ठोस, द्रव और गैस में अंतर /difference between solid, liquid and gas state / पदार्थ की ठोस , द्रव तथा गैस अवस्था में अन्तर हमारे चारों तरफ हम जो कुछ भी देखते हैं जैसे पौधे, पानी, जानवर, वाहन आदि सभी पुस्तकों को पदार्थ कहा जाता है, पदार्थ वह कुछ भी हो सकता है जिसका द्रव्यमान होता है और कुछ स्थान घेरता है। पदार्थ की अवस्थाएं पदार्थ तीन अवस्थाओं - ठोस, द्रव और गैस में पाए जाते हैं। ताप और दाब की दी गई निश्चित परिस्थितियों में, कोई पदार्थ किस अवस्था में रहेगा यह पदार्थ के कणों के मध्य के दो विरोधी कारकों अंतराआण्विक बल और ऊष्मीय ऊर्जा के सम्मिलित प्रभाव पर निर्भर करता है। अंतराआण्विक बलों की प्रवृत्ति अणुओं को समीप रखने की होती है, जबकि ऊष्मीय ऊर्जा की प्रवृत्ति उन कणों को तीव्रगामी बनाकर प्रथक रखने की होती है। ठोस पदार्थ की ठोस अवस्था ठोस में, कण बारीकी से भरे होते हैं। ठोस के कणों में आकर्षण बल (force of attraction) अधिक होने के कारण इनका निश्चित आकार और आयतन होता है। ठोस के कुछ आम उदाहरण- जैसे पत्थर, ईंट, बॉल, कार, बस आदि। द्रव द्रव में कणों के मध्य बंधन ठोस की तुलना में कम होती है अतः कण गतिमान होते हैं। इसका निश्चित आकार नहीं होता मतलब इसे जिस आकार में ढाल दो उसी में ढल जाता है लेकिन इसका आयतन निश्चित होता है। गैस गैस में कणों के मध्य बंधन ठोस और द्रव की तुलना में कम होती है अतः कण बहुत गतिमान होते हैं। इनका न तो निश्चित आकार (shape) और न ही निश्चित आयतन (volume) होता है। पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है, कोई भी पदार्थ तीन अवस्थाओं में हो सकता है जो ठोस, द्रव और गैस अवस्था होती है।
इसे भी पढ़ें लें 👇👇 कारक किसे कहते हैं परिभाषा,भेद,उदाहरण इसे भी पढ़ें लें 👇👇 संज्ञा किसे कहते हैं परिभाषा,भेद,उदाहरण इसे भी पढ़ें लें 👇👇 विशेषण किसे कहते हैं परिभाषा,भेद,उदाहरण |