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Home पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है? Question पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?Open in App Solution कौआ बड़ा विचित्र प्राणी है -कभी समादरित तो कभी अनादरित किया जाता है। पितृ पक्ष में लोग इसे आदर से बुलाकर भोजन देते हैं। कभी-कभी छत पर बैठ कर ये आने वाले का संदेश भी देते हैं, कहते हैं कौआ बोले तो कोई दूर से प्रिय जन आता है। परन्तु कौए की बोली बहुत कड़वी और कानों को चुभने वाली होती है इसलिए सब इसे भगा कर अनादरित भी करते हैं।Suggest Corrections 13 Same exercise questions Q. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था? Q. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? Q. गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया? Q. सोन जूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे? Q. लेखिका का ध्यान आकर्षितकरने के लिएगिल्लू क्याकरता था? View More कौवे को अनादरित मानने का क्या कारण है?कौए के माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है। इसका अनादर इसलिए किया जाता है, क्योंकि कौआ काँव-काँव करके हमारा सिर खा जाता है इसकी कर्कश वाणी किसी को नहीं भाती। अतः यह अनादरित होता है।
कौवे को समादरित क्यों माना जाता है?श्राधों में लोग कौए को आदर से बुलाते हैं। पाठ के आधार पर कौए को समादरित इसलिए कहा गया है क्योंकि माना जाता है कि जो लोग मर जाते हैं, वे कौए के रूप में अपने प्रियजनों से मिलने आते है। उन्हें खाना खिलाकर ये माना जाता है कि अपने प्रियजनों को खाना खिला दिया। इसके माध्यम से ही दूर बसे प्रियजनों के आने का संदेश मिलता है।
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