online dakhil kharij kaise kare bihar | दाखिल खारिज क्या होता है | दाखिल खारिज के नियम बिहार | dakhil kharij kya hota hai | dakhil kharij online form | dakhil kharij kaise kare | दाखिल खारिज के नियम बिहार | online mutation in bihar | दाखिल खारिज कैसे चेक करे दाखिल खारिज क्या होता है | dakhil kharij kya hota haiदाखिल का अर्थ होता है –दर्ज करना ,खारिज का अर्थ होता है –खारिज करना या हटा देना | अब सवाल उठता है कि ,क्या दाखिल करना तथा क्या खारिज करना तो देखिये जब आप कोई जमीन रजिस्ट्री कराते है तो उसका -विवरण केवल रजिस्ट्री में होता है खतौनी में नहीं | अतः खतौनी में पुराने मालिक का नाम हटाना ही खारिज कहलाता है तथा खतौनी में नये मालिक का नाम चढ़ाना ही दाखिल कहलाता है | अतः दाखिल खारिज का अर्थ होता है -भूमि के मालिकाना हक में बदलाव को खतौनी में दिखाना | दाखिल खारिज कितने प्रकार की होती है | types of dakhil kharijदाखिल खारिज दो प्रकार की होती है |
जमीन की रजिस्ट्री कैसे की जाती है |जब किसी को कोई भूमि वसीयत या वरासत से प्राप्त होती है तब उसके लिए रजिस्ट्री की आवश्यकता नहीं होती है ,लेकिन दाखिल खारिज (mutation )होती है | परन्तु जब कोई भूमि खरीदता है तो भूमि की रजिस्ट्री एवं दाखिल खारिज दोनों होता है | रजिस्ट्री का आशय यह है की दोनों पक्षों (क्रेता एवं विक्रेता )के बीच हुए एग्रीमेंट को रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर में दर्ज कराना एवं उसकी ओरिजिनल नकल प्राप्त करना | रजिस्ट्री के एक माह के बाद दाखिल खारिज करायी जाती है जिससे भूमि का मालिकाना हक़ में बदलाव हो जाता है | इसे पढ़े -वसीयत के नियम क्या होते है| वसीयत कैसे लिखे | वसीयत और विरासत में क्या अन्तर है | भूमि (प्लाट एवं खेत )की रजिस्ट्री करवाते समय ध्यान देने योग्य बाते |
Note 1 -रजिस्ट्री का पैसा उस जमीन के सर्किल रेट पर ही लगता है | सर्किल रेट सरकारी रेट होता है | शहर भूमि का सर्किल रेट ज्यादा होता है ,जबकि गाँव का कम | Note 2 -स्टम्प शुल्क भी सर्किल रेट पर ही लगता है बेशक उस जमीन को कम दाम या ज्यादा दाम में खरीदा जाय | जमीन की रजिस्ट्री सब -रजिस्ट्रार करता है | इसे भी पढ़े -भारत में जमीन की माप तोल के लिए मात्रक इकाइयां क्या होती है | बिहार में ऑनलाइन दाखिल खारिज कैसे करे |
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बिहार दाखिल खारिज कैसे देखे | dakhil kharij kaise check kare
क्लिक करने के बाद एक map दिखाई देगा उसमे अपना जिला चुनना होगा |
जमीन की रजिस्ट्री कितने प्रकार की होती है?जमीन का वर्गीकरण छह से सात श्रेणियों में करने की योजना है। राजधानी समेत सूबे के सभी शहरी निकायों में अब जमीन की रजिस्ट्री भी इन्हीं छह-सात श्रेणियों में होगी। भूमि के वर्गीकरण का जिम्मा तीन विभागों को सौंपा है।
दाखिल खारिज नहीं होने पर क्या होगा?दाखिल खारिज न कराने से होते हैं कई और नुकसान
जिस प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज नहीं होता, उस प्रॉपर्टी के एवज में आप किसी बैंक से लोन भी नहीं ले सकते हैं. इसलिए, किसी भी तरह की जमीन खरीदते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि सिर्फ रजिस्ट्री करा लेना ही जरूरी नहीं है, उस जमीन का दाखिल खारिज कराना भी बहुत जरूरी होता है.
क्या दाखिल खारिज कैंसिल हो सकता है?उत्तर: हां, दाखिल खारिज कैंसिल हो सकता है।
बैनामा और दाखिल खारिज में क्या अंतर है?बैनामा (विक्रय पत्र) के बाद जब क्रेता सरकारी अभिलेखों में विक्रेता का नाम हटवा कर अपना नाम दर्ज करवाता है तो उस कार्रवाई को खारिज दाखिल कहते हैं।
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