'मानसरोवर' से कवि का क्या आशय है? Show
मानसरोवर से कवि का अभिप्राय हृदय रूपी तालाब से है, जो हमारे मन में स्थित है। 4027 Views तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है?तीसरे दोहे में कवि ने अनुभव से प्राप्त ज्ञान को महत्त्व दिया है। वह ज्ञान जो सहजता से सुलभ हो हमें उसी ज्ञान की साधना करनी चाहिए। 886 Views कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है? कवि के अनुसार सच्चे प्रेम की कसौटी भक्त की ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति से है। क्योंकि सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं और सदभावनाएँ जाग्रत हो जाती है। 1637 Views इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है? कबीर के अनुसार सच्चा संत वही कहलाता है जो साम्प्रदायिक भेदभाव, सांसारिक मोह माया से दूर, सभी स्तिथियों में समभाव (सुख दुःख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा) तथा निष्पक्ष भाव से ईश्वर की आराधना करता है। 2157 Views अंतिम दो दोहों के माध्यम से से कबीर ने किस तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है? अंतिम दो दोहों में दो तरह की संकीर्णता की ओर संकेत किया है - 970 Views 3 तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है 4 इस संसार में सच्चा संत कौन कहलाता है?कबीर के अनुसार सच्चा संत वही कहलाता है जो साम्प्रदायिक भेदभाव, सांसारिक मोह माया से दूर, सभी स्तिथियों में समभाव (सुख दुःख, लाभ-हानि, ऊँच-नीच, अच्छा-बुरा) तथा निष्पक्ष भाव से ईश्वर की आराधना करता है।
2 कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है 3 तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्व दिया है?कवि के अनुसार सच्चे प्रेमी की कसौटी यह है की उससे मिलने पर मन की सारी मलिनता नष्ट हो जाती है। पाप धुल जाते हैं और सदभावनाएँ जाग्रत हो जाती है। Question 3. तीसरे दोहे में कवि ने किस प्रकार के ज्ञान को महत्त्व दिया है ?
कवि ने सच्चे प्रेम की क्या कसौटी बताई है?कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है ? उत्तर:- कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी बताते हुए यह बताया है कि सच्चा प्रेमी अर्थात् जो ईश्वर को ही अपना प्रेमी समझकर उसे पाने का प्रयास करता है। सच्चा प्रेमी ईश्वर के अलावा किसी से कोई मोह नहीं रखता है। उसे मोह और संसार के बंधन भी नहीं बाँध सकते।
साखियाँ मानसरोवर से कवि का क्या आशय है कवि ने सच्चे प्रेमी की क्या कसौटी बताई है?Answer: सच्चे प्रेम से कवि का तात्पर्य भक्त की ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति से है। एक भक्त की कसौटी उसकी भक्ति है। अर्थात् ईश्वर की प्राप्ति ही भक्त की सफलता है।
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