाना
  4. कक्षा में दृश्य-श्रव्य सामग्री का प्रयोग करना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अपने मन की बात कहने के अवसर देना

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CT 1: Growth and Development - 1

10 Questions 10 Marks 10 Mins

भाषा सीखने के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक भाषा के प्रयोग के लिए अवसरो की उपलब्धता है। बालक ऐसे वातावरण में सरलता व सहजता से सीखता हैं, जहाँ विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति के भरपूर अवसर की उपलब्धता है।

प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का अर्थ क्या है? - praathamik star par bhaasha seekhane sikhaane ka arth kya hai?
Important Points

कक्षा में बच्चों को अवसर मिलने का अर्थ है-

  • अपनी बात कहने के लिए अवसर एवं प्रोत्साहन।
  • स्वयं को अभिव्यक्त करने के अवसर।
  • कहानी, कविता आदि को बोलकर सुनाने के अवसर व उन पर बातचीत करने के अवसर।
  • हिंदी में सुनी कयी बात, कविता, खेल-गीत, कहानी आदि को अपने तरीके से अपनी भाषा में कहने के अवसर।
  • प्रश्न पूछने व उसमें अपनी बात जोड़ने के अवसर।
  • चित्रों को आधार पर अनुमान लगाकर तरह-तरह की कहानियों, कविताओं को पढ़ने के अवसर।
  • सुनी, देखी, पढ़ी बातों को अपने तरीके से कागज पर उतारने के अवसर- ये चित्र भी हो सकते हैं, शब्द भी और वाक्य भी।
  • साहित्य और साहित्यिक तत्वों की समझ बढ़ाने के अवसर।
  • सांस्कृतिक महत्व के अवसरों पर अवसरानुकूल लोकगीतों की प्रस्तुती।
  • कल्पनाशीलता और सृजनशीलता को विकसित करने वाली गतिविधियों का आयोजन।
  • हिंदी भाषा में संदर्भ के अनुसार भाषा विश्लेषण (व्याकरण, वाक्य संरचना, विराम चिन्ह आदि) करने के अवसर।
  • सक्रिय और जागरूक बनाने वाली रचनाएँ, अखबार, ऑडियो-विडियो देखने, सुनने, पढ़ने, लिखने और चर्चा करने (बोलने) के अवसरों की उपलब्धता। 

अतः निष्कर्ष निकलता है कि प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, बच्चों को अपने मन की बात कहने के अवसर देना है।

प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का अर्थ क्या है? - praathamik star par bhaasha seekhane sikhaane ka arth kya hai?
Additional Information

  • अपने मन की बात कहना ही विचारों की अभिव्यक्ति है।
  • अपने मन की बात कहना ही वास्तव में भाषा के व्याकरण से सीधे तौर से संबंधित है।

Last updated on Sep 21, 2022

The NCTE (National Council for Teacher Education) has revised the TET eligibility criteria recently and has issued a notification stating that a candidate who has been admitted or undergoing any of the Teacher Training Courses (TTC) is eligible for appearing in the TET Examination. Candidates appearing for the CTET (Central Teacher Eligibility Test) are exempted from any age limit. They have to just satisfy the required educational qualification. Candidates are qualified for the CTET exam based on their results in the written exam. The written exam will consist of Paper 1 and Paper 2 in which candidates have to score a minimum of 60% marks to qualify. Check out the CTET Selection Process here.

उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने सिखाने का उद्देश्य क्या है?

उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने-सिखाने का एक उद्देश्य बच्चों को भाषा की नियमबद्ध प्रकृति की पहचान और उसका विश्लेषण करने योग्य बनाना होता है। भाषा शब्द, वाक्य और प्रोक्ति के स्तर पर नियमों से बंधी हुई है, अतः इन नियमों को पहचानना तथा विश्लेषण करना बच्चों में उच्च स्तर के भाषाई कौशल को विस्तार देता है।

प्राथमिक स्तर पर बालकों को भाषा सिखाने के लिए क्या प्रयास करना चाहिए?

प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण के मुख्य उद्देश्य हैं कि बच्चे का समझ के साथ सुनने में सक्षम होना, औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के माहौल की बातचीत में प्रभावशाली ढंग से बोलने में समर्थ होना,समझ निर्माण के साथ पढ़ना औऱ विभिन्न तरह की निर्देश सामग्री को रुचि के साथ पढ़ना, साफ-साफ लिखने में सक्षम होना, तार्किक क्रम के साथ ...

भाषा सीखने का क्या अर्थ है?

भाषा सीखने का अर्थ उस भाषा की संस्कृति सीखना भी है, क्योंकि भाषा किसी भी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। भाषा, संस्कृति व सोच आपस में अंतःसंबंधित हैं। भाषा संज्ञानात्मक संरचना के साथ-साथ सांस्कृतिक संचार का मुख्य स्रोत है। सामाजिक व्यवहार के भाषिक व सांस्कृतिक पैटर्न अवचेतन स्तर पर ग्रहण किये जाते हैं।

प्राथमिक स्तर पर शिक्षण का उद्देश्य कौन सी भाषा है?

इस प्रकार उपर्युक्त बिन्दुओं से स्पष्ट है कि प्राथमिक स्तर पर अंग्रेजी पढ़ाने का प्राथमिक उद्देश्य विभिन्न जीवन स्थितियों में अंग्रेजी का प्रयोग करना है।